प्रेरकत्व (प्रेरण): Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
Line 1: Line 1:
Induction
Induction


इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन:
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो बताता है कि कैसे एक बदलता चुंबकीय क्षेत्र पास के कंडक्टर (आमतौर पर एक तार) में इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) या वोल्टेज उत्पन्न कर सकता है। यह घटना विभिन्न विद्युत उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का आधार है।
गणितीय प्रतिनिधित्व:
गणितीय अभिव्यक्ति जो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का प्रतिनिधित्व करती है वह फैराडे का प्रेरण का नियम है, जिस पर हमने पहले चर्चा की थी। यहाँ समीकरण है:
ε=−NΔΦΔtε=−NΔtΔΦ​
जहाँ:
   ε प्रेरित इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) या वोल्टेज है।
   एन तार (कॉइल) में घुमावों की संख्या है जहां प्रेरण हो रहा है।
   ΔΦ कुंडल के माध्यम से चुंबकीय प्रवाह में परिवर्तन है।
   Δt समय में परिवर्तन है।
स्पष्टीकरण:
   प्रेरित ईएमएफ (वोल्टेज): जब एक कंडक्टर से गुजरने वाला चुंबकीय क्षेत्र बदलता है, तो यह एक इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) प्रेरित करता है, जो एक वोल्टेज है। इस वोल्टेज में कंडक्टर के माध्यम से विद्युत धारा चलाने की क्षमता होती है।
   घुमावों की संख्या (कुंडल): यदि कंडक्टर को कई घुमावों (लूप) के साथ कुंडल में लपेटा जाता है, तो प्रेरित वोल्टेज घुमावों की संख्या से बढ़ जाता है। अधिक टर्न से प्रेरण की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
   चुंबकीय प्रवाह में परिवर्तन: चुंबकीय प्रवाह (ΦΦ) किसी सतह से गुजरने वाले चुंबकीय क्षेत्र का एक माप है। जब चुंबकीय क्षेत्र बदलता है (चुंबक की गति, धारा में परिवर्तन आदि के कारण), तो कुंडल के माध्यम से चुंबकीय प्रवाह बदल जाता है। चुंबकीय प्रवाह (ΔΦΔΦ) में यह परिवर्तन ईएमएफ प्रेरित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है।
   समय में परिवर्तन: चुंबकीय प्रवाह के परिवर्तन की दर (ΔΦΔtΔtΔΦ​) इंगित करती है कि चुंबकीय क्षेत्र कितनी तेजी से बदल रहा है। परिवर्तन की यह दर प्रेरित ईएमएफ के सीधे आनुपातिक है।
== अनुप्रयोग ==
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के विभिन्न व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं, जिनमें
====== जनरेटर ======
विद्युत जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करके यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। चुंबकीय क्षेत्र में कुंडल को घुमाने से ईएमएफ प्रेरित होता है, जिससे बिजली पैदा होती है।
====== ट्रांसफार्मर ======
ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती धारा (एसी) सर्किट में वोल्टेज स्तर को बदलने के लिए विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करते हैं, जिससे लंबी दूरी पर बिजली का कुशल संचरण संभव होता है।
====== प्रेरक ======
कुंडल या सोलनॉइड जैसे प्रेरक, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के कारण चुंबकीय क्षेत्र में ऊर्जा संग्रहीत करते हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में विभिन्न प्रयोजनों के लिए किया जाता है।
====== इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी (ईएमसी) ======
अवांछित हस्तक्षेप को रोकने और अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों को डिजाइन करने में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन एक महत्वपूर्ण विचार है।
शामिल हैं ।
[[Category:वैद्युत चुंबकीय प्रेरण]]
[[Category:वैद्युत चुंबकीय प्रेरण]]

Revision as of 12:58, 17 August 2023

Induction

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन:

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो बताता है कि कैसे एक बदलता चुंबकीय क्षेत्र पास के कंडक्टर (आमतौर पर एक तार) में इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) या वोल्टेज उत्पन्न कर सकता है। यह घटना विभिन्न विद्युत उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का आधार है।

गणितीय प्रतिनिधित्व:

गणितीय अभिव्यक्ति जो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का प्रतिनिधित्व करती है वह फैराडे का प्रेरण का नियम है, जिस पर हमने पहले चर्चा की थी। यहाँ समीकरण है:

ε=−NΔΦΔtε=−NΔtΔΦ​

जहाँ:

   ε प्रेरित इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) या वोल्टेज है।

   एन तार (कॉइल) में घुमावों की संख्या है जहां प्रेरण हो रहा है।

   ΔΦ कुंडल के माध्यम से चुंबकीय प्रवाह में परिवर्तन है।

   Δt समय में परिवर्तन है।

स्पष्टीकरण:

   प्रेरित ईएमएफ (वोल्टेज): जब एक कंडक्टर से गुजरने वाला चुंबकीय क्षेत्र बदलता है, तो यह एक इलेक्ट्रोमोटिव बल (ईएमएफ) प्रेरित करता है, जो एक वोल्टेज है। इस वोल्टेज में कंडक्टर के माध्यम से विद्युत धारा चलाने की क्षमता होती है।

   घुमावों की संख्या (कुंडल): यदि कंडक्टर को कई घुमावों (लूप) के साथ कुंडल में लपेटा जाता है, तो प्रेरित वोल्टेज घुमावों की संख्या से बढ़ जाता है। अधिक टर्न से प्रेरण की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।

   चुंबकीय प्रवाह में परिवर्तन: चुंबकीय प्रवाह (ΦΦ) किसी सतह से गुजरने वाले चुंबकीय क्षेत्र का एक माप है। जब चुंबकीय क्षेत्र बदलता है (चुंबक की गति, धारा में परिवर्तन आदि के कारण), तो कुंडल के माध्यम से चुंबकीय प्रवाह बदल जाता है। चुंबकीय प्रवाह (ΔΦΔΦ) में यह परिवर्तन ईएमएफ प्रेरित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है।

   समय में परिवर्तन: चुंबकीय प्रवाह के परिवर्तन की दर (ΔΦΔtΔtΔΦ​) इंगित करती है कि चुंबकीय क्षेत्र कितनी तेजी से बदल रहा है। परिवर्तन की यह दर प्रेरित ईएमएफ के सीधे आनुपातिक है।

अनुप्रयोग

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के विभिन्न व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं, जिनमें

जनरेटर

विद्युत जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करके यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। चुंबकीय क्षेत्र में कुंडल को घुमाने से ईएमएफ प्रेरित होता है, जिससे बिजली पैदा होती है।

ट्रांसफार्मर

ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती धारा (एसी) सर्किट में वोल्टेज स्तर को बदलने के लिए विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करते हैं, जिससे लंबी दूरी पर बिजली का कुशल संचरण संभव होता है।

प्रेरक

कुंडल या सोलनॉइड जैसे प्रेरक, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के कारण चुंबकीय क्षेत्र में ऊर्जा संग्रहीत करते हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में विभिन्न प्रयोजनों के लिए किया जाता है।

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी (ईएमसी)

अवांछित हस्तक्षेप को रोकने और अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों को डिजाइन करने में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन एक महत्वपूर्ण विचार है।

शामिल हैं ।