सक्रियता श्रेणी: Difference between revisions
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|'''सबसे कम अभिक्रियाशील''' | |'''सबसे कम अभिक्रियाशील''' | ||
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== सक्रियता श्रेणी की विशेषताएं == | |||
# श्रृंखला के शीर्ष पर उपस्थित धातुएँ प्रबल अपचायक का कार्य करती हैं। | |||
# श्रृंखला में नीचे जाने पर धातुओं की अपचायक क्षमता कम हो जाती है। | |||
# श्रृंखला में हाइड्रोजन के ऊपर पाई जाने वाली सभी धातुएँ तनु HCl या तनु H<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> के साथ अभिक्रिया करके H<sub>2</sub> गैस मुक्त करती हैं। | |||
# धातुएँ जो अभिक्रियाशीलता श्रेणी में ऊपर रखी जाती हैं वे अपने से नीचे वाली धातुओं को उनके ही विलयन से विस्थापित करने की क्षमता रखती हैं। | |||
== धातुओं और जल के बीच अभिक्रिया == | |||
अभिक्रियाशीलता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर वाली धातुएँ जल से अभिक्रिया करके संबंधित हाइड्रॉक्साइड बनाते हुए हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं। जैसा कि नीचे दिए गए रासायनिक समीकरण द्वारा वर्णित है। | |||
<chem>K + 2H2O ->2KOH + H2</chem> | |||
=== स्पष्टीकरण === | |||
ऊपर दी गयी अभिक्रिया में पौटेशियम अभिक्रियाशीलता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर होने के कारण यह जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है। | |||
== धातुओं और अम्लों के बीच अभिक्रिया == | |||
हाइड्रोक्लोरिक एसिड या सल्फ्यूरिक एसिड के साथ अभिक्रिया करने पर लेड और गतिविधि श्रृंखला पर लेड से ऊपर की धातुएँ लवण बनाती हैं। इन अभिक्रियाओं में हाइड्रोजन गैस भी मुक्त होती है। | |||
<chem>Zn + H2SO4 -> ZnSO4 + H2</chem> | |||
=== स्पष्टीकरण === | |||
जिंक और सल्फ्यूरिक एसिड के बीच प्रतिक्रिया ऐसी प्रतिक्रिया का एक उदाहरण है। जिसमे जिंक सल्फ्यूरिक एसिड के साथ अभिक्रिया करके जिंक सल्फेट तथा H<sub>2</sub> गैस उत्पाद के रूप में बनाता हैं। क्योंकि जिंक सक्रियता श्रेणी में लेड से ऊपर है। |
Revision as of 12:35, 6 June 2023
सक्रियता श्रेणी वह सूची है जिसमे धातुओं धातुओं को उनकी क्रियाशीलता के घटते क्रम में रखते हैं। धातु आसानी से इलेक्ट्रॉन बाहर निकाल देते हैं और धनायन बनाते हैं। उनमें से अधिकांश धातु ऑक्साइड बनाने के लिए वायुमंडलीय ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करते हैं। हालांकि, अलग-अलग धातुओं की ऑक्सीजन के प्रति अलग-अलग अभिक्रियाएं होती हैं।
जैसे सोडियम, पोटेशियम आदि
कुछ धातुएं बहुत कम अभिक्रियाशील हैं ये धातुएं हवा के संपर्क में आने पर आसानी से ऑक्साइड नहीं बनाती हैं।
जैसे सोना, चांदी आदि कैल्सियम मैग्नीशियम एलुमीनियम ज़िंक आयरन लेड हाइड्रोजन कॉपर मरकरी सिल्वर गोल्ड
संख्या | प्रतीक | तत्व | अभिक्रियाशीलता |
---|---|---|---|
1 | K | पोटेशियम | सबसे अधिक अभिक्रियाशील |
2 | Na | सोडियम | ↓ |
3 | Ca | कैल्सियम | |
4 | Mg | मैग्नीशियम | |
5 | Al | एलुमीनियम | |
6 | Zn | ज़िंक | |
7 | Fe | आयरन | ↓ |
8 | Pb | लेड | |
9 | H | हाइड्रोजन | |
10 | Cu | कॉपर | |
11 | Hg | मरकरी | ↓ |
12 | Ag | सिल्वर | |
13 | Au | गोल्ड | सबसे कम अभिक्रियाशील |
सक्रियता श्रेणी की विशेषताएं
- श्रृंखला के शीर्ष पर उपस्थित धातुएँ प्रबल अपचायक का कार्य करती हैं।
- श्रृंखला में नीचे जाने पर धातुओं की अपचायक क्षमता कम हो जाती है।
- श्रृंखला में हाइड्रोजन के ऊपर पाई जाने वाली सभी धातुएँ तनु HCl या तनु H2SO4 के साथ अभिक्रिया करके H2 गैस मुक्त करती हैं।
- धातुएँ जो अभिक्रियाशीलता श्रेणी में ऊपर रखी जाती हैं वे अपने से नीचे वाली धातुओं को उनके ही विलयन से विस्थापित करने की क्षमता रखती हैं।
धातुओं और जल के बीच अभिक्रिया
अभिक्रियाशीलता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर वाली धातुएँ जल से अभिक्रिया करके संबंधित हाइड्रॉक्साइड बनाते हुए हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं। जैसा कि नीचे दिए गए रासायनिक समीकरण द्वारा वर्णित है।
स्पष्टीकरण
ऊपर दी गयी अभिक्रिया में पौटेशियम अभिक्रियाशीलता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर होने के कारण यह जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है।
धातुओं और अम्लों के बीच अभिक्रिया
हाइड्रोक्लोरिक एसिड या सल्फ्यूरिक एसिड के साथ अभिक्रिया करने पर लेड और गतिविधि श्रृंखला पर लेड से ऊपर की धातुएँ लवण बनाती हैं। इन अभिक्रियाओं में हाइड्रोजन गैस भी मुक्त होती है।
स्पष्टीकरण
जिंक और सल्फ्यूरिक एसिड के बीच प्रतिक्रिया ऐसी प्रतिक्रिया का एक उदाहरण है। जिसमे जिंक सल्फ्यूरिक एसिड के साथ अभिक्रिया करके जिंक सल्फेट तथा H2 गैस उत्पाद के रूप में बनाता हैं। क्योंकि जिंक सक्रियता श्रेणी में लेड से ऊपर है।