ऑगमेंटेड रियलिटी: Difference between revisions
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* VR में आपको एक हेडसेट की आवश्यकता होती है जबकि AR में सिर्फ स्मार्ट फ़ोन का ही उपयोग किया जाता है | * VR में आपको एक हेडसेट की आवश्यकता होती है जबकि AR में सिर्फ स्मार्ट फ़ोन का ही उपयोग किया जाता है | ||
* ऑगमेंटेड रियलिटी में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। जबकि वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो वर्चुअल इमेज, वर्चुअल साउंड और दूसरी कई वर्चुअल चीजें दिखाने के लिए काम आती है। | * ऑगमेंटेड रियलिटी में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। जबकि वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो वर्चुअल इमेज, वर्चुअल साउंड और दूसरी कई वर्चुअल चीजें दिखाने के लिए काम आती है। | ||
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Latest revision as of 15:32, 10 August 2023
संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी) आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) का दूसरा रूप है, इस तकनीक में एक कंप्यूटर जनित वातावरण बनाया जा सकता है जो आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हो। ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रियलिटी से काफी महंगा है। वर्चुअल रियलिटी में हम आँख पर लेंस लगाकर एक वर्चुअल दुनिया में चले जाते हैं जबकि संवर्धित वास्तविकता में हम अपनी दुनिया में रहते हैं और हमारे चारों ओर आभासी वस्तु का निर्माण होता है। आसान भाषा में समझें तो आपके आसपास के वातावरण के साथ एक और आभासी दुनिया को जोडकर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है। ऑगमेंटेड रियलिटी में आप कोई हेडसेट नही पहनते इसमें गूगल ग्लास पहन कर आपके आसपास आपको डिजिटल वस्तओं का अनुभव होने लगता है। ऑगमेंटेड रियलिटी में, आपके आस-पास के वातावरण से मेल खाने के लिए एक कंप्यूटर जनित वातावरण बनाया जाता है। यह आपके आस-पास के वातावरण के साथ सहभागिता कर सकती है, और इसके लिए आपको सिर्फ स्मार्ट फ़ोन की आवश्यकता होती है।
ऑगमेंटेड रियलिटी की कार्यप्रणाली
मोशन ट्रैकिंग
इसके लिए मोबाइल फोन में जायरोस्कोप का होना जरूरी है, जब आप अपने फोन का कैमरा चलाते हैं, तो कैमरे के साथ जायरोस्कोप भी चालू रहता है। जायरोस्कोप एक ऐसा सेंसर है जो सामान्यतः प्रत्येक फोन में होता है। यह जाइरोस्कोप आपके फोन की स्थिति को देखकर आपकी स्थिति को जानता है और आपका फोन कितनी डिग्री पर झुका हुआ है यह ऑगमेंटेड रियलिटी को मोशन ट्रैकिंग में मदद करता है।
प्रकाश का अनुमान लगा कर
आपके डिवाइस का सेंसर परिवेशी प्रकाश को मापता है। इसके साथ ही वह ऑगमेंटेड रियलिटी की आकृतियों की छाया भी बनाता है। यह ऑगमेंटेड रिएलिटी के लक्षणों को बिल्कुल असली जैसा दिखाता है।
समतल सतह
ऑगमेंटेड रियलिटी के लिए सतह समतल होनी चाहिए उबड़ खाबड़ सतह पर ऑगमेंटेड रियलिटी सही कार्य नहीं करता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी के अनुप्रयोग
- ऑगमेंटेड रियलिटी का एक अच्छा उदाहरण स्नैप चैट है, जिसमे यह एप्प चेहरा डिटेक्ट करती है और फिर उसके ऊपर फ़िल्टर लगा देती है या 3D ऑब्जेक्ट उसपर प्लेस कर देती है।
- इसका दूसरा महत्वपूर्ण उदाहरण पोकेमॉन गो है जिसमे आपके ही क्षेत्र में एक डिजिटल ऑब्जेक्ट घूमता हुआ दिखता है।
- एशियन पेंट्स भी ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग करके घर का फोटो लेकर उसमे कौन सा रंग लगा सकते हैं यह निर्णय लेने में सहायता करते हैं।
- सैन्य प्रशिक्षण – सैन्य प्रशिक्षण में संवर्धित वास्तविकता का भी उपयोग किया जाने लगा है। इसका उपयोग युद्ध के अभ्यास में किया जाता है। सेना को एक आभासी युद्धक्षेत्र दिखाया जाता है और वहां की हर चीज से अवगत कराया जाता है।
- इसके साथ ही मेडिकल छात्रों को उपचार के तरीके समझाए जाते हैं। छात्रों को बिना किसी शरीर का उपयोग किए उपचार के तरीकों से परिचित कराया जाता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी के उपकरण
- माइक्रोस्कोप का हॉलो लेंस
- सोनी का मैजिक लेंस
- गूगल ग्लास
वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में अंतर
- दोनों एक दूसरे से काफी भिन्न है VR सस्ता होता है जबकि AR बहुत महंगा पड़ता है
- VR में आपको एक हेडसेट की आवश्यकता होती है जबकि AR में सिर्फ स्मार्ट फ़ोन का ही उपयोग किया जाता है
- ऑगमेंटेड रियलिटी में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। जबकि वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो वर्चुअल इमेज, वर्चुअल साउंड और दूसरी कई वर्चुअल चीजें दिखाने के लिए काम आती है।