धात्विक और अधात्विक गुण: Difference between revisions
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== अधात्विक लक्षण == | == अधात्विक लक्षण == | ||
वे तत्व जो इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करते हैं और इनपर ऋणात्मक आवेश होता है अधातु कहलाते हैं और इनके इस गुण को अधात्विक लक्षण कहते हैं। जैसे- ऑक्सीजन, क्लोरीन आदि। आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर अधात्विक प्रवृत्ति बढ़ती है। | वे तत्व जो इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करते हैं और इनपर ऋणात्मक आवेश होता है अधातु कहलाते हैं और इनके इस गुण को अधात्विक लक्षण कहते हैं। जैसे- ऑक्सीजन, क्लोरीन आदि। आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर अधात्विक प्रवृत्ति बढ़ती है। | ||
== उपधातु == | |||
कुछ तत्व ऐसे होते हैं जिनके गुण धातुओं और अधातुओं के बीच होते हैं, इन्हें उपधातु कहते हैं। आवर्त सारणी में केवल सात उपधातु हैं। ये बोरॉन, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, टेल्यूरियम और पोलोनियम हैं। |
Revision as of 20:30, 13 June 2023
धात्विक लक्षण
वे तत्व जो इलेक्ट्रॉनों का दान करते हैं या इलेक्ट्रॉन निकालते हैं धातु कहलाते हैं और इनके इस गुण को धात्विक लक्षण कहते हैं। समूह में नीचे जाने पर धात्विक प्रवृत्ति बढ़ती है।
अधात्विक लक्षण
वे तत्व जो इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करते हैं और इनपर ऋणात्मक आवेश होता है अधातु कहलाते हैं और इनके इस गुण को अधात्विक लक्षण कहते हैं। जैसे- ऑक्सीजन, क्लोरीन आदि। आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर अधात्विक प्रवृत्ति बढ़ती है।
उपधातु
कुछ तत्व ऐसे होते हैं जिनके गुण धातुओं और अधातुओं के बीच होते हैं, इन्हें उपधातु कहते हैं। आवर्त सारणी में केवल सात उपधातु हैं। ये बोरॉन, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, टेल्यूरियम और पोलोनियम हैं।