अंतरा-आणविक बल: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना]][[Category:कक्षा-11]]
[[Category:द्रव्य की अवस्थाएँ]]
[[Category:कक्षा-11]]
अणुओं के मध्य उपस्थित आकर्षण बल अंतरा-आणविक बल कहलाता है। अंतरा-आणविक बल अणुओं के मध्य पारस्परिक क्रियाएं होने के कारण उत्पन्न होते हैं।
अणुओं के मध्य उपस्थित आकर्षण बल अंतरा-आणविक बल कहलाता है। अंतरा-आणविक बल अणुओं के मध्य पारस्परिक क्रियाएं होने के कारण उत्पन्न होते हैं।



Revision as of 15:35, 8 August 2023

अणुओं के मध्य उपस्थित आकर्षण बल अंतरा-आणविक बल कहलाता है। अंतरा-आणविक बल अणुओं के मध्य पारस्परिक क्रियाएं होने के कारण उत्पन्न होते हैं।

अंतरा-आणविक आकर्षण बल के प्रकार

अंतरा-आणविक आकर्षण बल निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं:

  • परिक्षेपण बल या लन्दन बल
  • द्विध्रुव- द्विध्रुव आकर्षण बल
  • हाइड्रोजन आबंध

परिक्षेपण बल या लन्दन बल

अक्रिय गैस के परमाणुओं और अध्रुवीय अणुओं के मध्य उत्पन्न आकर्षण बल परिक्षेपण बल या लन्दन बल कहलाता है।

उदाहरण

He , Ar, Cl2, CH4, आदि के मध्य उत्पन्न आकर्षण बल परिक्षेपण बल या लन्दन बल कहलाता है।

अध्रुवीय अणुओं का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है, जबकि ध्रुवीय अणुओं में द्विध्रुव आघूर्ण का कुछ न कुछ मान अवश्य होता है। अध्रुवीय अणुओं में अस्थायी प्रेरित द्विध्रुव आघूर्ण होते हैं। प्रेरित द्विध्रुव प्रेरित द्विध्रुव आपस में पारस्परिक क्रिया द्वारा परिक्षेपण बल या लन्दन बल उतपन्न करते हैं।

द्विध्रुव- द्विध्रुव आकर्षण बल

ध्रुवीय अणुओं में स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है। जब दो द्विध्रुव के मध्य पारस्परिक क्रिया होती है तो द्विध्रुव - द्विध्रुव बल उत्पन्न होते हैं।

उदाहरण -  HCl, H2S, NCl3, SO2 आदि के मध्य द्विध्रुव - द्विध्रुव आकर्षण बल होते हैं। एक द्विध्रुव के धनावेशित सिरे और दुसरे द्विध्रुव के ऋणावेशित सिरे के मध्य आकर्षण बल कार्य करता है। यह बल अधिक प्रबल होता है। अणुओं के द्विध्रुव आघूर्ण बढ़ने से उनके मध्य द्विध्रुव - द्विध्रुव आकर्षण बल बढ़ता है। द्विध्रुव - द्विध्रुव  बल और परिक्षेपण बल को सामूहिक रूप से वांडरवाल्स बल कहते हैं।  

हाइड्रोजन बंध

हाइड्रोजन बंध से तात्पर्य हाइड्रोजन बंध के निर्माण से है, जो आकर्षक अंतर-आणविक बलों का एक विशेष वर्ग है जो एक हाइड्रोजन परमाणु के बीच आपस में द्विध्रुवीय-द्विध्रुवीय अंतःक्रिया के कारण उत्पन्न होता है जिसमे एक हाइड्रोजन परमाणु, एक अन्य अत्यधिक विद्युतीय ऋणात्मक परमाणु से जुड़ा होता है, यह विद्युतीय ऋणात्मक परमाणु हाइड्रोजन परमाणु के साथ हाइड्रोजन बंध बनता है। उदाहरण के लिए, जल  के अणुओं (H2O) में, हाइड्रोजन सहसंयोजक रूप से अधिक विद्युत ऋणात्मक ऑक्सीजन परमाणु के साथ जुड़ा होता है। इसलिए, एक जल के अणु के हाइड्रोजन परमाणु और दूसरे H2O अणु के ऑक्सीजन परमाणु के बीच द्विध्रुव-द्विध्रुवीय अंतःक्रिया के कारण पानी के अणुओं में हाइड्रोजन बंधन उत्पन्न होता है।

एक अणु में, जब एक हाइड्रोजन परमाणु एक अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक परमाणु से जुड़ता है, तो यह साझे के इलेक्ट्रॉनों जोड़ी को अधिक आकर्षित करता है, और इसलिए विद्युत ऋणात्मक परमाणु आंशिक ऋणात्मक हो जाता है जबकि हाइड्रोजन परमाणु आंशिक धनात्मक हो जाता है। एक अणु का ऋणात्मक सिरा दूसरे के धनात्मक सिरे को आकर्षित करता है और परिणामस्वरूप, उनके बीच एक कमजोर बंध बनता है। इस बंध को हाइड्रोजन बंध कहा जाता है।

उदाहरण

................ ..........

हाइड्रोजन बंध के प्रकार

हाइड्रोजन बंध निम्न-लिखित दो प्रकार के होते हैं।

  • अंतरआण्विक हाइड्रोजन बंधन
  • अंतराआण्विकहाइड्रोजन बंधन

अंतरआण्विक हाइड्रोजन बंधन

जब एक या अलग-अलग यौगिकों के विभिन्न अणुओं के बीच हाइड्रोजन बंध होता है, तो इसे अंतर-आण्विक हाइड्रोजन बंधन कहा जाता है।

उदाहरण

जल, एल्कोहल, अमोनिया आदि में बनने वाले हाइड्रोजन बंध को अंतरआण्विक हाइड्रोजन बंधन कहते हैं।

अंतराआण्विक हाइड्रोजन बंधन

किसी अणु केअंदर बनने वाले हाइड्रोजन बंध को अंतराआण्विक हाइड्रोजन बंधन कहते हैं।

उदाहरण

ऑर्थो नाइट्रो फीनॉल

अभ्यास प्रश्न

  • हाइड्रोजन आबंधन से आप क्या समझते हैं ?
  • हाइड्रोजन बंध कितने प्रकार के होते हैं ?
  • अंतर आणविक हाइड्रोजन बंध से आप क्या समझते हैं?
  • अंतराआण्विक हाइड्रोजन बंधन से आप क्या समझते हैं?