अनुपचारित मल: Difference between revisions
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भारत में अनुपचारित मल समस्या खराब सीवरेज प्रणाली के कारण है , यह और भी बदतर हो जाता है क्योंकि यह अपने शहरी घरों के लगभग दो-तिहाई से जुड़ा भी नहीं है।। प्रचालन में मौजूद कई सीवेज उपचार संयंत्र कुशलता से काम नहीं करते हैं या उनका रख-रखाव अच्छा नहीं है। | भारत में अनुपचारित मल समस्या खराब सीवरेज प्रणाली के कारण है , यह और भी बदतर हो जाता है क्योंकि यह अपने शहरी घरों के लगभग दो-तिहाई से जुड़ा भी नहीं है।। प्रचालन में मौजूद कई सीवेज उपचार संयंत्र कुशलता से काम नहीं करते हैं या उनका रख-रखाव अच्छा नहीं है।दिल्ली सरकार अब ओखला में भारत का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बना रही है, जो प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर अपशिष्ट जल का उपचार करने में सक्षम है। |
Revision as of 16:46, 11 September 2023
अनुपचारित मल या सीवेज तरल अपशिष्ट है जिसमें स्नान, धुलाई और सफाई जैसी गैर-औद्योगिक मानवीय गतिविधियों का अपशिष्ट जल होता है।यह अपशिष्ट जल का भी एक हिस्सा है जो मल या मूत्र से दूषित होता है।जब मलजल को निर्वहन से पहले उपचारित नहीं किया जाता है तो यह अनुपचारित मलजल बन जाता है।अनुपचारित सीवेज मानव स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है।
भारत में अनुपचारित सीवेज समस्या
भारत में अनुपचारित मल समस्या खराब सीवरेज प्रणाली के कारण है , यह और भी बदतर हो जाता है क्योंकि यह अपने शहरी घरों के लगभग दो-तिहाई से जुड़ा भी नहीं है।। प्रचालन में मौजूद कई सीवेज उपचार संयंत्र कुशलता से काम नहीं करते हैं या उनका रख-रखाव अच्छा नहीं है।दिल्ली सरकार अब ओखला में भारत का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बना रही है, जो प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर अपशिष्ट जल का उपचार करने में सक्षम है।