ध्रुवीय ज्योति: Difference between revisions
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जैसे ही सीएमई से उप-परमाणु कणों को नीचे की ओर वातायन करते हैं, आयनमंडल के रूप में जाने जाने वाले वायुमंडल के माध्यम से बहने वाले विद्युत प्रवाह की नालिकाएं तीव्र हो जाते हैं। ध्रुवीय ज्योति प्रदर्शित (ऑरोरल डिस्प्ले) को सक्रीय करने के अतिरिक्त, यह पृथ्वी की सतह पर शक्तिशाली चुंबकीय उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है। | जैसे ही सीएमई से उप-परमाणु कणों को नीचे की ओर वातायन करते हैं, आयनमंडल के रूप में जाने जाने वाले वायुमंडल के माध्यम से बहने वाले विद्युत प्रवाह की नालिकाएं तीव्र हो जाते हैं। ध्रुवीय ज्योति प्रदर्शित (ऑरोरल डिस्प्ले) को सक्रीय करने के अतिरिक्त, यह पृथ्वी की सतह पर शक्तिशाली चुंबकीय उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है। | ||
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ऑरोरा बोरेलिस कैसे बनाया जाता है, इसकी चरण-दर-चरण व्याख्या यहां दी गई है: | ऑरोरा बोरेलिस कैसे बनाया जाता है, इसकी चरण-दर-चरण व्याख्या यहां दी गई है: | ||
Revision as of 12:06, 14 June 2024
Aurora Borealis
ध्रुवीय ज्योति, जिसे उत्तरी प्रकाश (जिसे आंग्ल भाषा में ऑरोरा बोरेलिस अथवा नॉर्दर्न लाइट्स) के नाम से भी जाना जाता है, एक आकर्षक प्राकृतिक, प्रकाश प्रदर्शन है,जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों में होता है। यह सूर्य से निकले चुंबकीय कणों (कॉरनल मास इजेक्शन) और पृथ्वी के वायुमंडल के आवेशित कणों के बीच परस्पर क्रिया के कारण होता है।
कोरोनल मास इजेक्शन
कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई CME) सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का बड़ा निष्कासन है। वे अरबों टन कोरोनल सामग्री को बाहर निकाल सकते हैं और एक एम्बेडेड चुंबकीय क्षेत्र (फ्लक्स में जमे हुए) ले जा सकते हैं, जो पृष्ठभूमि सौर पवन इंटरप्लेनेटरी चुंबकीय क्षेत्र (आईएमएफ) की क्षमता से अधिक प्रबल है।
जैसे ही सीएमई से उप-परमाणु कणों को नीचे की ओर वातायन करते हैं, आयनमंडल के रूप में जाने जाने वाले वायुमंडल के माध्यम से बहने वाले विद्युत प्रवाह की नालिकाएं तीव्र हो जाते हैं। ध्रुवीय ज्योति प्रदर्शित (ऑरोरल डिस्प्ले) को सक्रीय करने के अतिरिक्त, यह पृथ्वी की सतह पर शक्तिशाली चुंबकीय उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है।
बनने की प्रक्रीया
ऑरोरा बोरेलिस कैसे बनाया जाता है, इसकी चरण-दर-चरण व्याख्या यहां दी गई है:
सौर पवन: सूर्य लगातार अंतरिक्ष में आवेशित कणों की एक धारा छोड़ता है, जिसे सौर पवन के रूप में जाना जाता है।
चुंबकीय क्षेत्र: पृथ्वी का अपना चुंबकीय क्षेत्र है, जो इसके आंतरिक भाग से लेकर ग्रह के चारों ओर अंतरिक्ष तक फैला हुआ है।
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ संपर्क: जब सौर हवा पृथ्वी पर पहुंचती है, तो यह हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र के साथ संपर्क करती है।
चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं और सर्पिलिंग: सौर हवा में आवेशित कण, ज्यादातर इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में फंस जाते हैं।
फिर ये कण ध्रुवीय क्षेत्रों (उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव) की ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का अनुसरण करते हैं।
वायुमंडल से टकराव: जैसे ही सौर हवा से आवेशित कण ध्रुवों के पास पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, वे वायुमंडल में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसे गैस अणुओं से टकराते हैं।
गैस अणुओं का उत्तेजना: ये टकराव वायुमंडल में गैस अणुओं में ऊर्जा स्थानांतरित करते हैं, जिससे वे उच्च ऊर्जा अवस्था में उत्तेजित हो जाते हैं।
प्रकाश उत्सर्जन: जब उत्तेजित गैस अणु अपनी सामान्य (कम ऊर्जा) स्थिति में लौटते हैं, तो वे प्रकाश के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा छोड़ते हैं। विभिन्न गैस अणु अलग-अलग रंगों का प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। ऑक्सीजन हरी और लाल रोशनी उत्सर्जित करती है, जबकि नाइट्रोजन नीली और बैंगनी रोशनी उत्सर्जित करती है।
लाइट शो: प्रकाश उत्सर्जित करने वाले इन सभी उत्साहित गैस अणुओं का सामूहिक प्रभाव एक सुंदर और रंगीन प्रकाश प्रदर्शन बनाता है जिसे ऑरोरा बोरेलिस के नाम से जाना जाता है।
उपस्थिति और स्थान
ऑरोरा बोरेलिस रात के आकाश में झिलमिलाते पर्दों, चापों या प्रकाश के बैंड के रूप में नृत्य करता हुआ दिखाई देता है। इसका रंग आमतौर पर हरा होता है, लेकिन इसमें लाल, बैंगनी, नीला और गुलाबी रंग भी हो सकता है।
नॉर्दर्न लाइट्स मुख्य रूप से नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, कनाडा और अलास्का जैसे आर्कटिक सर्कल के पास उच्च अक्षांश क्षेत्रों में दिखाई देती हैं। दक्षिणी गोलार्ध में ऑरोरा बोरेलिस के समकक्ष को ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस या दक्षिणी लाइट्स कहा जाता है।
इसे अरोरा बोरेलिस क्यों कहा जाता है?
शब्द "ऑरोरा बोरेलिस" दो शब्दों से बना है: "ऑरोरा", जो भोर की रोमन देवी है, और "बोरेलिस", जिसका लैटिन में अर्थ है "उत्तरी"। तो, नाम का शाब्दिक अनुवाद "उत्तरी डॉन" है क्योंकि रोशनी अक्सर सूर्योदय की तरह अंधेरे आकाश को चमकती और रोशन करती दिखाई देती है।
संक्षेप में
ऑरोरा बोरेलिस एक आकर्षक प्राकृतिक घटना है जिसने सदियों से लोगों को आश्चर्यचकित और प्रेरित किया है।
यह सूर्य, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल के बीच परस्पर क्रिया का एक सुंदर उदाहरण है, और यह हमारे ग्रह और ब्रह्मांड के चमत्कारों को प्रदर्शित करता है।