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| {| class="wikitable"
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| | colspan="4" rowspan="1" style="text-align:center" |'''कक्षा 11 रसायन विज्ञान (1) के लिए टैक्सोनॉमी'''
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| |'''अध्याय'''
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| |'''विषय'''
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| |'''उपविषय-1'''
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| |'''उपविषय-2'''
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| |[[रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधरणाएँ]] (SOME BASIC CONCEPTS OF CHEMISTRY)
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| |[[रसायन विज्ञान का विकास]] (DEVELOPMENT OF CHEMISTRY)
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| |[[रसायन विज्ञान का महत्त्व]] (IMPORTANCE OF CHEMISTRY)
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| |[[द्रव्य की प्रकृति]] (NATURE OF MATTER)
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| |[[द्रव्य का वर्गीकरण]] (Classification of Matter)
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| |[[द्रव्य के गुणधर्म और उनका मापन]] (PROPERTIES OF MATTER AND THEIR MEASUREMENT)
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| |[[द्रव्य के गुणधर्म और उनका मापन|द्रव्य के भौतिक एवं रासायनिक गुण]] (Physical and chemical properties of Matter)
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| |भौतिक गुणधर्मों का मापन (Measurement of physical properties)
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| |मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति (The International System of Units (SI))
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| |द्रव्यमान और भार (Mass and Weight)
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| |आयतन (Volume)
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| |ताप (Temperature)
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| |[[मापन में अनिश्चितता]] (UNCERTAINTY IN MEASUREMENT)
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| |वैज्ञानिक अनिश्चितता
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| |सार्थक अंक
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| |विमीय विश्लेषण
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| |[[रासायनिक संयोजन के नियम]] (LAWS OF CHEMICAL COMBINATIONS)
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| |[[द्रव्यमान संरक्षण का नियम]] (Law of Conservation of Mass)
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| |[[स्थिर अनुपात का नियम]] (Law of Definite Proportions)
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| |[[गुणित अनुपात का नियम]] (Law of Multiple Proportions)
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| |[[गे लुसाक का गैसीय आयतन नियम]] (Gay Lussac’s Law of Gaseous Volumes)
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| |[[आवोगाद्रो का नियम]] (Avogadro’s Law)
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| |[[डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का नियम]] (DALTON’S ATOMIC THEORY)
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| |[[औसत परमाणु द्रव्यमान]] (Average Atomic Mass)
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| |[[आणविक द्रव्यमान]] (Molecular Mass)
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| |[[सूत्र-द्रव्यमान]] (Formula Mass)
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| |[[मोल संकल्पना और मोलर द्रव्यमान]] (MOLE CONCEPT AND MOLAR MASSES)
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| |[[प्रतिशत संघटन]] (PERCENTAGE COMPOSITION)
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| |[[मूलानुपाती सूत्र और आणविक सूत्र]] (Empirical Formula for Molecular Formula)
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| |[[स्टॉइकियोमीट्री और स्टॉइकियोमीट्रिक परिकल्पना]] (STOICHIOMETRY AND STOICHIOMETRIC CALCULATIONS)
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| |-
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| |[[सीमान्त अभिकर्मक]] (Limiting Reagent)
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| |[[विलयनों में अभिक्रियाएं]] (Reactions in Solutions)
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| |[[द्रव्यमान प्रतिशत]]
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| |[[मोल अंश]]
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| |[[मोलरता]]
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| |[[मोललता]]
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| |[[परमाणु की संरचना]] (STRUCTURE OF ATOM
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| |[[अवपरमाण्विक कणों की खोज]] (DISCOVERY OF SUB-ATOMIC PARTICLES)
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| |[[इलेक्ट्रॉन की खोज]] (Discovery of Electron)
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| |[[इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान आवेश अनुपात]] (Charge to Mass Ratio of Electron)
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| |[[इलेक्ट्रॉनों पर आवेश]] (Charge on the Electron)
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| |[[प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की खोज]] (Discovery of Protons and Neutrons)
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| |[[परमाणु मॉडल]] (ATOMIC MODELS)
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| |[[परमाणु का थॉमसन मॉडल]] (Thomson Model of Atom)
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| |[[रदरफोर्ड का नाभिकीय परमाणु मॉडल]] (Rutherford’s Nuclear Model of Atom)
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| |[[परमाणु संख्या तथा द्रव्यमान संख्या]] (Atomic Number and Mass Number)
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| |[[समस्थानिक एवं समभारिक]] (Isobars and Isotopes)
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| |रदरफोर्ड मॉडल की कमियां (Drawbacks of Rutherford Model)
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| |[[बोर के परमाणु मॉडल के विकास की पृष्ठभूमि]] (DEVELOPMENTS LEADING TO THE BOHR’S MODEL OF ATOM)
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| |[[विद्युत चुंबकीय विकिरण की तरंग प्रकृति]] (Wave Nature of Electromagnetic Radiation)
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| |[[विद्युत चुंबकीय विकिरण की कणीय प्रकृति: प्लांक का क्वांटम सिद्धांत]] (Particle Nature of Electromagnetic Radiation: Planck’s Quantum Theory)
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| |[[प्रकाश विधुत प्रभाव]] (Photoelectric Effect)
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| |[[विद्युत चुंबकीय विकिरण का द्वैत प्रभाव]] (Dual Behaviour of Electromagnetic Radiation)
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| |[[क्वांटित इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा के लिए प्रमाण:परमाण्विक स्पेक्ट्रा]] (Evidence for the quantized* Electronic Energy Levels: Atomic spectra)
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| |[[उत्सर्जन तथा अवशोषण स्पेक्ट्रा]] (Emission and Absorption Spectra)
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| |[[हाइड्रोजन का रेखीय स्पेक्ट्रम]] (Line Spectrum of Hydrogen)
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| |[[हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर मॉडल]] (BOHR’S MODEL FOR HYDROGEN ATOM)
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| |[[हाइड्रोजन के रेखा स्पेक्ट्रम की व्याख्या]] (Explanation of Line Spectrum of Hydrogen)
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| |[[बोर मॉडल की सीमाएं]]
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| |[[हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत]]
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| |[[अनिश्चितता सिद्धांत का महत्व]]
