गलनांक: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 24: Line 24:
c) बुध
c) बुध


d) टंगस्टन[[Category:कक्षा-11]][[Category:भौतिक विज्ञान]]
d) टंगस्टन[[Category:कक्षा-11]][[Category:भौतिक विज्ञान]][[Category:कक्षा-9]]

Revision as of 13:13, 3 August 2023

ठोस पदार्थ में परमाणु बहुत पास-पास होते हैं ये आपस में अन्तराणुक आकर्षण बल द्वारा जुडे रहते हैं ठोसों में रिक्त स्थान भी अत्यधिक कम होता है। ठोस पदार्थ की वह अवस्था है जिसमें उसका आयतन और आकार दोनों निश्चित होते हैं। ठोस कणों के बीच बल इतने मजबूत होते हैं कि उनके घटक कण (परमाणु/अणु/आयन) किसी भी प्रकार की स्थानांतरण गति नहीं कर सकते हैं (हालांकि कंपन और घूर्णी गति हो सकती है) है। और इस कारण से आकार में निश्चित होते हैं और जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसका आकार नहीं लेते हैं। जैसे जैसे ठोस का तापमान बढ़ता जाता है उसके कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ती जाती है गतिज ऊर्जा में वृद्धि के साथ ठोस के कण अधिक तेजी से कम्पन करने लगते हैं जिस कारण कण अपना स्थान छोड़कर अधिक स्वतंत्र होकर गति करने लगते हैं, एक अवस्था ऐसी आ जाती है, जब ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है। वह ताप जिसपर ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है वह ताप उसका गलनांक कहलाता है ठोस के अणुओं के बीच में लगने वाला आकर्षण बल जितना प्रबल होगा उसका गलनांक उतना ही ज्यादा होगा। गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावथा में होती हैं।

किसी ठोस का गलनांक उसके कणों के बीच आकर्षण बल की शक्ति को दर्शाता है।

किसी ठोस के गलने की प्रक्रिया में तापमान हमेशा समान रहता है। इसे उदाहरण द्वारा समझिये:

आप देखते हैं कि बर्फ के गलने की प्रक्रिया के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि गलनांक पर पहुचने के बाद जब तक सम्पूर्ण बर्फ पिघल नहीं जाती, तापमान नहीं बदलता है। जब हम जल में उष्मीय ऊर्जा देते हैं, तो कण अधिक तेजी से गति करते हैं। एक निश्चित तापमान पर पहुंचकर कणों में इतनी ऊर्जा आ जाती है की वे परस्पर आकर्षण बल को तोड़कर स्वतंत्र हो जाते हैं। इस तापमान पर द्रव गैस में बदलने लगता है वायुमंडलीय दाब पर वह तापमान जिस पर द्रव उबलने लगता है उसे उसका क्वथनांक कहते हैं। सामान्यता ठोस पदार्थ के कणों के मध्य बहुत कम दूरी होती है अर्थात कण पास पास स्थित होने लगते है लेकिन ताप देने के कारण जब इन कणों में कम्पन्न बढ़ने लगता है तो ठोस पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी भी बढ़ने लगती है।

ठोस - द्रव - गैस

किसी पदार्थ का गलनांक (या, शायद ही कभी, द्रवीकरण बिंदु) वह तापमान होता है जिस पर वह अवस्था को ठोस से तरल में बदलता है। गलनांक पर ठोस और तरल चरण संतुलन में मौजूद होते हैं। किसी पदार्थ का गलनांक दबाव पर निर्भर करता है और आमतौर पर 1 वायुमंडल या 100 kPa जैसे मानक दबाव पर निर्दिष्ट किया जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • ठोसों के गलनांक पर अशुद्धियों का क्या प्रभाव पड़ता है?
  • विभिन्न तत्वों के गलनांक भिन्न क्यों होते हैं?
  • गलनांक किन कारकों पर निर्भर करता है?
  • निम्नलिखित में से किस धातु का गलनांक सबसे कम होता है?

a) एल्यूमीनियम

b) सोडियम

c) बुध

d) टंगस्टन