निकाय की अवस्था: Difference between revisions
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'''"किसी निकाय का वर्णन करने में निकाय के ताप, दाब और उसके प्रत्येक घटक के मोलों की संख्या तथा घटकों की भौतिक अवस्थाएं (ठोस, द्रव, गैस) ठीक ठीक निर्दिष्ट करना आवश्यक होता है। निकाय के ये चर जब निश्चित होते हैं तब निकाय के सभी गुण स्थिर हो जाते हैं।"''' | |||
निकाय की स्थित जब उसके सभी गुण स्थिर हो जाते हैं, निकाय की अवस्था कहलाती है। | |||
=== उदाहरण === | |||
* 25<sup>0</sup>C और 1 वायुमंडल दाब पर मोल एक निश्चित अवस्था में है जिसमे उसके सभी गुणों के मान निश्चित और स्थिर होते है। जब निकाय में परिवर्तन होता है, तब निकाय एक अवस्था से दूसरी अवस्था में जाता है। | |||
== मानक अवस्था == | |||
25 <sup>0</sup>C और 1 वायुमंडल दाब पर पदार्थ का शुद्ध स्थाई रूप पदार्थ की मानक अवस्था कहलाती है। द्रव विलायक में विलेय की सांद्रता जब 1 मोल प्रति लीटर होती है, तब वह अपनी मानक अवस्था में होता है। | |||
=== उदाहरण === | |||
* 25<sup>0</sup>C और 1 वायुमंडल दाब पर शुद्ध ग्रेफाइट (ठोस), कार्बन (ठोस) की मानक अवस्था है। | |||
* द्रव जल में ग्लूकोस की सांद्रता जब 1 मोल प्रति लीटर होती है, तब वह अपनी मानक अवस्था में होता है। |
Revision as of 11:41, 18 August 2023
"किसी निकाय का वर्णन करने में निकाय के ताप, दाब और उसके प्रत्येक घटक के मोलों की संख्या तथा घटकों की भौतिक अवस्थाएं (ठोस, द्रव, गैस) ठीक ठीक निर्दिष्ट करना आवश्यक होता है। निकाय के ये चर जब निश्चित होते हैं तब निकाय के सभी गुण स्थिर हो जाते हैं।"
निकाय की स्थित जब उसके सभी गुण स्थिर हो जाते हैं, निकाय की अवस्था कहलाती है।
उदाहरण
- 250C और 1 वायुमंडल दाब पर मोल एक निश्चित अवस्था में है जिसमे उसके सभी गुणों के मान निश्चित और स्थिर होते है। जब निकाय में परिवर्तन होता है, तब निकाय एक अवस्था से दूसरी अवस्था में जाता है।
मानक अवस्था
25 0C और 1 वायुमंडल दाब पर पदार्थ का शुद्ध स्थाई रूप पदार्थ की मानक अवस्था कहलाती है। द्रव विलायक में विलेय की सांद्रता जब 1 मोल प्रति लीटर होती है, तब वह अपनी मानक अवस्था में होता है।
उदाहरण
- 250C और 1 वायुमंडल दाब पर शुद्ध ग्रेफाइट (ठोस), कार्बन (ठोस) की मानक अवस्था है।
- द्रव जल में ग्लूकोस की सांद्रता जब 1 मोल प्रति लीटर होती है, तब वह अपनी मानक अवस्था में होता है।