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| |[[बोर मॉडल की विफलता के कारण]]
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| |[[परमाणु का क्वांटम यांत्रिकीय मॉडल]]
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| |[[हाइड्रोजन परमाणु था श्रोडिंजर समीकरण]]
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| |[[कक्षक और क्वांटम संख्या]]
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| |[[मुख्य क्वांटम संख्या]]
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| |[[दिगंशी क्वांटम संख्या]]
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| |[[चुंबकीय क्वांटम संख्या]]
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| |[[चक्रण क्वांटम संख्या]]
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| |[[परमाणु कक्षकों की आकृतियां]]
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| |[[कक्षकों की ऊर्जाएँ]]
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| |[[परमाणु में कक्षकों का भरा जाना]]
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| |[[ऑफबाऊ नियम]]
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| |[[पाउली अपवर्जन सिद्धांत]]
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| |[[हुण्ड का अधिकतम बहुलता का नियम]]
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| |[[परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |[[पूर्णरूपेण पूरित एवं अर्धपूरित उप-कोशों का स्थायित्व]]
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| |[[तत्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता]]
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| |[[तत्वों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है]]
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| |[[आवर्त सारणी की उत्पत्ति]]
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| |[[आधुनिक आवर्त नियम तथा आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप]]
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| |[[१०० से अधिक परमाणु क्रमांक वाले तत्वों का नामकरण]]
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| |[[तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा आवर्त सारणी]]
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| |[[आवर्त में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |[[वर्गवार इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |[[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार]]
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| |[[s ब्लॉक के तत्व]]
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| |[[p ब्लॉक के तत्व]]
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| |[[d ब्लॉक के तत्व (संक्रमण तत्त्व)]]
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| |[[f ब्लॉक के तत्व]]
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| |[[धातु, अधातु और उपधातु]]
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| |[[तत्वों के गुणधर्मों में आवर्तिता]]
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| |[[भौतिक गुणधर्मों की प्रवृत्ति]]
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| |[[परमाणु त्रिज्या]]
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| |[[आयनी त्रिज्या]]
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| |[[आयनन एंथैल्पी]]
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| |[[इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी]]
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| |[[वैद्युतीयऋणात्मकता]]
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| |[[रासायनिक गुणधर्मों में आवर्त प्रवृत्ति]]
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| |[[संयोजकता में आवर्तिता या ऑक्सीकरण अवस्था]]
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| |[[रासायनिक अभिक्रियाशीलता तथा आवर्तिता]]
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| |[[रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना]]
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| |[[रासायनिक आबंधन की कॉसेल लूइस अवधारणा]]
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| |[[अष्टक नियम]]
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| |[[आबंध]]
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| |[[सहसंयोजी आबंध]]
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| |[[लुईस संरचना]]
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| |[[फॉर्मल आवेश]]
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| |[[अष्टक नियम की सीमाएं]]
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| |[[विद्युत संयोजी बंध]]
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| |[[जालक एन्थैल्पी]]
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| |-
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| |[[आबंध प्राचल]]
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| |-
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| |[[आबंध लम्बाई]]
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| |[[आबंध कोण]]
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| |[[आबंध एन्थैल्पी]]
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| |-
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| |[[आबंध कोटि]]
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| |-
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| |[[अनुनाद संरचनाएँ]]
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| |[[आबंध -ध्रुवणता]]
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| |[[द्विध्रुव आघूर्ण]]
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| |[[संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत]]
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| |-
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| |[[एकाकी युग्मरहित केंद्रित परमाणु युक्त अणुओं की ज्यामितीय]]
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| |[[केंद्रित परमाणु युक्त अणुओं की ज्यामितीय जिसमे एकाकी युग्म उपस्थित है]]
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| |[[संयोजकता बंध सिद्धांत]]
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| |[[कक्षक अतिव्यापन अवधारणा]]
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| |[[परमाणु कक्षकों का अतिव्यापन]]
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| |[[अतिव्यापन के प्रकार तथा सहसंयोजी आबंध की प्रकृति]]
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| |[[सिग्मा बंध तथा पाई बंध]]
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| |[[सिग्मा आबंधों तथा पाई आबंधों की प्रबलता]]
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| |[[संकरण]]
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| |[[संकरण के प्रकार]]
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| |[[sp3, sp2, sp संकरण के उदाहरण]]
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| |[[d कक्षकों वाले तत्वों में संकरण]]
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| |[[आणविक कक्षक सिद्धांत]]
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| |[[आणविक कक्षकों के प्रकार]]
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| |[[आणविक कक्षकों का ऊर्जा स्तर आरेख]]
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| |[[समनाभिकीय द्विपरमाणुक अणुओं में आबंधन]]
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| |[[हाइड्रोजन आबंधन]]
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| |[[हाइड्रोजन आबंधों के प्रकार]]
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| |[[द्रव्य की अवस्थाएँ]]
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| |[[अंतरा-आणविक बल]]
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| |[[प्रकीर्णन बल अथवा लंडन बल]]
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| |[[द्विध्रुव-द्विध्रुव बल]]
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| |[[द्विध्रुव प्रेरित द्विध्रुव बल]]
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| |[[ऊष्मीय ऊर्जा]]
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| |[[गैसीय अवस्था]]
