अवर्णी लवक: Difference between revisions

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[[Category:कोशिका : जीवन की इकाई]]
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लवक, जिसे प्लास्टिड भी कहा जाता है, इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती एवं यह पौधों और शैवाल की कोशिकाओं में स्थित होते हैं। लवक कोशिका का ही एक भाग है जो साइटोप्लाज्म में पाया जाता है। लवक का आकार अंडाकार, गोलाकार होता है, इसका कार्य पौधों को रंग प्रदान करना है।
लवक, जिसे प्लास्टिड भी कहा जाता है, इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती एवं यह पौधों और शैवाल की कोशिकाओं में स्थित होते हैं। लवक कोशिका का ही एक भाग है जो साइटोप्लाज्म में पाया जाता है। लवक का आकार अंडाकार, गोलाकार होता है, इसका कार्य पौधों को रंग प्रदान करना है।
 
[[File:Plastids types en.svg|thumb|विभिन्न लवक और उनकी संरचना]]
लवक की खोज '''हेकेल''' ने की थी और '''शिम्पर''' ने इसका नाम लवक रखा था। यह भोजन के निर्माण और भंडारण के लिए जिम्मेदार हैं, उनमें प्रायः ऐसे रंगद्रव्य होते हैं जिनका उपयोग प्रकाश संश्लेषण में किया जाता है लवक में विभिन्न प्रकार के रंगद्रव्य होते हैं जो कोशिका का रंग बदल सकते हैं।
लवक की खोज '''हेकेल''' ने की थी और '''शिम्पर''' ने इसका नाम लवक रखा था। यह भोजन के निर्माण और भंडारण के लिए जिम्मेदार हैं, उनमें प्रायः ऐसे रंगद्रव्य होते हैं जिनका उपयोग प्रकाश संश्लेषण में किया जाता है लवक में विभिन्न प्रकार के रंगद्रव्य होते हैं जो कोशिका का रंग बदल सकते हैं।



Revision as of 15:25, 19 July 2023

लवक, जिसे प्लास्टिड भी कहा जाता है, इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती एवं यह पौधों और शैवाल की कोशिकाओं में स्थित होते हैं। लवक कोशिका का ही एक भाग है जो साइटोप्लाज्म में पाया जाता है। लवक का आकार अंडाकार, गोलाकार होता है, इसका कार्य पौधों को रंग प्रदान करना है।

विभिन्न लवक और उनकी संरचना

लवक की खोज हेकेल ने की थी और शिम्पर ने इसका नाम लवक रखा था। यह भोजन के निर्माण और भंडारण के लिए जिम्मेदार हैं, उनमें प्रायः ऐसे रंगद्रव्य होते हैं जिनका उपयोग प्रकाश संश्लेषण में किया जाता है लवक में विभिन्न प्रकार के रंगद्रव्य होते हैं जो कोशिका का रंग बदल सकते हैं।

लवक के प्रकार

लवक निम्न - लिखित दो प्रकार के होते है:

  • वर्णी लवक (क्रोमोप्लास्ट)
  • अवर्णी लवक (ल्यूकोप्लास्ट)

वर्णी लवक (क्रोमोप्लास्ट)

क्रोमोप्लास्ट को वर्णी लवक भी कहा जाता है। यह एक रंगीन लवक है, तथा यह पौधों को पीला, नारंगी, लाल रंग प्रदान करता है। इसमें मुख्य रूप से कैरोटीन नामक पदार्थ होता है। कैरोटीन नामक यह पदार्थ फूलों और बीजों को भी रंग प्रदान करता है।

उदाहरण

क्लोरोप्लास्ट जिसे हरितलवक भी कहा जाता है।

अवर्णी लवक (ल्यूकोप्लास्ट)

अवर्णी लवक को ल्यूकोप्लास्ट भी कहा जाता है। यह श्वेत तथा रंगहीन प्लास्टिड है, जिसका कार्य भोजन एकत्र करना है इसलिए इसे संचय लवक भी कहा जाता है। ल्यूकोप्लास्ट प्राथमिक रूप से अंगक है जिसमें स्टार्च, तेल तथा प्रोटीन जैसे पदार्थ संचित रहते हैं। यह श्वेत तथा रंगहीन प्लास्टिड है। यह अंडाकार, दण्डाकार, तंतुवत होते हैं तथा फलों, जड़ों की कोशिकाओं में पाया जाता है। इनका उपयोग अधिकतर एमीनो अम्ल और वसा अम्ल को परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।

अवर्णी लवक के प्रकार[edit | edit source]

अवर्णी लवक निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं:

1.) प्रोटीनोप्लास्ट [edit | edit source]

यह भोजन को प्रोटीन के रूप में संचित करता है। प्रोटीनोप्लास्ट उन प्रोटीनों को संग्रहीत करने में मदद करते हैं जिनकी एक पौधे को आवश्यकता होती है और जो सामान्यतः बीजों में पाए जा सकते हैं।

2.) इलियोप्लास्ट[edit | edit source]

इलियोप्लास्ट पौधे के लिए आवश्यक वसा और तेल को संग्रहित करने में मदद करता है।

3.) एमायलोप्लास्ट[edit | edit source]

यह भोजन को स्टार्च के रूप में संचित करता है तथा स्टार्च का भंडारण और संश्लेषण करते हैं।

अभ्यास प्रश्न[edit | edit source]

  • लवक से आप क्या समझते हैं ये कितने प्रकार के होते हैं?
  • प्रोटीनोप्लास्ट पर टिप्पणी दीजिये।
  • कैरोटीन नामक पदार्थ किस लवक में होता है?
  • वर्णी लवक (क्लोरोप्लास्ट), अवर्णी लवक (ल्यूकोप्लास्ट) में क्या अंतर है?