एन्जाइम संदमक: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 4: | Line 4: | ||
एंजाइम उत्प्रेरक सामान्यतः रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सब्सट्रेट एक उत्पाद में परिवर्तित हो जाता है। | एंजाइम उत्प्रेरक सामान्यतः रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सब्सट्रेट एक उत्पाद में परिवर्तित हो जाता है। | ||
====एंजाइम अवरोधक==== | ====एंजाइम अवरोधक==== | ||
एक निश्चित अणु एक एंजाइम की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे एंजाइम अवरोधक के रूप में जाना जाता है। | एक निश्चित अणु एक एंजाइम की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे एंजाइम अवरोधक के रूप में जाना जाता है। कुछ पदार्थ एन्जाइम की आबंधन सतह को रोककर इन अन्योन्य क्रियाओं में बाधा डालते है और क्रियाधार के एन्जाइम पर आबंधन को रोककर एन्जाइम की उत्प्रेरक क्रिया को बाधित अर्थात संदमित करते है, इन्हें संदमक कहा जाता है। |
Revision as of 11:28, 27 March 2024
एंजाइम उत्प्रेरक एक जैव उत्प्रेरक हैं जिनका उपयोग कार्बनिक यौगिकों के परिवर्तन तथा संश्लेषण में किया जा सकता है। एक प्राकृतिक एंजाइम सामान्यतः एक जैविक उच्च अणुभार वाला यौगिक होता है जो जीवित जीवों द्वारा निर्मित होता है। ये जटिल नाइट्रोजनयुक्त प्रोटीन हैं जो जीवित जीवों में जैव रासायनिक अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने में मदद करते हैं। अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि जीवित जीवों में होने वाली सभी जैव रासायनिक अभिक्रियाएँ उत्प्रेरक पर निर्भर करती हैं।
एंजाइम उत्प्रेरक सामान्यतः रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सब्सट्रेट एक उत्पाद में परिवर्तित हो जाता है।
एंजाइम अवरोधक
एक निश्चित अणु एक एंजाइम की सक्रिय साइट पर आता है और बंध बनाता है जिससे कोई नया अणु नहीं आ पता, जिसे एंजाइम अवरोधक के रूप में जाना जाता है। कुछ पदार्थ एन्जाइम की आबंधन सतह को रोककर इन अन्योन्य क्रियाओं में बाधा डालते है और क्रियाधार के एन्जाइम पर आबंधन को रोककर एन्जाइम की उत्प्रेरक क्रिया को बाधित अर्थात संदमित करते है, इन्हें संदमक कहा जाता है।