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| |[[गैस के नियम]]
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| |[[बॉयल का नियम]]
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| |[[चार्ल्स का नियम]]
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| |[[गै -लुसैक नियम]]
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| |[[आवोगाद्रो नियम]]
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| |[[आदर्श गैस समीकरण]]
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| |[[गैसीय पदार्थ का घनत्व एवं मोलर द्रव्यमान]]
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| |[[डाल्टन का आंशिक दाब नियम]]
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| |[[गतिज ऊर्जा एवं अणुक गति]]
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| |[[गैसों का अणुगतिक सिद्धांत]]
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| |[[आदर्श व्यवहार से विचलन]]
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| |[[गैसों का द्रवीकरण]]
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| |[[क्रांतिक ताप]]
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| |[[क्रांतिक दाब]]
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| |[[क्रांतिक आयतन]]
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| |[[द्रव अवस्था]]
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| |[[वाष्प दाब]]
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| |[[पृष्ठ तनाव]]
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| |[[श्यानता]]
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| |[[उष्मागतिकी]]
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| |[[ऊष्मागतिकी के तकनीकी शब्द]]
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| |[[निकाय एवं परिवेश]]
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| |[[निकाय के प्रकार]]
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| |[[निकाय की अवस्था]]
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| |[[आंतरिक ऊर्जा: एक अवस्था फलन|आंतरिक ऊर्जा : एक अवस्था फलन]]
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| |[[कार्य]]
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| |ऊष्मा
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| |[[सामान्य स्थिति]]
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| |[[एन्थैल्पी]]
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| |[[एक उपयोगी नया अवस्था फलन]]
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| |[[विस्तीर्ण एवं गहन गुण]]
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| |[[ऊष्मा धारिता]]
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| |[[एक आदर्श गैस के लिए Cp एवं Cv में सम्बन्ध]]
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| |[[Δ U एवं ΔH का मापन: कैलोरीमिति]]
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| |[[Δ U का मापन]]
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| |[[ΔH का मापन]]
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| |[[अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी परिवर्तन, ΔrH अभिक्रिया एन्थैल्पी]]
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| |-
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| |[[अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी]]
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| |[[प्रावस्था रूपांतरण में एन्थैल्पी-परिवर्तन]]
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| |[[मानक विरचन एन्थैल्पी ∆Hf]]
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| |[[ऊष्मा रासायनिक समीकरण]]
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| |[[हेस का नियम]]
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| |[[विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं के लिए एन्थैल्पी]]
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| |[[मानक दहन एन्थैल्पी ∆Hc]]
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| |[[कणन एन्थैल्पी]]
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| |[[आबंध एन्थैल्पी]]
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| |[[बहुपरमाणुक अणु]]
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| |[[जालक एन्थैल्पी]]
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| |-
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| |[[विलयन एन्थैल्पी]]
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| |[[तनुकरण की एन्थैल्पी]]
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| |[[स्वतः प्रवर्तिता]]
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| |[[एन्ट्रापी एवं स्वतः प्रवर्तिता]]
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| |[[गिब्स ऊर्जा एवं स्वतः प्रवर्तिता]]
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| |[[एन्ट्रापी और ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम]]
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| |[[निरपेक्ष एन्ट्रापी और ऊष्मागतिकी का तीसरा नियम]]
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| |-
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| |[[गिब्स ऊर्जा परिवर्तन एवं साम्यावस्था]]
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| |साम्यावस्था
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| |[[भौतिक प्रक्रमों में साम्यावस्था]]
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| |[[ठोस-द्रव साम्यावस्था]]
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| |[[द्रव-वाष्प साम्यावस्था]]
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| |[[ठोस-वाष्प साम्यावस्था]]
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| |-
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| |[[द्रव में ठोस अथवा गैस की घुलनशीलता सम्बन्धी साम्य]]
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| |[[द्रवों में ठोस]]
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| |[[द्रवों में गैसें]]
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| |[[भौतिक साम्यावस्था]]
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| |[[भौतिक साम्यावस्था की विशेषताएं]]
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| |[[भौतिक साम्यावस्था के सामान्य अभिलक्षण]]
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| |[[रासायनिक साम्यावस्था का नियम तथा साम्यावस्था स्थिरांक]]
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| |[[समांग साम्यावस्था]]
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| |-
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| |[[गैसीय निकाय में साम्यावस्था स्थिरांक (Kp)]]
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| |[[विषमांग साम्यावस्था]]
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| |-
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| |[[साम्यावस्था स्थिरांक के अनुप्रयोग]]
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| |-
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| |[[अभिक्रिया की सीमा का अनुमान लगाना]]
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| |[[अभिक्रिया की दिशा का बोध]]
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| |[[साम्य सांद्रताओं की गणना]]
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| |[[साम्यावस्था स्थिरांक K, अभिक्रिया भागफल Q तथा गिब्स ऊर्जा G में सम्बन्ध]]
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| |-
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| |[[साम्य को प्रभावित करने वाले कारक]]
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| |[[सांद्रता परिवर्तन का प्रभाव]]
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| |[[दाब परिवर्तन का प्रभाव]]
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| |[[अक्रिय गैस के योग का प्रभाव]]
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| |[[ताप परिवर्तन का प्रभाव]]
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| |[[उत्परिवर्तन का प्रभाव]]
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| |[[विलयन में आयनिक साम्यावस्था]]
