संतृप्त और असंतृप्त यौगिक: Difference between revisions

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== संतृप्त यौगिक ==
कार्बनिक रसायन विज्ञान में, एक संतृप्त यौगिक वह होता है जिसमें कार्बन परमाणुओं के बीच सभी एकल बंध होते हैं। सामान्यतः ये यौगिक अधिक अभिक्रियाशील नहीं होते।
उदाहरण– मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन साइक्लोएल्केन् आदि। <blockquote>
=== सामान्य सूत्र ===
'''इनका सामान्य सूत्र C<sub>n</sub>H<sub>2n+2</sub> है।'''
जहां n = 1,2,3,4,5,....
इनका सामान्य सूत्र CnH2n+2 होता है। इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में "एन" शब्द लगाते हैं।
* मेथेन– CH4
* एथेन– C2H6
* प्रोपेन– C3H8
* ब्यूटेन– C4H10
</blockquote>
=== एथेन की संरचना ===
<blockquote>सरल कार्बनिक यौगिकों (जैसे- एथेन) की संरचना प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम कार्बन के परमाणुओं को बंध के द्वारा आपस में जोड़ा जाता है। इसके बाद कार्बन की संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रयोग करते हैं। एथेन के संदर्भ में सर्वप्रथम दो कार्बन परमाणुओं को आपस में जोड़ते हैं। यह संरचना इस प्रकार होगी
C—C
यहाँ पर प्रत्येक कार्बन परमाणु की तीन संयोजकता असंतुष्ट है। कार्बन परमाणुओं की संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रयोग करते हैं। इसके लिए प्रत्येक कार्बन परमाणु का बंध तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ किया जाता है। इससे प्राप्त संरचना इस प्रकार होगी–
CH3—CH3</blockquote>
== असंतृप्त यौगिक ==
असंतृप्त यौगिक कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन परमाणुओं के बीच कम से कम एक द्वि या त्रि आबंध होता है। ये यौगिक संतृप्त कार्बनिक यौगिकों की तुलना में अधिक अभिक्रियाशील होते हैं।
==== उदाहरण ====
द्विबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का सामान्य नाम एल्कीन भी कहते हैं।
=== द्विबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ===
==== सामान्य सूत्र ====
इनका सामान्य सूत्र C<sub>n</sub>H<sub>2n</sub> होता है।  इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में "ईन" शब्द लगाते हैं।
मेथीन, एथीन, प्रोपीन, ब्यूटीन आदि।
=== एथीन की संरचना ===
<blockquote>एथीन में द्विआबंध होते हैं। एथीन का सूत्र C<sub>2</sub>H<sub>4</sub> होता है। इस सूत्र के अनुसार संरचना बनाने के लिए सर्वप्रथम दो कार्बन परमाणुओं को एक बंध के द्वारा जोड़ते हैं:
C—C
इसके बाद प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ दो हाइड्रोजन परमाणुओं को जोड़ते हैं। यह संरचना इस प्रकार हैं:
CH2—CH2
इस संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु की एक एक संयोजकता असंतुष्ट है। अतः इसे संतुष्ट करना आवश्यक है। इसके लिए दो कार्बन परमाणुओं के मध्य द्विआबंध लगाया जाता है। इससे प्राप्त संरचना इस प्रकार हैं:
CH2=CH2</blockquote>
=== त्रिबन्धयुक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ===
वे हाइड्रोकार्बन जिन में कार्बन कार्बन के मध्य त्रिबंध पाया जाता है, त्रिबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाता है। इन्हे सामान्यतः एल्काइन कहते है।
==== सामान्य सूत्र ====
इनका सामान्य सूत्र C<sub>n</sub>H<sub>2n-2</sub> होता है। इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में आईंन लगाते हैं।
एथाइन– C<sub>2</sub>H<sub>2</sub>
प्रोपाइन - C<sub>3</sub>H<sub>4</sub>
ब्यूटाइन– C<sub>4</sub>H<sub>6</sub>
== अभ्यास प्रश्न ==

Revision as of 01:25, 13 June 2023


संतृप्त यौगिक

कार्बनिक रसायन विज्ञान में, एक संतृप्त यौगिक वह होता है जिसमें कार्बन परमाणुओं के बीच सभी एकल बंध होते हैं। सामान्यतः ये यौगिक अधिक अभिक्रियाशील नहीं होते।

उदाहरण– मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन साइक्लोएल्केन् आदि।

सामान्य सूत्र

इनका सामान्य सूत्र CnH2n+2 है।

जहां n = 1,2,3,4,5,....

इनका सामान्य सूत्र CnH2n+2 होता है। इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में "एन" शब्द लगाते हैं।

  • मेथेन– CH4
  • एथेन– C2H6
  • प्रोपेन– C3H8
  • ब्यूटेन– C4H10

एथेन की संरचना

सरल कार्बनिक यौगिकों (जैसे- एथेन) की संरचना प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम कार्बन के परमाणुओं को बंध के द्वारा आपस में जोड़ा जाता है। इसके बाद कार्बन की संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रयोग करते हैं। एथेन के संदर्भ में सर्वप्रथम दो कार्बन परमाणुओं को आपस में जोड़ते हैं। यह संरचना इस प्रकार होगी

C—C

यहाँ पर प्रत्येक कार्बन परमाणु की तीन संयोजकता असंतुष्ट है। कार्बन परमाणुओं की संयोजकताओं को संतुष्ट करने के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रयोग करते हैं। इसके लिए प्रत्येक कार्बन परमाणु का बंध तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ किया जाता है। इससे प्राप्त संरचना इस प्रकार होगी–

CH3—CH3

असंतृप्त यौगिक

असंतृप्त यौगिक कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन परमाणुओं के बीच कम से कम एक द्वि या त्रि आबंध होता है। ये यौगिक संतृप्त कार्बनिक यौगिकों की तुलना में अधिक अभिक्रियाशील होते हैं।

उदाहरण

द्विबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का सामान्य नाम एल्कीन भी कहते हैं।

द्विबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन

सामान्य सूत्र

इनका सामान्य सूत्र CnH2n होता है। इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में "ईन" शब्द लगाते हैं। मेथीन, एथीन, प्रोपीन, ब्यूटीन आदि।

एथीन की संरचना

एथीन में द्विआबंध होते हैं। एथीन का सूत्र C2H4 होता है। इस सूत्र के अनुसार संरचना बनाने के लिए सर्वप्रथम दो कार्बन परमाणुओं को एक बंध के द्वारा जोड़ते हैं:

C—C

इसके बाद प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ दो हाइड्रोजन परमाणुओं को जोड़ते हैं। यह संरचना इस प्रकार हैं:

CH2—CH2

इस संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु की एक एक संयोजकता असंतुष्ट है। अतः इसे संतुष्ट करना आवश्यक है। इसके लिए दो कार्बन परमाणुओं के मध्य द्विआबंध लगाया जाता है। इससे प्राप्त संरचना इस प्रकार हैं:

CH2=CH2

त्रिबन्धयुक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन

वे हाइड्रोकार्बन जिन में कार्बन कार्बन के मध्य त्रिबंध पाया जाता है, त्रिबंध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाता है। इन्हे सामान्यतः एल्काइन कहते है।

सामान्य सूत्र

इनका सामान्य सूत्र CnH2n-2 होता है। इनका नाम लिखते समय इनके नाम के अंत में आईंन लगाते हैं।

एथाइन– C2H2

प्रोपाइन - C3H4

ब्यूटाइन– C4H6

अभ्यास प्रश्न