पायसीकारक: Difference between revisions

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पायस से तात्पर्य तेल और जल जैसे दो अमिश्रणीय द्रव पदार्थों के मिश्रण से है, जो एक इमल्सीफाइंग एजेंट द्वारा स्थिर किया जाता है। पायस (emulsion) दो या इससे अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों से बना एक मिश्रण है। एक तरल (परिक्षेपण प्रावस्था) और दूसरा तरल (सतत प्रावस्था) में परिक्षेपित (फैलता) होता है।  पायस का सामान्यतः  रोजमर्रा की जिंदगी में सामना होता है, खासकर भोजन और सौंदर्य प्रसाधनों की वस्तुओं में उपयोग किया जाता है। '''''पायसीकरण''''' दो अमिश्रणीय द्रव अवस्थाओं से पायस का निर्माण है। एक अमिश्रणीय द्रव को दूसरे अमिश्रणीय द्रव में परिक्षेपित करने की प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। कुछ सामान्य इमल्सीफाइंग एजेंट डिटर्जेंट और साबुन आदि हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न प्रकार के मिक्सर में इमल्शन के अवयवों के यांत्रिक मिश्रण द्वारा उद्योगों में व्यापक रूप से की जाती है। जब दो या दो से अधिक द्रव को आपस में मिलाया जाता है, तो पायस प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। पायस स्थायी नहीं होते हैं, क्योंकि द्रवो के बीच ससंजक बल अधिक होता है।
[[पायस]] से तात्पर्य तेल और जल जैसे दो अमिश्रणीय द्रव पदार्थों के मिश्रण से है, जो एक इमल्सीफाइंग एजेंट द्वारा स्थिर किया जाता है। पायस (emulsion) दो या इससे अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों से बना एक मिश्रण है। एक तरल (परिक्षेपण प्रावस्था) और दूसरा तरल (सतत प्रावस्था) में परिक्षेपित (फैलता) होता है।  पायस का सामान्यतः  रोजमर्रा की जिंदगी में सामना होता है, खासकर भोजन और सौंदर्य प्रसाधनों की वस्तुओं में उपयोग किया जाता है। '''''पायसीकरण''''' दो अमिश्रणीय द्रव अवस्थाओं से पायस का निर्माण है। एक अमिश्रणीय द्रव को दूसरे अमिश्रणीय द्रव में परिक्षेपित करने की प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। कुछ सामान्य इमल्सीफाइंग एजेंट डिटर्जेंट और [[साबुनीकरण|साबुन]] आदि हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न प्रकार के मिक्सर में [[इमल्शन]] के अवयवों के यांत्रिक मिश्रण द्वारा उद्योगों में व्यापक रूप से की जाती है। जब दो या दो से अधिक द्रव को आपस में मिलाया जाता है, तो पायस प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। पायस स्थायी नहीं होते हैं, क्योंकि द्रवो के बीच ससंजक बल अधिक होता है।


पायसीकारक एक ऐसा पदार्थ है जो इमल्शन को स्थिर करता है । इसे इमल्जेंट भी कहा जाता है. डिटर्जेंट जैसे सर्फेक्टेंट एक प्रकार के पायसीकारकों हैं। सर्फेक्टेंट को सतह-सक्रिय एजेंट भी कहा जाता है।
पायसीकारक एक ऐसा पदार्थ है जो इमल्शन को स्थिर करता है । इसे इमल्जेंट भी कहा जाता है. डिटर्जेंट जैसे सर्फेक्टेंट एक प्रकार के पायसीकारकों हैं। सर्फेक्टेंट को सतह-सक्रिय एजेंट भी कहा जाता है।
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*इमल्सीफाइंग एजेंटों की सांद्रता।
*इमल्सीफाइंग एजेंटों की सांद्रता।
==उपयोग==
==उपयोग==
*आमाशय व छोटी आंत में वसा का पाचन पायसीकरण की प्रक्रिया से होता है।
*[[आमाशय]] व छोटी आंत में वसा का [[पाचन]] पायसीकरण की प्रक्रिया से होता है।
*साबुन तथा अपमार्जक की क्रियाविधि पायसीकरण के द्वारा ही समझायी जा सकती है।
*साबुन तथा [[अपमार्जक]] की क्रियाविधि पायसीकरण के द्वारा ही समझायी जा सकती है।
*सड़कों के निर्माण में जल में पायसीक्रत प्रयुक्त होता है।
*सड़कों के निर्माण में जल में पायसीक्रत प्रयुक्त होता है।
*दूध वास्तव में द्रव वसा का जल में पायस है।
*दूध वास्तव में द्रव वसा का जल में पायस है।