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| |[[अम्ल क्षारक एवं लवण]]
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| |[[अम्ल क्षार की आरहेनियस धारणा]]
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| |[[ब्रॉन्स्टेड लोरी अम्ल एवं क्षार]]
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| |[[लूइस अम्ल एवं क्षारक]]
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| |[[अम्ल एवं क्षारकों का आयनन]]
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| |[[जल का आयनन स्थिरांक एवं इसका आयनिक गुणनफल]]
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| |[[pH स्केल]]
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| |[[दुर्बल अम्लों के आयनन स्थिरांक]]
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| |[[दुर्बल क्षारकों का आयनन]]
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| |-
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| |[[Ka तथा Kb में सम्बन्ध]]
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| |[[द्वि एवं बहु क्षारकी अम्ल तथा द्वि एवं बहु अम्लीय क्षारक]]
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| |[[अम्लों एवं क्षारकों के आयनन में समआयन प्रभाव]]
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| |[[लवणों का जल अपघटन एवं इनके विलयन का pH]]
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| |[[बफर विलयन]]
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| |[[अम्लीय बफर]]
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| |[[क्षारीय बफर]]
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| |-
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| |[[अल्पविलेय लवणों की विलेयता साम्यावस्था]]
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| |[[विलेयता गुणनफल स्थिरांक]]
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| |[[आयनिक लवणों की विलेयता पर सम आयन प्रभाव]]
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| |}
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| {| class="wikitable"
| |
| | colspan="5" rowspan="1" style="text-align:center" |'''कक्षा 11 रसायन विज्ञान (2) के लिए टैक्सोनॉमी'''
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| |'''अध्याय-सूची'''
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| |'''विषय-सूची'''
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| |'''उपविषय-1'''
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| |'''उपविषय-2'''
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| |'''उपविषय-3'''
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| |[[अपचयोपचय अभिक्रियाएँ]]
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| |[[अपचयोपचय अभिक्रियाएँ]]
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| |[[इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाओं के रूप में अपचयोपचय अभिक्रियाएँ]]
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| |-
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| |[[प्रतियोगी इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिक्रियाएँ]]
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| |[[अपचयोपचय अभिक्रियाओं के प्रारूप]]
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| |[[योग अभिक्रियाएँ]]
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| |[[अपघटन अभिक्रियाएँ]]
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| |[[विस्थापन अभिक्रियाएँ]]
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| |[[असमानुपातन अभिक्रियाएँ]]
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| |-
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| |[[अपचयोपचय अभिक्रियाओं का संतुलन]]
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| |[[ऑक्सीकरण-संख्या विधि]]
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| |[[अर्द्ध अभिक्रिया विधि]]
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| |[[ऑक्सीकरण-संख्या]]
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| |[[अपचयन अभिक्रियाएँ तथा इलेक्ट्रोड प्रक्रम]]
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| |[[हाइड्रोजन]]
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| |[[आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान]]
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| |[[डाइहाइड्रोजन]]
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| |[[डाइहाइड्रोजन बनाने की विधियां]]
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| |[[डाइहाइड्रोजन के गुण]]
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| |[[डाइहाइड्रोजन के अनुप्रयोग]]
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| |[[हाइड्राइड]]
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| |[[आयनिक या लवणीय हाइड्राइड]]
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| |[[सहसंयोजक या आण्विक हाइड्राइड]]
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| |[[धात्विक या अरसमीकरणमितीय हाइड्राइड]]
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| |जल
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| |[[जल के भौतिक गुण]]
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| |[[जल की संरचना]]
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| |[[बर्फ की संरचना]]
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| |[[जल के रासायनिक गुण]]
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| |[[उभयधर्मी प्रकृति]]
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| |[[जल की अपचयोपचय अभिक्रिया]]
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| |-
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| |[[जल अपघटन अभिक्रिया]]
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| |-
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| |[[हाइड्रेट विरचन]]
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| |[[कठोर एवं मृदु जल]]
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| |-
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| |[[अस्थायी कठोरता]]
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| |[[स्थायी कठोरता]]
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| |[[हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के भौतिक एवं रासायनिक गुण|हाइड्रोजन पेरॉक्साइड]]
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| |[[हाइड्रोजन पेरोक्साइड बनाने की विधियाँ]]
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| |[[भौतिक गुण]]
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| |[[संरचना]]
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| |[[रासायनिक गुणधर्मों में आवर्त प्रवृत्ति|रासायनिक गुण]]
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| |[[भारी जल]]
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| |[[डाई हाइड्रोजन ईंधन के रूप में]]
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| |[[s-ब्लॉक तत्व]]
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| |[[क्षार -धातुएँ]]
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| |[[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |[[परमाणु तथा आयनी त्रिज्या]]
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| |[[आयनीकरण एन्थैल्पी]]
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| |[[जलयोजन एन्थैल्पी]]
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| |[[क्षार -धातुओं के भौतिक गुण]]
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| |[[क्षार -धातुओं के रासायनिक गुण]]
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| |[[क्षार -धातुओं के यौगिकों के सामान्य अभिलक्षण]]
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| |[[ऑक्साइड और हाइड्रॉक्साइड]]
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| |[[हैलाइड्स]]
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| |[[ऑक्सो-अम्लों के लवण]]
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| |[[लिथियम का असंगत व्यवहार]]
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| |[[लिथियम एवं मैग्नीशियम में समानताओं के बिंदु]]
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| |-
