अपमार्जक: Difference between revisions
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वे जल में घुलनशील पदार्थ जो अशुद्धियों और गंदगी के साथ मिलकर उन्हें अधिक घुलनशील बनाता है। उदाहरण के लिए डाई ऑक्सेलिक अम्ल। अपमार्जक सामान्यतः लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण होते हैं। इन यौगिकों के आवेशित सिरे जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील अवक्षेप नहीं बनाते हैं। | वे जल में घुलनशील पदार्थ जो अशुद्धियों और गंदगी के साथ मिलकर उन्हें अधिक घुलनशील बनाता है। उदाहरण के लिए डाई ऑक्सेलिक अम्ल। अपमार्जक सामान्यतः लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण होते हैं, जो क्लोराइड या ब्रोमाइड आयनों के कैल्शियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ नहीं बनाते हैं। इस प्रकार वह कठोर जल में प्रभावी होते हैं। इनका उपयोग शैम्पू एवं कपड़े धोने के साबुन एवं अपमार्जक पाउडर के रूप में किया जाता है। इन यौगिकों के आवेशित सिरे जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील अवक्षेप नहीं बनाते हैं। |
Revision as of 13:03, 12 June 2023
वे जल में घुलनशील पदार्थ जो अशुद्धियों और गंदगी के साथ मिलकर उन्हें अधिक घुलनशील बनाता है। उदाहरण के लिए डाई ऑक्सेलिक अम्ल। अपमार्जक सामान्यतः लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण होते हैं, जो क्लोराइड या ब्रोमाइड आयनों के कैल्शियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ नहीं बनाते हैं। इस प्रकार वह कठोर जल में प्रभावी होते हैं। इनका उपयोग शैम्पू एवं कपड़े धोने के साबुन एवं अपमार्जक पाउडर के रूप में किया जाता है। इन यौगिकों के आवेशित सिरे जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील अवक्षेप नहीं बनाते हैं।