Latest revision as of 10:57, 31 May 2024

पायस से तात्पर्य तेल और जल जैसे दो अमिश्रणीय द्रव पदार्थों के मिश्रण से है, जो एक इमल्सीफाइंग एजेंट द्वारा स्थिर किया जाता है। पायस (emulsion) दो या इससे अधिक अमिश्रणीय तरल पदार्थों से बना एक मिश्रण है। एक तरल (परिक्षेपण प्रावस्था) और दूसरा तरल (सतत प्रावस्था) में परिक्षेपित (फैलता) होता है। पायस का सामान्यतः  रोजमर्रा की जिंदगी में सामना होता है, खासकर भोजन और सौंदर्य प्रसाधनों की वस्तुओं में उपयोग किया जाता है। पायसीकरण दो अमिश्रणीय द्रव अवस्थाओं से पायस का निर्माण है। एक अमिश्रणीय द्रव को दूसरे अमिश्रणीय द्रव में परिक्षेपित करने की प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। कुछ सामान्य इमल्सीफाइंग एजेंट डिटर्जेंट और साबुन आदि हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न प्रकार के मिक्सर में इमल्शन के अवयवों के यांत्रिक मिश्रण द्वारा उद्योगों में व्यापक रूप से की जाती है। जब दो या दो से अधिक द्रव को आपस में मिलाया जाता है, तो पायस प्राप्त होता है, इस प्रक्रिया को पायसीकरण कहते हैं। पायस स्थायी नहीं होते हैं, क्योंकि द्रवो के बीच ससंजक बल अधिक होता है।

पायसीकारक एक ऐसा पदार्थ है जो इमल्शन को स्थिर करता है । इसे इमल्जेंट भी कहा जाता है. डिटर्जेंट जैसे सर्फेक्टेंट एक प्रकार के पायसीकारकों हैं। सर्फेक्टेंट को सतह-सक्रिय एजेंट भी कहा जाता है।

पायसीकारकों के कुछ उदाहरण हैं लेसिथिन, सोया लेसिथिन, मोनोग्लिसराइड के डायएसिटाइल टार्टरिक एसिड एस्टर, सरसों, सोडियम स्टीयरॉयल लैक्टिलेट और सोडियम फॉस्फेट।

पायस के उदाहरण

मक्खन और मार्जरीन, दूध और क्रीम, फोटो फिल्म का प्रकाश संवेदी पक्ष, मैग्मा और धातु काटने मे काम आने वाले तरल।

पायस के प्रकार

  • जल में तेल– जब जल की अधिक मात्रा में तेल को लेकर हिलाया जाता है तो जल में तेल प्रकार का पायस बनता है। उदाहरण- दूध
  • तेल में जल– जब तेल की अधिक मात्रा में कम मात्रा में जल को मिलाकर हिलाया जाता है तो तेल में एक प्रकार का पायस बनता है। उदाहरण- कॉड-लिवर या कोल्ड क्रीम

अनुप्रयोग

खाद्य उद्योग: मेयोनेज़, सलाद ड्रेसिंग और आइसक्रीम आदि में ।

सौंदर्य प्रसाधन: क्रीम, लोशन और शैंपू।

फार्मास्यूटिकल्स: बेहतर दवा वितरण के लिए इमल्सीफाइड दवाएं।

पायस की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कारक

पायस की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कारक

  • तापमान
  • पीएच
  • इमल्सीफाइंग एजेंटों की सांद्रता।

उपयोग

  • आमाशय व छोटी आंत में वसा का पाचन पायसीकरण की प्रक्रिया से होता है।
  • साबुन तथा अपमार्जक की क्रियाविधि पायसीकरण के द्वारा ही समझायी जा सकती है।
  • सड़कों के निर्माण में जल में पायसीक्रत प्रयुक्त होता है।
  • दूध वास्तव में द्रव वसा का जल में पायस है।

अभ्यास प्रश्न

  • पायस से आप क्या समझते हैं ?
  • पायसीकारक से आप क्या समझते हैं ?
  • इमल्शन के प्रकार बताइये।
  • इमल्शन से क्या तात्पर्य है ?