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| |[[सोडियम के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक]]
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| |[[सोडियम कार्बोनेट(धावन सोडा)]]
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| |[[सोडियम क्लोराइड]]
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| |[[सोडियम हाइड्रॉक्साइड]]
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| |[[सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट(बेकिंग सोडा)]]
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| |-
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| |[[सोडियम एवं पोटैशियम की जैव उपयोगिता]]
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| |[[क्षारीय मृदा धातुएँ]]
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| |-
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| |[[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |-
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| |[[परमाणु एवं आयनी त्रिज्या]]
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| |[[आयनीकरण एन्थैल्पी]]
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| |[[जलयोजन एन्थैल्पी]]
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| |-
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| |[[क्षारीय मृदा धातुओं के रासायनिक गुण]]
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| |-
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| |[[वायु एवं जल के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[हैलोजन के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[हाइड्रोजन के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[अम्लों के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[अपचायक प्रकृति]]
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| |[[द्रव अमोनिया में विलयन]]
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| |-
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| |[[क्षारीय मृदा धातुओं के यौगिक के लक्षण]]
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| |-
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| |[[ऑक्साइड एवम हाइड्रोक्साइड]]
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| |[[हैलाइड्स]]
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| |[[ऑक्सो-अम्लों के लवण]]
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| |-
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| |[[कार्बोनेट]]
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| |[[सल्फेट]]
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| |[[नाइट्रेट]]
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| |[[बेरिलियम का असंगत व्यवहार]]
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| |-
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| |[[बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध]]
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| |-
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| |[[कैल्शियम के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक]]
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| |-
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| |[[कैल्शियम ऑक्साइड या बिना बुझा चूना, CaO]]
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| |[[कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड या बुझा चूना, Ca(OH)2]]
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| |-
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| |[[कैल्शियम कार्बोनेट]]
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| |-
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| |[[कैल्शियम सल्फेट (प्लास्टर ऑफ़ पेरिस)]]
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| |-
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| |[[सीमेंट]]
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| |[[मैग्नीशियम और कैल्शियम की जैव महत्ता]]
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| |p ब्लॉक तत्व
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| |[[समूह १३ के तत्व:बोरॉन परिवार]]
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| |-
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| |[[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार|इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]
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| |-
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| |[[परमाणु त्रिज्या]]
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| |[[आयनीकरण एन्थैल्पी]]
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| |[[वैद्युतीयऋणात्मकता]]
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| |[[रासायनिक गुणधर्मों में आवर्त प्रवृत्ति|रासायनिक गुण]]
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| |-
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| |[[ऑक्सीकरण अवस्था एवं रासायनिक अभिक्रियाशीलता की प्रवृत्ति]]
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| |[[वायु के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |[[अम्ल एवं क्षार के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[हैलोजनों के प्रति अभिक्रियाशीलता]]
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| |-
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| |[[बोरोन की प्रवृत्ति तथा असंगत व्यवहार]]
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| |-
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| |[[बोरोन के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक]]
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| |[[बोरेक्स]]
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| |[[आर्थोबोरिक अम्ल]]
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| |[[डाइबोरेन]]
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| |-
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| |[[बोरॉन, एल्युमीनियम तथा इनके योगिकों के उपयोग]]
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| |समूह-14 के तत्व : कार्बन परिवार
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| |भौतिक गुण
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| |इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
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| |सहसंयोजक त्रिज्या
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| |आयनन एन्थैल्पी
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| |वैद्युतीयऋणात्मकता
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| |रासायनिक गुण
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| |ऑक्सीकरण अवस्था तथा रासायनिक अभिक्रियाशीलता
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| |ऑक्सीजन के प्रति अभिक्रियाशीलता
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| |हैलोजन के प्रति अभिक्रियाशीलता
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| |[[कार्बन की महत्वपूर्ण प्रवृत्तियां एवं असामान्य व्यवहार]]
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| |[[कार्बन के अपरूप]]
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| |[[हीरा]]
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| |[[ग्रेफाइट]]
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| |[[फुलरीन]]
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| |[[कार्बन के उपयोग]]
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| |[[कार्बन तथा सिलिकॉन के प्रमुख यौगिक]]
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| |[[कार्बन के ऑक्साइड]]
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| |[[कार्बन मोनोऑक्साइड]]
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| |[[कार्बन डाइऑक्साइड]]
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| |[[सिलिकॉन डाइऑक्साइड]]
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| |[[सिलिकॉन]]
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| |[[सिलिकेट]]
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| |[[जिओलाइट]]
