एन्ट्रापी एवं स्वतः प्रवर्तिता: Difference between revisions

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किसी निकाय की एन्ट्रॉपी उसकी ऐंठाल्प्य के सदृश उसका एक अभिलाक्षणिक ऊष्मागतिक गुण है। एन्ट्रॉपी निकाय का एक अवस्था फलन है। यदि कोई निकाय प्रारंभिक अवस्था A से अंतिम अवस्था B में परिवर्तित होता है तो उसकी एन्ट्रॉपी में परिवर्तन
किसी निकाय की एन्ट्रॉपी उसकी ऐंठाल्प्य के सदृश उसका एक अभिलाक्षणिक ऊष्मागतिक गुण है। एन्ट्रॉपी निकाय का एक अवस्था फलन है। यदि कोई निकाय प्रारंभिक अवस्था A से अंतिम अवस्था B में परिवर्तित होता है तो उसकी एन्ट्रॉपी में परिवर्तन


△S = S - S
△S = S<sub>अंतिम</sub> - S<sub>प्रारंभिक</sub>

Revision as of 12:13, 22 August 2023

किसी निकाय की एन्ट्रॉपी उसकी ऐंठाल्प्य के सदृश उसका एक अभिलाक्षणिक ऊष्मागतिक गुण है। एन्ट्रॉपी निकाय का एक अवस्था फलन है। यदि कोई निकाय प्रारंभिक अवस्था A से अंतिम अवस्था B में परिवर्तित होता है तो उसकी एन्ट्रॉपी में परिवर्तन

△S = Sअंतिम - Sप्रारंभिक