पाउली अपवर्जन सिद्धांत: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:भौतिक रसायन]]
[[Category:भौतिक रसायन]]
[[Category:परमाणु की संरचना]]
[[Category:परमाणु की संरचना]]

Revision as of 13:12, 3 April 2023

एक परमाणु में प्रत्येक इलेक्ट्रॉन को चार क्वांटम संख्याओं के एक सेट द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। पाउली के अपवर्जन सिद्धांत के अनुसार किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों के लिए चारों क्वांटम संख्याओं के मान एक समान नहीं हो सकते, यदि n,l, m के मान एक समान हो भी जाएँ तो s का मान अवश्य भिन्न होगा।

इस सिद्धांत को नाइट्रोजन का उदाहरण लेकर स्पष्ट किया जा सकता है।

N7 = 1S2 : 2S2  : 2P3

= 1S2 : 2S2 : 2Px1 2Py1 2Pz1

↑↓ : ↑↓ :

सात इलेक्ट्रॉनों में से किन्हीं दो के चारों क्वांटम संख्याओं के मान समान नहीं होते हैं। इस सिद्धांत की सहायता से, मुख्य ऊर्जा कोशों और उपकोशों में समायोजित किए जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या की गणना करना संभव है।

मुख्य क्वांटम संख्या

n'

द्विगंशी क्वांटम संख्या

'l'

चुंबकीय क्वांटम संख्या

'm'

चक्रण क्वांटम संख्या

's'

एक उपकोश में

इलेक्ट्रॉनों की संख्या

मुख्य कोश में

इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 0(s) 0 +1/2, -1/2 2 2
2 0(s)

1(p)

0

-1

0

+1

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

2

6

8
3 0(s)

1(p)

2(d)

0

-1

0

+1

-2

-1

0

+1

+2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

2


6



10

18
4 0(s)

1(p)

2(d)

3(f)

0

-3

-2

-1

0

+1

+2

+3

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

+1/2, -1/2

2

6

10



14

32

निष्कर्ष

(1) मुख्य ऊर्जा शेल की अधिकतम क्षमता 2n2 इलेक्ट्रॉनों के बराबर होती है।

(2) किसी उपकोश की अधिकतम क्षमता 2(2l+1) इलेक्ट्रॉनों के बराबर होती है।

उपकोश द्विगंशी क्वांटम संख्या

'l'

उपकोश

में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2(2l+1)

s 0 2(2×0+1) = 2
p 1 2(2×1+1) = 16
d 2 2(2×2+1) = 10
f 3 2(2×3+1) = 14

(3) किसी मुख्य ऊर्जा कोश में उपकोशों की संख्या n के मान के बराबर होती है।

n का मान उपकोशों की संख्या नामांकित है
1 1 1s
2 2 2s,2p
3 3 3s,3p,3d
4 4 4s,4p,4d,4f

(4) एक मुख्य ऊर्जा शेल में ऑर्बिटल्स की संख्या n2 के बराबर होती है।

n ऑर्बिटल्स की संख्या
1 (1)2 = 1 s
2 (2)2 = 4 s, px, py, pz
3 (3)2 = 9 s, px, py, pz, dxy, dyz, dzx, dx2-y2,dz2

(5) एक कक्षक में दो से अधिक इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते हैं। यदि दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं, तो उनके चक्रण विपरीत दिशाओं में होने चाहिए।