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| |[[कार्बनिक रसायन: कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें]]
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| |-
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| |[[कार्बन की चतुर्संयोजकता: कार्बनिक यौगिकों की आकृतियां]]
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| |-
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| |[[कार्बनिक यौगिकों की आकृतियाँ]]
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| |[[पाई आबंधों के कुछ अभिलक्षण]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों का संरचनात्मक निरूपण]]
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| |-
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| |[[पूर्ण संधनित तथा आबंध रेखा संरचनात्मक निरूपण]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों का त्रिविमी सूत्र]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण]]
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| |[[अचक्रीय अथवा विवृत श्रंखला यौगिक]]
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| |[[चक्रीय अथवा बंद श्रृंखला यौगिक]]
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| |[[एलिसाइक्लिक यौगिक]]
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| |[[क्रियात्मक समूह]]
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| |[[एरोमेटिक योगिक]]
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| |[[सजातीय श्रेणियां]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों की नामपद्धति]]
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| |[[आई यू पी ए सी नामकरण]]
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| |[[एल्केन का आई यू पी ए सी नाम पद्धति]]
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| |[[सीधी श्रंखलायुक्त हाइड्रोकार्बन]]
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| |-
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| |[[शाखित श्रृंखला युक्त हाइड्रोकार्बन]]
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| |-
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| |[[क्रियात्मक समूह से युक्त कार्बनिक यौगिकों की नामपद्धति]]
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| |-
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| |[[बेंजीन व्युत्पन्नों की नामपद्धति]]
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| |[[समावयवता]]
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| |[[संरचनात्मक समावयवता]]
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| |श्रंखला समावयवता
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| |स्थिति समावयवता
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| |-
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| |क्रियात्मक समूह समावयवता
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| |मध्यावयवता
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| |त्रिविम समावयवता
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| |-
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| |[[कार्बनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि में मूलभूत संकल्पनाएँ]]
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| |[[सहसंयोजक आबंध का विदलन]]
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| |[[क्रियाधार एवं अभिकर्मक]]
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| |[[कार्बनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन संचलन]]
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| |[[सहसंयोजी आबंध में इलेक्ट्रॉन विस्थापन के प्रभाव]]
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| |-
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| |[[प्रेरणिक प्रभाव]]
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| |[[अनुनाद-संरचना]]
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| |[[अनुनाद-प्रभाव]]
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| |[[धनात्मक अनुनाद-प्रभाव]]
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| |[[ऋणात्मक-अनुनाद-प्रभाव]]
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| |-
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| |[[अतिसंयुग्मन]]
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| |-
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| |[[कार्बोनिक अभिक्रियाएं और उनकी क्रियाविधि]]
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| |-
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| |[[प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं]]
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| |[[संकलन/ योगज अभिक्रियाएँ]]
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| |[[विलोपन अभिक्रियाएँ]]
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| |[[पुनर्विन्यास अभिक्रिया]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों के शोधन की विधियां]]
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| |[[ऊर्ध्वपातन]]
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| |[[क्रिस्टलन]]
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| |[[आसवन]]
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| |[[विभेदक निष्कर्षण]]
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| |[[वर्णलेखन]]
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| |[[अधिशोषण-वर्णलेखन]]
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| |[[कॉलम-वर्णलेखन]]
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| |[[पतली परत वर्णलेखन]]
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| |[[वितरण क्रोमैटोग्राफी]]
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| |[[कार्बनिक यौगिकों का गुणात्मक विश्लेषण]]
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| |[[कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान]]
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| |[[अन्य तत्वों की पहचान]]
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| |[[नाइट्रोजन का परीक्षण]]
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| |[[सल्फर का परीक्षण]]
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| |[[हैलोजनों का परीक्षण]]
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| |[[फास्फोरस का परीक्षण]]
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| |[[मात्रात्मक विश्लेषण]]
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| |[[कार्बन तथा हाइड्रोजन की पहचान|कार्बन तथा हाइड्रोजन]]
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| |[[नाइट्रोजन का परीक्षण|नाइट्रोजन]]
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| |[[हैलोजनों का परीक्षण|हैलोजन]]
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| |[[सल्फर का परीक्षण|सल्फर]]
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| |[[फॉस्फोरस]]
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| |[[ऑक्सीजन]]
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| |[[हाइड्रोकार्बन]]
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| |[[एल्केन]]
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| |[[नाम पद्धति तथा समावयवता]]
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| |[[विरचन]]
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| |[[असंतृप्त हाइड्रोकार्बन]]
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| |[[ऐल्किल हैलाइडों से]]
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| |[[कार्बोक्जिलिक अम्ल]]
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| |[[एल्केन के रासायनिक गुण|एल्केन रासायनिक गुण]]
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| |[[प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं|प्रतिस्थापन अभिक्रिया]]
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| |[[दहन]]
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| |नियंत्रित ऑक्सीकरण
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| |समावयवीकरण
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| |ऐरोमैटीकरण
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| |भाप के साथ अभिक्रिया
