फोकल लंबाई: Difference between revisions
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प्रकाशिकी में फोकल लंबाई एक महत्वपूर्ण माप है जो यह निर्धारित करती है कि एक लेंस या दर्पण प्रकाश को कितना मोड़ता है। यह लेंस/दर्पण और उस बिंदु के बीच की दूरी है जहां प्रकाश की समानांतर किरणें लेंस से गुजरने या दर्पण से परावर्तित होने के बाद एकत्रित (एक साथ आती हैं) होती हैं। | |||
== फोकल लंबाई की समझ == | |||
====== अभिसरण लेंस/दर्पण ====== | |||
कम फोकल लंबाई वाले लेंस या दर्पण प्रकाश को अधिक मजबूती से मोड़ते हैं, जिससे समानांतर किरणें तेजी से परिवर्तित होती हैं। इनका उपयोग आवर्धक लेंस और कैमरे जैसे उपकरणों में किया जाता है। | |||
====== अपसारी लेंस/दर्पण ====== | |||
लंबी फोकल लंबाई वाले लेंस या दर्पण प्रकाश को अधिक धीरे से मोड़ते हैं, जिससे समानांतर किरणें फैलती हैं। दूरदर्शिता को ठीक करने के लिए ऐसे प्रकाशिकी का उपयोग चश्मों में किया जाता है। | |||
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Revision as of 10:28, 29 August 2023
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प्रकाशिकी में फोकल लंबाई एक महत्वपूर्ण माप है जो यह निर्धारित करती है कि एक लेंस या दर्पण प्रकाश को कितना मोड़ता है। यह लेंस/दर्पण और उस बिंदु के बीच की दूरी है जहां प्रकाश की समानांतर किरणें लेंस से गुजरने या दर्पण से परावर्तित होने के बाद एकत्रित (एक साथ आती हैं) होती हैं।
फोकल लंबाई की समझ
अभिसरण लेंस/दर्पण
कम फोकल लंबाई वाले लेंस या दर्पण प्रकाश को अधिक मजबूती से मोड़ते हैं, जिससे समानांतर किरणें तेजी से परिवर्तित होती हैं। इनका उपयोग आवर्धक लेंस और कैमरे जैसे उपकरणों में किया जाता है।
अपसारी लेंस/दर्पण
लंबी फोकल लंबाई वाले लेंस या दर्पण प्रकाश को अधिक धीरे से मोड़ते हैं, जिससे समानांतर किरणें फैलती हैं। दूरदर्शिता को ठीक करने के लिए ऐसे प्रकाशिकी का उपयोग चश्मों में किया जाता है।