परिक्षेपण माध्यम: Difference between revisions
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कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 10<sup>7</sup>-10<sup>8</sup> cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें परिक्षेपण माध्यम कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं। | कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 10<sup>7</sup>-10<sup>8</sup> cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें परिक्षेपण माध्यम कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं। | ||
कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं। | कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। एक कोलाइड एक विषमांगी समुच्चय है जिसमें विलयन और निलंबन के बीच एक मध्यवर्ती आकार का कण होता है। पूरे परिक्षेपण माध्यम में, जो धातु, द्रव या गैस हो सकता है, परिक्षेपण हुए कण समान रूप से वितरित होते हैं। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं। | ||
# परिक्षिप्त प्रावस्था | # परिक्षिप्त प्रावस्था | ||
# परिक्षेपण माध्यम | # परिक्षेपण माध्यम | ||
वह प्रावस्था जो परिक्षिप्त होती है या कोलॉइडी कण के आकार में उपस्थित होती है, परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाती है। जिस माध्यम में कोलॉइडी कण वितरित होते हैं, उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण: स्टार्च समाधान में स्टार्च परिक्षिप्त अवस्था का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि पानी परिक्षेपण माध्यम है। | |||
परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है? | परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है? | ||
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Revision as of 13:14, 23 May 2023
कोलाइडी विलयनों का वह भाग जिनके कणों का आकार 107-108 cm होता है। अर्थात जिनमें कोलॉइडी कण विस्तृत रहते हैं उन्हें परिक्षेपण माध्यम कहते हैं अर्थात विलायक की अवस्था को कहते हैं।
कोलाइडी विलयन वास्तविक विलयन तथा निलंबन के मध्य आते हैं। इस आधार पर इन्हे दो भागों में बांटा गया है। एक कोलाइड एक विषमांगी समुच्चय है जिसमें विलयन और निलंबन के बीच एक मध्यवर्ती आकार का कण होता है। पूरे परिक्षेपण माध्यम में, जो धातु, द्रव या गैस हो सकता है, परिक्षेपण हुए कण समान रूप से वितरित होते हैं। अर्थात कोलॉइडी विलयन की दो प्रावस्थाएँ होती हैं।
- परिक्षिप्त प्रावस्था
- परिक्षेपण माध्यम
वह प्रावस्था जो परिक्षिप्त होती है या कोलॉइडी कण के आकार में उपस्थित होती है, परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाती है। जिस माध्यम में कोलॉइडी कण वितरित होते हैं, उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण: स्टार्च समाधान में स्टार्च परिक्षिप्त अवस्था का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि पानी परिक्षेपण माध्यम है।
परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?
परिक्षेपित प्रावस्था | परिक्षेपण माध्यम | कोलाइडल विलयन का प्रकार | उदाहरण |
---|---|---|---|
ठोस | ठोस | ठोस सोल | मिश्र धातुएं |
ठोस | द्रव | सोल | गोल्ड सॉल, सल्फर सॉल |
ठोस | गैस | ऐरोसॉल | धुआँ, धुंध |
द्रव | ठोस | जेल | जेली, दही, पनीर |
द्रव | द्रव | पायस | दूध, क्रीम |
द्रव | गैस | द्रव एरोसोल | बादल, कुहासा |
गैस | ठोस | ठोस फोम | झांवा, सूखा समुद्री झाग |
गैस | ठोस | फोम | हवा के झाग |
परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को आठ प्रकार के कोलॉइडी तंत्रों में वर्गीकृत किया गया है जैसा कि निम्न तालिका में दिखाया गया है।
नोट: गैस का दूसरी गैस के साथ मिश्रण समांगी मिश्रण होता है न कि कोलाइडी विलयन।
अभ्यास प्रश्न[edit | edit source]
- साबुन के झाग में परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्या हैं?
- कोलाइडल प्रणाली जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम दोनों द्रव होते हैं वह क्या है ?
- कोलाइड्स को निम्नलिखित के आधार पर कैसे वर्गीकृत किया जाता है:
(i) घटकों की भौतिक अवस्थाएँ,
(ii) परिक्षिप्त प्रावस्था की प्रकृति और
(iii) परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के बीच पारस्परिक क्रिया
- साबुन के झाग में परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्रमशः हैं :
- परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर कोलाइडी विलयनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?
- कोहरे की परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम क्या हैं?