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| |ताप अपघटन
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| |द्विआबन्ध की संरचना
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| |समावयवता
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| |एल्कीन के भौतिक गुण
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| |[[एल्कीन के रासायनिक गुण|एल्कीन रासायनिक गुण]]
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| |डाइहाइड्रोजन का संयोजन
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| |हैलोजन का संयोजन
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| |हाइड्रोजन हैलाइडों का संयोजन
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| |[[मार्कोनीकॉफ नियम]]
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| |प्रति मार्कोनीकॉफ नियम/खराश प्रभाव
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| |सल्फ्यूरिक अम्ल का संयोजन
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| |जल का संयोजन
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| |ऑक्सीकरण
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| |[[ओजोनीकरण]]
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| |बहुलकीकरण
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| |[[एल्काइन]]
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| |नाम पद्धति तथा समावयवता
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| |विरचन
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| |कैल्शियम कार्बाइड से
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| |एल्काइन के भौतिक गुण
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| |[[एल्काइन के रासायनिक गुण]]
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| |एल्काइन का अम्लीय गुण
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| |योगज अभिक्रिया
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| |डाइहाइड्रोजन का संयोजन
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| |हैलोजेन का संयोजन
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| |हाइड्रोजन हैलाइड के संयोजन
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| |जल का संयोजन
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| |बहुलकीकरण
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| |[[एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन]]
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| |नाम पद्धति तथा समावयवता
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| |बेन्ज़ीन की संरचना
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| |अनुनाद एवं बेंजीन का स्थायित्व
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| |[[एरोमेटिकता]]
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| |[[बेंजीन का विरचन]]
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| |भौतिक गुण
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| |रासायनिक गुण
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| |इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
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| |नाइट्रीकरण
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| |हैलोजनीकरण
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| |सल्फोनीकरण
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| |फ्रीडल-क्राफ्ट ऐल्किलीकरण
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| |योगज अभिक्रियाएँ
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| |[[एकल प्रतिस्थापित बेन्जीन में क्रियात्मक समूह का निर्देशात्मक प्रभाव]]
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| |[[कैंसरजन्य गुण तथा विषाक्तता]]
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| |[[पर्यावरणीय रसायन]]
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| |पर्यावरण प्रदूषण
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| |[[वायुमंडलीय प्रदूषण]]
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| |-
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| |[[क्षोभमंडलीय प्रदूषण]]
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| |-
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| |गैसीय वायु प्रदूषक
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| |-
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| |कणिकीय प्रदूषक
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| |नाइट्रोजन के ऑक्साइड
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| |सल्फर के ऑक्साइड
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| |[[हाइड्रोकार्बन]]
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| |कार्बन के ऑक्साइड
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| |[[कार्बन मोनोऑक्साइड]]
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| |-
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| |[[कार्बन डाइऑक्साइड]]
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| |-
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| |[[अम्ल वर्षा]]
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| |[[धूम-कोहरा]]
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| |-
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| |[[समतापमंडलीय प्रदूषण]]
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| |-
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| |[[ओजोन छिद्र]]
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| |[[जल प्रदूषण]]
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| |-
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| |जल प्रदूषण के कारण
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| |जल के अंतर्राष्ट्रीय कारक
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| |[[मृदा प्रदूषण]]
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| |-
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| |पीड़कनाशी
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| |-
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| |औद्योगिक अपशिष्ट
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| |[[हरित रसायन]]
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| |दैनिक जीवन में हरित रसायन
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| |}
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| {| class="wikitable"
| |
| | colspan="5" style="text-align:center" |'''कक्षा 12 रसायन विज्ञान (1) के लिए टैक्सोनॉमी'''
| |
| |-
| |
| |अध्याय-सूची
| |
| |विषय-सूची
| |
| |उपविषय-1
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| |उपविषय-2
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| |उपविषय-3
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| |-
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| |ठोस अवस्था
| |
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| |-
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| |ठोस अवस्था एवं उसके सामान्य अभिलक्षण
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| |-
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| |क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय ठोस
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| |-
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| |क्रिस्टलीय ठोसों का वर्गीकरण
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| |-
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| |आणविक ठोस
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| |-
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| |ध्रुवीय आण्विक ठोस
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| |-
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| |अध्रुवीय आण्विक ठोस
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| |-
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| |आयनिक ठोस
| |
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| |-
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| |धात्विक ठोस
| |
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| |-
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| |सहसंयोजक अथवा नेटवर्क ठोस
