मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति: Difference between revisions

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मात्रकों को दो रूपों में विभाजित किया गया है | पहला मूल मात्रक और दूसरा व्युत्पन्न मात्रक है। और इन मात्रकों के निर्धारण के लिए मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का निर्माण किया गया है | सभी प्रकार की भौतिक राशियों के मापन हेतु मुख्य तीन प्रकार की पद्दतिया प्रचलित है |
मात्रकों को दो रूपों में विभाजित किया गया है | पहला मूल मात्रक और दूसरा व्युत्पन्न मात्रक है। और इन मात्रकों के निर्धारण के लिए मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का निर्माण किया गया है | सभी प्रकार की भौतिक राशियों के मापन हेतु मुख्य तीन प्रकार की पद्दतिया प्रचलित है |
=== मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति ===
मात्रकों की कई पद्दतियां हैं होने और इनके कई प्रकार की भौतिक राशियों के लिए अलग- अलग मात्रक हैं, इस प्रकार मात्रकों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है | इस परेशानी से निकलने के लिए सन् 1960 मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति जिसे संछेप में SI Units का निर्माण किया गया | इस पद्दति में मूल राशियों पर आधारित सात मूल मात्रक बनाये गए हैं जिनसे दो पूरक मात्रक बनाए गये, इन्ही की सहायता से अन्य व्युत्पन्न मात्रकों का निर्माण किया जाता है |

Revision as of 15:34, 20 June 2023

मात्रकों को दो रूपों में विभाजित किया गया है | पहला मूल मात्रक और दूसरा व्युत्पन्न मात्रक है। और इन मात्रकों के निर्धारण के लिए मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का निर्माण किया गया है | सभी प्रकार की भौतिक राशियों के मापन हेतु मुख्य तीन प्रकार की पद्दतिया प्रचलित है |

मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति

मात्रकों की कई पद्दतियां हैं होने और इनके कई प्रकार की भौतिक राशियों के लिए अलग- अलग मात्रक हैं, इस प्रकार मात्रकों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है | इस परेशानी से निकलने के लिए सन् 1960 मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति जिसे संछेप में SI Units का निर्माण किया गया | इस पद्दति में मूल राशियों पर आधारित सात मूल मात्रक बनाये गए हैं जिनसे दो पूरक मात्रक बनाए गये, इन्ही की सहायता से अन्य व्युत्पन्न मात्रकों का निर्माण किया जाता है |