आधुनिक आवर्त सारणी: Difference between revisions
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* आधुनिक आवर्त सारणी के गुण बताइये। | * आधुनिक आवर्त सारणी के गुण बताइये। | ||
* मेंडलीफ की सारणी में कई विसंगतियां पायी जाती हैं स्पष्ट ज्ञात कीजिये। | * मेंडलीफ की सारणी में कई विसंगतियां पायी जाती हैं स्पष्ट ज्ञात कीजिये। | ||
* आधुनिक आवर्त सारणी के दोष क्या हैं ?[[Category:रसायन विज्ञान]] | * आधुनिक आवर्त सारणी के दोष क्या हैं ?[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]] |
Revision as of 19:28, 3 August 2023
मेंडलीफ की आवर्त सारणी में कुछ कमियाँ होने के कारण उनमे सुधार की आवश्यकता महसूस हुई। मेंडलीफ की सारणी में कई सुधार किये गए जिसमे एक नए वर्ग शून्य का जोड़ा जाना जिसमे निष्क्रिय गैसों को रखा गया है आदि हैं। सारणी के विकास में राग,वर्नर, बोहर, बरी आदि वैज्ञानिकों ने अपना योगदान किया और आधुनिक आवर्त सारणी का निर्माण हुआ। आधुनिक आवर्त सारणी से अल्फ्रेड वर्नर ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप का विकास किया। सन 1952 में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।
इस आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के आधार पर रखा गया है।
इनमे दो प्रकार की पंकितयाँ होती हैं:
क्षैतिज पंक्ति को आवर्त कहा गया है।
ऊर्ध्वाधर पंक्ति को वर्ग कहा गया है।
इस सारणी में 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जिन्हें वर्ग कहा जाता है। इस आवर्त सारणी में सभी ज्ञात 118 तत्वों को स्थान मिला है। इसमें लेंथिनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों को अलग से स्थान दिया गया है।
जिसमे तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते क्रम में रखा गया है।
आधुनिक आवर्त सारणी के गुण
- इस आवर्त सारणी में 18 वर्ग तथा 7 आवर्त हैं।
- सबसे छोटा आवर्त प्रथम आवर्त है जिसमे केवल दो तत्व है
- दूसरे और तीसरे आवर्त में आठ आठ सदस्य हैं। इन्हें लघु आवर्त कहा जाता है।
- चौथे और पांचवे आवर्त में 18 -18 तत्व हैं। इन्हें दीर्घ आवर्त कहा जाता है।
- छठे और सातवें आवर्तों को अति दीर्घ आवर्त कहा जाता है। इनमे 32 -32 तत्व हैं।
- सातवें आवर्त रिक्त होता है जिसमे भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों के लिए रिक्त स्थान हैं।
- पहले और दूसरे वर्ग को s ब्लॉक तत्व कहा गया, वर्ग 13 से 18 को p ब्लॉक वर्ग 3 से 12 तक के तत्वों को d ब्लॉक तथा लैंथेनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों को f ब्लॉक कहा जाता है।
आधुनिक आवर्त सारणी के दोष
- आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान सही नहीं माना गया है। इसमें हाइड्रोजन को एल्कली धातुओं अर्थात s वर्ग के साथ स्थान दिया गया है जबकि हाइड्रोजन विद्युत् धनात्मक एल्कली धातु और विद्युत् ऋणात्मक अधातु हैलोजन दोनों के समान गुण प्रदर्शित करता है।
- बेरियम, लेड, मरकरी और कॉपर को अलग अलग स्थानों पर रखा गया है जबकि इनके गुण समान हैं।
अभ्यास प्रश्न
- आधुनिक आवर्त सारणी से आप क्या समझते हैं ?
- आधुनिक आवर्त सारणी के गुण बताइये।
- मेंडलीफ की सारणी में कई विसंगतियां पायी जाती हैं स्पष्ट ज्ञात कीजिये।
- आधुनिक आवर्त सारणी के दोष क्या हैं ?