हाइड्रोजन परमाणु था श्रोडिंजर समीकरण: Difference between revisions
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जब श्रोडिंजर समीकरण को हाइड्रोजन परमाणु के लिए हल किया जाता है, तब उससे इलेक्ट्रान के सम्भव ऊर्जा स्तर और उनके संगत तरंग फलन (<math>\psi</math>) प्राप्त होते हैं। ये क्वांटित ऊर्जा स्तर तथा उनके संगत तरंग फलन श्रोडिंजर समीकरण के हल के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं। इन्हे तीन क्वांटम संख्याों द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। | जब श्रोडिंजर समीकरण को हाइड्रोजन परमाणु के लिए हल किया जाता है, तब उससे इलेक्ट्रान के सम्भव ऊर्जा स्तर और उनके संगत तरंग फलन (<math>\psi</math>) प्राप्त होते हैं। ये क्वांटित ऊर्जा स्तर तथा उनके संगत तरंग फलन श्रोडिंजर समीकरण के हल के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं। इन्हे तीन क्वांटम संख्याों द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। | ||
Revision as of 13:20, 8 August 2023
जब श्रोडिंजर समीकरण को हाइड्रोजन परमाणु के लिए हल किया जाता है, तब उससे इलेक्ट्रान के सम्भव ऊर्जा स्तर और उनके संगत तरंग फलन () प्राप्त होते हैं। ये क्वांटित ऊर्जा स्तर तथा उनके संगत तरंग फलन श्रोडिंजर समीकरण के हल के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं। इन्हे तीन क्वांटम संख्याों द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है।
एक परमाणु में एक विशेष इलेक्ट्रॉन का पता लगाने के लिए चार क्वांटम संख्या की आवश्यकता होती है। इन्हे क्वांटम संख्या कहते हैं। यहां पर चार प्रकार की क्वांटम संख्या की आवश्यकता होती है।
- मुख्य क्वांटम संख्या
- द्विगांशी क्वांटम संख्या
- चुंबकीय क्वांटम संख्या
- चक्रण क्वांटम संख्या
जो के प्राकृतिक हल से प्राप्त होती है। जब इलेक्ट्रान किसी ऊर्जा स्तर में रहता है, तो उसके संगत तरंग फलन में इलेक्ट्रान के बारे में सही जानकारी प्राप्त होती है। तरंग फलन एक गणितीय फलन है, जिसका मान परमाणु में निर्देशांको पर निर्भर करता है। हाइड्रोजन और उसके समान परमाणु के ऐसे एक इलेक्ट्रान तरंग फलन को परमाणु कक्षक कहते है इस प्रकार के एक इलेक्ट्रान स्पीसीज के तरंग फलन एक इलेक्ट्रान निकाय कहलाते हैं।
एक परमाणु में किसी बिंदु पर इलेक्ट्रान के पाए जाने की प्रायिकता उस बिंदु पर | 2| के समानुपाती है।
बहु इलेक्ट्रान परमाणुओं के लिए का सही हल देना असम्भव है। इस विधि को सन्निकटन विधि के उपयोग द्वारा दूर किया गया है। कंप्यूटर द्वारा गणना करने पर ज्ञात होता है कि हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य परमाणुओं कक्षक हाइड्रोजन परमाणु के कक्षकों से बहुत अधिक भिन्न नहीं है। इनमे मुख्य भिन्नता नाभिक में आवेश बढ़ने के कारण होती है। जिस कारण कक्षक कुछ छोटे हो जाते है। बहु- इलेक्ट्रान परमाणुओं के कक्षकों की ऊर्जाएं
- मुख्य क्वांटम संख्या
- द्विगांशी क्वांटम संख्या
- चुंबकीय क्वांटम संख्या
पर निर्भर करती हैं , जबकि हाइड्रोजन परमाणु के कक्षकों की ऊर्जा केवल मुख्य क्वांटम संख्या (n) क्वांटम संख्या पर निर्भर करती है।
मुख्य क्वांटम संख्या
मुख्य क्वांटम संख्या को हम 'n' से प्रदर्शित करते हैं। मुख्य क्वांटम संख्या बताती है की इलेक्ट्रान किस कक्षा में हैं। यह उस शेल के नाम आकार और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है जिससे इलेक्ट्रॉन संबंधित है। "n" का मान से 1 से तक होता है।
n = 1, 2, 3, 4,..........
"n" का मान = 1 2 3 4 5 6 7
शेल को प्रदर्शित करते हैं = K L M N O P Q
यदि n = 1 तो शेल को K से प्रदर्शित करते हैं।
यदि n = 2 तो शेल को L से प्रदर्शित करते हैं।
यदि n = 3 तो शेल को M से प्रदर्शित करते हैं।
यदि n = 4 तो शेल को N से प्रदर्शित करते हैं।
नोट
- n का मान जितना अधिक होगा, नाभिक से कक्षा की दूरी उतनी ही अधिक होगी।
- n का मान जितना अधिक होगा, ऊर्जा का परिमाण उतना ही अधिक होगा।
- एक शेल में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2n2 होती है।
- कोणीय संवेग की गणना मुख्य क्वांटम संख्या का उपयोग करके भी की जा सकती है।
mvr =
अभ्यास प्रश्न
- हाइड्रोजन परमाणु के लिए श्रोडिंजर समीकरण को समझाइये।
- श्रोडिंगर समीकरण की बहु इलेक्ट्रॉन परमाणु के बारे में समझाइये।