विचलन कोण: Difference between revisions
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विचलन कोण आपतन कोण और उद्भव कोण और अपवर्तन कोण के योग के बीच का अंतर है। | विचलन कोण आपतन कोण और उद्भव कोण और अपवर्तन कोण के योग के बीच का अंतर है। | ||
प्रिज्म और स्पेक्ट्रोमीटर से निपटने की अवधि में यह अवधारणा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। प्रिज्म का उपयोग प्रायः प्रकाश को उसके विभिन्न रंगों (स्पेक्ट्रम) में फैलाने के लिए किया जाता है क्योंकि प्रिज्म से गुजरते समय प्रकाश के विभिन्न रंग अलग-अलग मात्रा में झुकते हैं। इस फैलाव के कारण ही | प्रिज्म और स्पेक्ट्रोमीटर से निपटने की अवधि में यह अवधारणा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। प्रिज्म का उपयोग प्रायः प्रकाश को उसके विभिन्न रंगों (स्पेक्ट्रम) में फैलाने के लिए किया जाता है क्योंकि प्रिज्म से गुजरते समय प्रकाश के विभिन्न रंग अलग-अलग मात्रा में झुकते हैं। इस फैलाव के कारण ही इंद्रधनुष दिखाई देता है जब सूर्य का प्रकाश वर्षा की बूंदों से होकर गुजरता है। | ||
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स्पेक्ट्रोमीटर, प्रकाश का विश्लेषण करने और उसकी संरचना निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण हैं। विचलन का कोण स्पेक्ट्रोमीटर के कामकाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य को अलग करने में | स्पेक्ट्रोमीटर, प्रकाश का विश्लेषण करने और उसकी संरचना निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण हैं। विचलन का कोण स्पेक्ट्रोमीटर के कामकाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य को अलग करने में सुविधा करता है और वैज्ञानिकों को विभिन्न पदार्थों द्वारा उत्सर्जित या अवशोषित रंगों के अद्वितीय पैटर्न का अध्ययन करने की अनुमति देता है। | ||
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किरण प्रकाशिकी और ऑप्टिकल उपकरण में विचलन का कोण एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो हमें यह समझने में मदद करता है कि प्रिज्म जैसे माध्यमों से गुजरते समय प्रकाश कैसे मुड़ता है और स्पेक्ट्रोमीटर जैसे उपकरणों में इसका उपयोग कैसे किया जाता है। | किरण प्रकाशिकी और ऑप्टिकल उपकरण में विचलन का कोण एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो हमें यह समझने में मदद करता है कि प्रिज्म जैसे माध्यमों से गुजरते समय प्रकाश कैसे मुड़ता है और स्पेक्ट्रोमीटर जैसे उपकरणों में इसका उपयोग कैसे किया जाता है। | ||
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Revision as of 10:19, 26 June 2024
Angle of deviation
जब प्रकाश किसी प्रिज्म या किसी अन्य पारदर्शी माध्यम से गुजरता है, तो अपवर्तन नामक घटना के कारण मुड़ जाता है। वह कोण जिस पर आने वाली प्रकाश किरण प्रिज्म में प्रवेश करती है और वह कोण जिस पर वह प्रिज्म से निकलती है, दोनों ही प्रभावित करते हैं कि प्रकाश किस प्रकार मुड़ता है। आपतन कोण (वह कोण जिस पर प्रकाश किरण प्रवेश करती है) और अपवर्तन कोण (वह कोण जिस पर प्रकाश किरण निकलती है) के बीच के अंतर को विचलन कोण (जिसे कहीं कहीं "विक्षेपण कोण" नाम से भी जाना जाता है) कहते हैं।
गणितीय रूप से
विचलन कोण (δ) को निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करके व्यक्त किया जा सकता है:
जहाँ:
δ (डेल्टा) विचलन का कोण है
i आपतन कोण है (वह कोण जिस पर प्रकाश किरण प्रिज्म में प्रवेश करती है)
ε (एप्सिलॉन) उद्भव का कोण है (वह कोण जिस पर प्रकाश किरण प्रिज्म से निकलती है)
r अपवर्तन का कोण है (प्रिज्म के अंदर आपतित किरण और प्रिज्म की सतह पर लंबवत खींची गई सामान्य रेखा के बीच का कोण)
सरल शब्दों में
विचलन कोण आपतन कोण और उद्भव कोण और अपवर्तन कोण के योग के बीच का अंतर है।
प्रिज्म और स्पेक्ट्रोमीटर से निपटने की अवधि में यह अवधारणा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। प्रिज्म का उपयोग प्रायः प्रकाश को उसके विभिन्न रंगों (स्पेक्ट्रम) में फैलाने के लिए किया जाता है क्योंकि प्रिज्म से गुजरते समय प्रकाश के विभिन्न रंग अलग-अलग मात्रा में झुकते हैं। इस फैलाव के कारण ही इंद्रधनुष दिखाई देता है जब सूर्य का प्रकाश वर्षा की बूंदों से होकर गुजरता है।
दूसरी ओर
स्पेक्ट्रोमीटर, प्रकाश का विश्लेषण करने और उसकी संरचना निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण हैं। विचलन का कोण स्पेक्ट्रोमीटर के कामकाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य को अलग करने में सुविधा करता है और वैज्ञानिकों को विभिन्न पदार्थों द्वारा उत्सर्जित या अवशोषित रंगों के अद्वितीय पैटर्न का अध्ययन करने की अनुमति देता है।
संक्षेप में
किरण प्रकाशिकी और ऑप्टिकल उपकरण में विचलन का कोण एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो हमें यह समझने में मदद करता है कि प्रिज्म जैसे माध्यमों से गुजरते समय प्रकाश कैसे मुड़ता है और स्पेक्ट्रोमीटर जैसे उपकरणों में इसका उपयोग कैसे किया जाता है।