पॉलिथीन: Difference between revisions
No edit summary |
m (added Category:Vidyalaya Completed using HotCat) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:बहुलक]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | [[Category:बहुलक]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | ||
[[Category:Vidyalaya Completed]] | |||
पॉलिथीन एक रैखिक अथवा कम शाखाओं की एक लम्बी श्रंख्ला होती है तह एक ताप सुदृढ बहुलक है। अतः इसे गर्म करके मृदु और ठंडा करके कठोर बनाया जा सकता है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को '''बहुलकीकरण''' कहते हैं। | पॉलिथीन एक रैखिक अथवा कम शाखाओं की एक लम्बी श्रंख्ला होती है तह एक ताप सुदृढ बहुलक है। अतः इसे गर्म करके मृदु और ठंडा करके कठोर बनाया जा सकता है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को '''बहुलकीकरण''' कहते हैं। | ||
Revision as of 12:07, 2 January 2024
पॉलिथीन एक रैखिक अथवा कम शाखाओं की एक लम्बी श्रंख्ला होती है तह एक ताप सुदृढ बहुलक है। अतः इसे गर्म करके मृदु और ठंडा करके कठोर बनाया जा सकता है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।
बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं। यह एक योगात्मक बहुलक है, यह एक समबहुलक का उदाहरण है
पॉलिथीन दो प्रकार की होती है।
अल्प घनत्व पॉलिथीन
यह अक्रिय और कठोर परन्तु लचीली होती है और यह विधुत की अल्प चालक होती है अतः इसका उपयोग विधुत वाहक तारों के विधुत रोधन और बोतलों, खिलौनों और लचीले पाइप के निर्माण किया जाता है।
उच्च घनत्व पॉलिथीन
यह रासायनिक रूप से निष्क्रिय अधिक कठोर और दृढ़ होती है यह बाल्टी बनाने, कूड़ादान, बोतलों, पाइपों आदि के निर्माण में प्रयोग की जाती है। यह किसी एथीन हाइड्रोकार्बन विलायक में ट्राइ एथिल एलुमीनियम और टाइटेनियम टेट्राक्लोराइड जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थित में 333 K से 343 K ताप और 6 - 7 वायुमंडलीय दाब पर बहुलकन करने से प्राप्त होता है।
योगात्मक बहुलकन
इस प्रकार के बहुलक में एक अथवा भिन्न प्रकार के एकलक अणु परस्पर योग करते हैं इसमें प्रयुक्त होने वाले बहुलक असंतृप्त योगिक होते हैं। जैसे - एल्कीन इस विधि में श्रंख्ला की लम्बाई में वृद्धि होती है यह मुक्त मूलक द्वारा होती है
समबहुलक
एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है।
उदाहरण - पॉलीथीन
अभ्यास प्रश्न
- बहुलक से आप क्या समझते है ?
- बहुलक कितने प्रकार के होते हैं ?
- समबहुलक को उदाहरण द्वारा समझाइये।
- पॉलिथीन में एकलक अणु क्या है ?