यशदलेपन: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:धातु और अधातु]]
[[Category:धातु और अधातु]]
स्टील या लोहे पर जिंक (Zn) की सुरक्षात्मक परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं। यह जंग को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। यशदलेपन एक धातुकार्मिक प्रक्रम है इससे इन धातुओं का क्षरण (विशेषत: जंग लगना) रूक जाता है। हॉट-डिप गैल्वनाइजिंग स्टील के पदार्थ की सतह पर जिंक आयरन मिश्र धातुओं की एक मोटी, मजबूत परत जमा करता है। ऑटोमोबाइल के मामले में, जहां पेंट की अतिरिक्त सजावटी कोटिंग्स की आवश्यकता होती है वहां इलेक्ट्रोग्ल्वेनाइजिंग का प्रयोग किया जाता है, जिसमे एक पतली परत चढ़ जाती है।
स्टील या लोहे पर जिंक (Zn) की सुरक्षात्मक परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं। यह जंग को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। यशदलेपन एक धातुकार्मिक प्रक्रम है इससे इन धातुओं का क्षरण (विशेषत: जंग लगना) रूक जाता है। हॉट-डिप गैल्वनाइजिंग स्टील के पदार्थ की सतह पर जिंक आयरन मिश्र धातुओं की एक मोटी, मजबूत परत जमा करता है। ऑटोमोबाइल के मामले में, जहां पेंट की अतिरिक्त सजावटी कोटिंग्स की आवश्यकता होती है वहां इलेक्ट्रोग्ल्वेनाइजिंग का प्रयोग किया जाता है, जिसमे एक पतली परत चढ़ जाती है।
जस्ता कोटिंग, जब तक बरकरार रहती है, तो संक्षारक पदार्थों को अंतर्निहित स्टील या लोहे तक पहुंचने से रोकता है।
जस्ता एनोड के रूप में कार्य करता है जिससे की स्टील की सुरक्षा की जा सके।  
जिंक पहले जंग लगने से लोहे की रक्षा करता है। बेहतर परिणाम के लिए जिंक के ऊपर क्रोमेट के प्रयोग को भी एक औद्योगिक प्रवृत्ति के रूप में देखा जाता है।

Revision as of 18:30, 7 June 2023

स्टील या लोहे पर जिंक (Zn) की सुरक्षात्मक परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं। यह जंग को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। यशदलेपन एक धातुकार्मिक प्रक्रम है इससे इन धातुओं का क्षरण (विशेषत: जंग लगना) रूक जाता है। हॉट-डिप गैल्वनाइजिंग स्टील के पदार्थ की सतह पर जिंक आयरन मिश्र धातुओं की एक मोटी, मजबूत परत जमा करता है। ऑटोमोबाइल के मामले में, जहां पेंट की अतिरिक्त सजावटी कोटिंग्स की आवश्यकता होती है वहां इलेक्ट्रोग्ल्वेनाइजिंग का प्रयोग किया जाता है, जिसमे एक पतली परत चढ़ जाती है।

जस्ता कोटिंग, जब तक बरकरार रहती है, तो संक्षारक पदार्थों को अंतर्निहित स्टील या लोहे तक पहुंचने से रोकता है।

जस्ता एनोड के रूप में कार्य करता है जिससे की स्टील की सुरक्षा की जा सके।  

जिंक पहले जंग लगने से लोहे की रक्षा करता है। बेहतर परिणाम के लिए जिंक के ऊपर क्रोमेट के प्रयोग को भी एक औद्योगिक प्रवृत्ति के रूप में देखा जाता है।