प्रकाश विधुत प्रभाव: Difference between revisions

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== फोटो उत्सर्जन ==
== फोटो उत्सर्जन ==
वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से प्रकाश की क्रिया के कारण फोटोइलेक्ट्रॉन धातु की सतह से बाहर निकल जाते हैं, उसे फोटो उत्सर्जन कहा जाता है।
वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से प्रकाश की क्रिया के कारण फोटोइलेक्ट्रॉन धातु की सतह से बाहर निकल जाते हैं, उसे फोटो उत्सर्जन कहा जाता है।
सन में एच. हटर्स ने कुछ धातुओं जैसे पोटेशियम, रूबीडियम, सीजियम की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डाला और उन्होंने पाया कि उससे कुछ इलेक्ट्रॉन निकलते हैं इस परिघटना को प्रकाश विधुत प्रभाव कहते हैं। इस प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए:
* जैसे ही प्रकाश पुंज धातु की सतह से टकराते हैं तुरंत ही उस सतह से इलेक्ट्रान निलकने लगते हैं, अर्थात धातु की सतह से इलेक्ट्रान निष्कासन तथा सतह से प्रकाश पुंज का टकराव की अवधि बहुत कम होती है।
* टकराव के बाद निकलने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा प्रकाश की तीव्रता एक दुसरे के समानुपाती होती है।
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Revision as of 12:36, 4 July 2023

प्रकाश विधुत प्रभाव एक ऐसी घटना है जिसमें किसी धातु पर प्रकाश डालने पर उसकी सतह से इलेक्ट्रॉन बाहर निकल जाते हैं। इन उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों को प्रकाश विधुत प्रभाव कहा जाता है। फोटोइलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन और उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा धातु की सतह पर आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर करती है।

फोटो उत्सर्जन

वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से प्रकाश की क्रिया के कारण फोटोइलेक्ट्रॉन धातु की सतह से बाहर निकल जाते हैं, उसे फोटो उत्सर्जन कहा जाता है।

सन में एच. हटर्स ने कुछ धातुओं जैसे पोटेशियम, रूबीडियम, सीजियम की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डाला और उन्होंने पाया कि उससे कुछ इलेक्ट्रॉन निकलते हैं इस परिघटना को प्रकाश विधुत प्रभाव कहते हैं। इस प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए:

  • जैसे ही प्रकाश पुंज धातु की सतह से टकराते हैं तुरंत ही उस सतह से इलेक्ट्रान निलकने लगते हैं, अर्थात धातु की सतह से इलेक्ट्रान निष्कासन तथा सतह से प्रकाश पुंज का टकराव की अवधि बहुत कम होती है।
  • टकराव के बाद निकलने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा प्रकाश की तीव्रता एक दुसरे के समानुपाती होती है।