गुणावृत्ति की आवृत्ति: Difference between revisions

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Harmonic frequency
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हार्मोनिक आवृत्ति, एक हार्मोनिक दोलन की आवृत्ति को संदर्भित करती है, जो एक प्रकार की  आवधिक गति है जिसमें एक वस्तु या प्रणाली एक संतुलन स्थिति के आसपास आगे और पीछे दोलन करती है। भौतिकी और इंजीनियरिंग में, हार्मोनिक फ्रीक्वेंसी एक मौलिक अवधारणा है जो यांत्रिकी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स, ध्वनिकी और सिग्नल प्रोसेसिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
गुणावृत्ति की आवृत्ति (हार्मोनिक फ्रीक्वन्सी) आवृत्ति, एक हार्मोनिक दोलन की आवृत्ति को संदर्भित करती है, जो एक प्रकार की  आवधिक गति है जिसमें एक वस्तु या प्रणाली एक संतुलन स्थिति के आसपास आगे और पीछे दोलन करती है। भौतिकी और इंजीनियरिंग में, हार्मोनिक फ्रीक्वेंसी एक मौलिक अवधारणा है जो यांत्रिकी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स, ध्वनिकी और सिग्नल प्रोसेसिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।


हार्मोनिक दोलनों को साइन या कोसाइन फ़ंक्शन जैसे साइनसॉइडल फ़ंक्शन का उपयोग करके गणितीय रूप से वर्णित किया जा सकता है। हार्मोनिक फ्रीक्वेंसी वह फ्रीक्वेंसी होती है जिस पर ऑब्जेक्ट या सिस्टम सबसे बड़े आयाम या उच्चतम ऊर्जा के साथ दोलन करता है। इसे सिस्टम की प्राकृतिक आवृत्ति या गुंजयमान आवृत्ति के रूप में भी जाना जाता है।
गुणावृत दोलनों को त्रिज्या और कोज्या फलन (साइन या कोसाइन फ़ंक्शन) जैसे ज्यावक्रीय फलन (साइनसॉइडल फ़ंक्शन) का उपयोग करके गणितीय रूप से वर्णित किया जा सकता है। गुणावृत्ति की आवृत्ति, वह आवृत्ति होती है जिस पर वस्तु अथवा प्रणाली  (ऑब्जेक्ट या सिस्टम), सबसे बड़े आयाम या उच्चतम ऊर्जा के साथ दोलन करता है। इसे किसी व्यवस्था (सिस्टम) की प्राकृतिक आवृत्ति या गुंजयमान आवृत्ति के रूप में भी जाना जाता है।


एक प्रणाली की हार्मोनिक आवृत्ति इसके भौतिक गुणों पर निर्भर करती है, जैसे कि इसका द्रव्यमान, कठोरता और भिगोना। उदाहरण के लिए, द्रव्यमान-वसंत प्रणाली जैसी यांत्रिक प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति वसंत की कठोरता और उससे जुड़ी वस्तु के द्रव्यमान से निर्धारित होती है। एक एलसी सर्किट जैसी विद्युत प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति सर्किट के कैपेसिटेंस और इंडक्शन द्वारा निर्धारित की जाती है। एक ध्वनिक प्रणाली में एक संगीत वाद्ययंत्र की तरह, हार्मोनिक आवृत्तियां उत्पादित ध्वनि की पिच निर्धारित करती हैं।
एक प्रणाली की हार्मोनिक आवृत्ति इसके भौतिक गुणों पर निर्भर करती है, जैसे कि इसका द्रव्यमान, कठोरता और भिगोना। उदाहरण के लिए, द्रव्यमान-वसंत प्रणाली जैसी यांत्रिक प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति वसंत की कठोरता और उससे जुड़ी वस्तु के द्रव्यमान से निर्धारित होती है। एक एलसी सर्किट जैसी विद्युत प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति सर्किट के कैपेसिटेंस और इंडक्शन द्वारा निर्धारित की जाती है। एक ध्वनिक प्रणाली में एक संगीत वाद्ययंत्र की तरह, हार्मोनिक आवृत्तियां उत्पादित ध्वनि की पिच निर्धारित करती हैं।

Revision as of 13:30, 19 March 2024

Harmonic frequency

गुणावृत्ति की आवृत्ति (हार्मोनिक फ्रीक्वन्सी) आवृत्ति, एक हार्मोनिक दोलन की आवृत्ति को संदर्भित करती है, जो एक प्रकार की आवधिक गति है जिसमें एक वस्तु या प्रणाली एक संतुलन स्थिति के आसपास आगे और पीछे दोलन करती है। भौतिकी और इंजीनियरिंग में, हार्मोनिक फ्रीक्वेंसी एक मौलिक अवधारणा है जो यांत्रिकी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स, ध्वनिकी और सिग्नल प्रोसेसिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।

गुणावृत दोलनों को त्रिज्या और कोज्या फलन (साइन या कोसाइन फ़ंक्शन) जैसे ज्यावक्रीय फलन (साइनसॉइडल फ़ंक्शन) का उपयोग करके गणितीय रूप से वर्णित किया जा सकता है। गुणावृत्ति की आवृत्ति, वह आवृत्ति होती है जिस पर वस्तु अथवा प्रणाली (ऑब्जेक्ट या सिस्टम), सबसे बड़े आयाम या उच्चतम ऊर्जा के साथ दोलन करता है। इसे किसी व्यवस्था (सिस्टम) की प्राकृतिक आवृत्ति या गुंजयमान आवृत्ति के रूप में भी जाना जाता है।

एक प्रणाली की हार्मोनिक आवृत्ति इसके भौतिक गुणों पर निर्भर करती है, जैसे कि इसका द्रव्यमान, कठोरता और भिगोना। उदाहरण के लिए, द्रव्यमान-वसंत प्रणाली जैसी यांत्रिक प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति वसंत की कठोरता और उससे जुड़ी वस्तु के द्रव्यमान से निर्धारित होती है। एक एलसी सर्किट जैसी विद्युत प्रणाली में, हार्मोनिक आवृत्ति सर्किट के कैपेसिटेंस और इंडक्शन द्वारा निर्धारित की जाती है। एक ध्वनिक प्रणाली में एक संगीत वाद्ययंत्र की तरह, हार्मोनिक आवृत्तियां उत्पादित ध्वनि की पिच निर्धारित करती हैं।

कई व्यावहारिक अनुप्रयोगों में हार्मोनिक आवृत्तियाँ महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, इंजीनियरिंग और भौतिकी में, संरचनाओं, सर्किटों और प्रणालियों की हार्मोनिक आवृत्तियों को समझना उनके व्यवहार को डिजाइन और विश्लेषण करने के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे संरचनात्मक इंजीनियरिंग, कंपन विश्लेषण और विद्युत सर्किट। ध्वनिकी में, संगीत वाद्ययंत्र, कक्ष ध्वनिकी और ध्वनि प्रसार के गुणों को समझने के लिए हार्मोनिक आवृत्तियों महत्वपूर्ण हैं। सिग्नल प्रोसेसिंग में, जटिल संकेतों का विश्लेषण और संश्लेषण करने के लिए फूरियर विश्लेषण में हार्मोनिक आवृत्तियों का उपयोग किया जाता है।

संक्षेप में, हार्मोनिक आवृत्ति उस आवृत्ति को संदर्भित करती है जिस पर कोई वस्तु या प्रणाली सबसे बड़े आयाम के साथ दोलन करती है, और यह विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली एक मौलिक अवधारणा है।