कार्बनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन संचलन: Difference between revisions
No edit summary |
(→उदाहरण) |
||
Line 20: | Line 20: | ||
<chem>CH3-Cl -> CH3. + Cl.</chem> | <chem>CH3-Cl -> CH3. + Cl.</chem> | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* कार्बनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन संचलन से आप क्या समझते हैं? | |||
* फिश हुक तीर से आप क्या समझते हैं ? |
Revision as of 12:04, 19 February 2024
कार्बनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन संचलन मुड़े हुए तीरों द्वारा दर्शाया जाता है। इसमें अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉनों का पुनर्वितरण होता है इसमें आबंध परिवर्तन होता है। इलेक्ट्रॉन युग्म की स्थित में परिवर्तन को दर्शाने के लिए इसे एक तीर द्वारा दर्शाया जाता है। अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉनों के पुनर्वितरण के कारण होने वाले आबंध परिवर्तनों को दर्शाता है। इलेक्ट्रॉन युग्म की स्थित में परिवर्तन को दिखने के लिए तीर उस इलेक्ट्रॉन युग्म से आरम्भ होता है, जो अभिक्रिया में उस स्थित से संचलन कर रहा है। जहाँ यह युग्म संचलित हो जाता है, वहां तीर का अंत होता है।
इलेक्ट्रॉन युग्म के विस्थापन इस प्रकार हैं:
एक इलेक्ट्रॉन के संचलन को अर्ध-शीर्ष तीर 'फिश हुक' द्वारा दर्शाया जाता है।
उदाहरण
हाइड्रॉक्सॉइड से एथेनॉल प्राप्त होने में क्लोरो -मेथेन के विघटन में मुड़े तीरों का उपयोग करके इलेक्ट्रॉन के संचलन को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है -
अभ्यास प्रश्न
- कार्बनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन संचलन से आप क्या समझते हैं?
- फिश हुक तीर से आप क्या समझते हैं ?