रासायनिक समीकरण: Difference between revisions
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* उत्क्रमणीय अभिक्रिया | * उत्क्रमणीय अभिक्रिया | ||
* अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया | * अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया | ||
=== उत्क्रमणीय अभिक्रिया === | |||
वे अभिक्रियाएँ जो सामान्य परिस्थितयों में दोनों दिशाओं में चल सकती हैं उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है। इन्हे इस चिन्ह (<chem> <=> </chem>) से प्रदर्शित किया जाता है। ये दोनों दिशाओं में चल सकती हैं, ये अभिक्रियाएँ अग्र तथा पश्च दोनों दिशाओं में चल सकती हैं। वह अभिक्रिया जो बाईं से दाएं ओर चलती है उसे अग्र अभिक्रिया कहते हैं और जो दाएं से बाएं ओर चलती है उसे पश्च अभिक्रिया कहते हैं। | |||
==== उदाहरण ==== | |||
<chem>A <=> B</chem> | |||
<chem>PCl5 <=> PCl3 + Cl2 </chem> | |||
=== अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया === | |||
वे अभिक्रियाएँ जो सामान्य परिस्थितयों में सिर्फ एक ही दिशा में चल सकती हैं उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है। इन्हे इस चिन्ह (<chem> -> </chem>) ) से प्रदर्शित किया जाता है। ये अभिक्रियाएँ अग्र दिशा में चलती हैं। वह अभिक्रिया जो बाईं से दाएं ओर चलती है उसे अग्र अभिक्रिया कहते हैं। | |||
==== उदाहरण ==== | |||
<chem>A -> B</chem> | |||
<chem>CO2 + C -> 2 CO</chem> |
Revision as of 19:08, 7 June 2023
रासायनिक समीकरण रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रतीकात्मक निरूपण हैं जिनमें अभिकारकों और उत्पादों को उनके संबंधित रासायनिक सूत्रों के संदर्भ में व्यक्त किया जाता है। अभिककारकों को बाईं ओर और उत्पाद को अभिक्रिया के दायीं ओर लिखा जाता है। रासायनिक समीकरण रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारकों और उत्पाद की अवस्था को भी दर्शाती हैं।
उदाहरण
ऊपर एक अभिक्रिया दी गई है, जिसमे कार्बन डाइऑक्साइड गैस, ठोस कार्बन से अभिक्रिया करके कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बना रहा है। दी गई अभिक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड गैस अभिकारक का कार्य कर रही है, ठोस कार्बन भी अभिकारक का कार्य कर रहा है और अभिक्रिया करके कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बना रहा है। जिसमे कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पाद का कार्य करता है।
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार
रासायनिक समीकरण या रासायनिक अभिक्रिया दो प्रकार की होती हैं।
- उत्क्रमणीय अभिक्रिया
- अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया
उत्क्रमणीय अभिक्रिया
वे अभिक्रियाएँ जो सामान्य परिस्थितयों में दोनों दिशाओं में चल सकती हैं उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है। इन्हे इस चिन्ह () से प्रदर्शित किया जाता है। ये दोनों दिशाओं में चल सकती हैं, ये अभिक्रियाएँ अग्र तथा पश्च दोनों दिशाओं में चल सकती हैं। वह अभिक्रिया जो बाईं से दाएं ओर चलती है उसे अग्र अभिक्रिया कहते हैं और जो दाएं से बाएं ओर चलती है उसे पश्च अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण
अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया
वे अभिक्रियाएँ जो सामान्य परिस्थितयों में सिर्फ एक ही दिशा में चल सकती हैं उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है। इन्हे इस चिन्ह () ) से प्रदर्शित किया जाता है। ये अभिक्रियाएँ अग्र दिशा में चलती हैं। वह अभिक्रिया जो बाईं से दाएं ओर चलती है उसे अग्र अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण