फिंकेलस्टाइन अभिक्रिया: Difference between revisions

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<chem>CH3-CH2Br + NaI -> CH3-CH2-I + NaBr</chem>
<chem>CH3-CH2Br + NaI -> CH3-CH2-I + NaBr</chem>
* यह एक द्विआणविक अभिक्रिया है।
* इसमें हैलाइड का आदान प्रदान होता है।
* यह एक SN<sup>2</sup> अभिक्रिया है।
यह अभिक्रिया निम्नलिखित स्थितियों पर निर्भर करती है।
* न्यूक्लियोफिलिसिटी
* समूह की प्रकृति
* कार्बन-हैलोजन बंध
* एल्काइल हैलाइड अभिक्रियाशीलता

Revision as of 11:00, 19 April 2024

फिंकेलस्टीन अभिक्रिया एक प्रतिस्थापन न्यूक्लियोफिलिक द्विआण्विक अभिक्रिया (SN2) है जिसमें हैलोजन परमाणुओं का आदान-प्रदान सम्मिलित है। इसका नाम जर्मन रसायनज्ञ हंस फिंकेलस्टीन के नाम पर रखा गया है। यह एक कार्बनिक अभिक्रिया के माध्यम से एक एल्काइल हैलाइड को दूसरे एल्काइल हैलाइड में परिवर्तित करती है जिसमें धातु हैलाइड लवण का उपयोग किया जाता है।

  • यह एक द्विआणविक अभिक्रिया है।
  • इसमें हैलाइड का आदान प्रदान होता है।
  • यह एक SN2 अभिक्रिया है।

यह अभिक्रिया निम्नलिखित स्थितियों पर निर्भर करती है।

  • न्यूक्लियोफिलिसिटी
  • समूह की प्रकृति
  • कार्बन-हैलोजन बंध
  • एल्काइल हैलाइड अभिक्रियाशीलता