वैद्युतीयऋणात्मकता: Difference between revisions

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<big>B < C < N < O <F</big></blockquote>
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=== उदाहरण ===
हाइड्रोजन फ्लोराइड में फ्लोरीन की विद्युत ऋणात्मकता उच्च होने के कारण फ्लोरीन और हाइड्रोजन के मध्य प्रबल ध्रुवीय बंध होता है। जिससे फ्लोरीन साझे के इलेक्ट्रान युग्म को अपनी ओर आकर्षित करता है जिस कारण फ्लोरीन पर आंशिक ऋणात्म्क आवेश होता है और हाइड्रोजन पर आंशिक धनावेश होता है।

Revision as of 12:21, 14 July 2023

किसी अणु के आपस में जुड़कर परमाणु बनाने में इलेक्ट्रॉनों का साझा होता है, इस साझे के इलेक्ट्रॉन युग्म को अपनी ओर आकर्षित करने की प्रवृत्ति विधुत ऋणात्मक्ता कहलाती है। इसका कोई मात्रक नहीं होता। इस पैमाने के अनुसार, फ्लोरीन का मान 4.0 है अतः यह सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है और सीज़ियम का मान 0.7 है अतः यह सबसे कम विद्युत ऋणात्मक तत्व है। जैसे-जैसे हम किसी आवर्त में बाएं से दायें ओर बढ़ते हैं, परमाणु आवेश बढ़ता है और परमाणु आकार घटता है, इसलिए आधुनिक आवर्त सारणी में एक आवर्त में विधुत ऋणात्मकता का मान बढ़ जाता है।

वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर विधुत ऋणातमकता का मान घटता जाता है।

उदाहरण

F > Cl > Br > I

किसी भी आवर्त में बायें से दाएं जाने पर विधुत ऋणातमकता का मान बढ़ता जाता है।

B < C < N < O <F

उदाहरण

हाइड्रोजन फ्लोराइड में फ्लोरीन की विद्युत ऋणात्मकता उच्च होने के कारण फ्लोरीन और हाइड्रोजन के मध्य प्रबल ध्रुवीय बंध होता है। जिससे फ्लोरीन साझे के इलेक्ट्रान युग्म को अपनी ओर आकर्षित करता है जिस कारण फ्लोरीन पर आंशिक ऋणात्म्क आवेश होता है और हाइड्रोजन पर आंशिक धनावेश होता है।