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| |-
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| |क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |आध एवं केंद्रित एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |आद्य एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |केन्द्रित एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |अन्तः केन्द्रित एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |अन्त्य-केन्द्रित एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |सात आद्य एकक कोष्ठिका और केंद्रित सेलों के रूप में उनकी संभव विविधताएं
| |
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| |-
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| |ब्रेवे जालकों की एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |
| |एक एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या
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| |-
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| |आद्य घनीय एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |अन्तः केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |फलक केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका
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| |-
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| |निविड़ संकुलित संरचनाएं
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| |एक विमा में निविड संकुलन
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| |-
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| |द्वि विमा में निविड संकुलन
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| |-
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| |त्रिविमा में निविड संकुलन
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| |-
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| |यौगिक का सूत्र और संपूरित रिक्तिकाओं की संख्या
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| |-
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| |संकुलन क्षमता
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| |hcp और ccp संरचनाओं में संकुलन क्षमता
| |
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| |-
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| |
| |
| |चतुष्फलकीय और अष्टफलकीय रिक्तिकाओं का स्थान निर्धारित करना
| |
| |
| |
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| |-
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| |
| |
| |
| |चतुष्फलकीय रिक्तिकाओं का स्थान निर्धारित करना
| |
| |
| |
| |
| |
| |-
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| |
| |अष्टफलकीय रिक्तिकाओं का स्थान निर्धारित करना
| |
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| |-
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| |
| |
| |
| |
| |अन्तः केंद्रित घनीय संरचनाओं में संकुलन क्षमता
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| |-
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| |सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता
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| |एकक कोष्ठिका विमा संबंधी गणनाएं
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| |ठोसों में अपूर्णताएं
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| |बिंदु दोषों के प्रकार
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| |स्टॉइकियोमीट्री दोष
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| |रिक्तिका दोष
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| |अंतराकाशी दोष
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| |फ्रेंकल दोष
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| |शॉटकी दोष
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| |अशुद्धता दोष
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| |नॉन स्टाइकियोमीट्रिक दोष
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| |-
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| |धातु आधिक्य दोष
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| |धातु न्यूनता दोष
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| |विधुतीय गुण
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| |चालक
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| |विधुतरोधी
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| |अर्धचालक
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| |धातुओं में विद्युत चालन
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| |-
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| |अर्धचालकों में विद्युत चालन
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| |-
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| |इलेक्ट्रान घनी अशुद्धियाँ
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| |-
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| |n-प्रकार और p- प्रकार के अर्धचालकों के अनुप्रयोग
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| |इलेक्ट्रॉन न्यून अशुद्धियाँ
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| |-
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| |चुंबकीय गुण
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| |-
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| |अनुचुंबकत्व
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| |-
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| |प्रतिचुंबकत्व
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| |-
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| |लोहचुंबकत्व
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| |-
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| |प्रतिलोहचुंबकत्व
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| |-
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| |फेरीचुंबकत्व
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| |-
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| |विलयन
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| |विलयनों के प्रकार
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| |विलयनों की सांद्रता व्यक्त करने के तरीके
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| |-
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| |द्रव्यमान प्रतिशत w/w
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| |आयतन प्रतिशत v/v
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| |द्रव्यमान आयतन प्रतिशत w/v
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| |पार्ट्स पर मिलियन
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| |मोल अंश
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| |मोलरता
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| |-
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| |मोललता
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| |-
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| |मोलर उन्नयन स्थिरांक
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| |-
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| |मोलल उन्नयन स्थिरांक
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| |-
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| |विलेयता
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| |-
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| |ठोसों की द्रवों में विलेयता
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| |-
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| |गैसों की द्रवों में विलेयता
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| |-
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| |द्रवीय विलयनों का वाष्प दाब
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| |-
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| |राउल्ट का नियम
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| |हेनरी का नियम
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| |ठोस पदार्थों का द्रवों में विलयन एवं उनका वाष्प दाब
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| |-
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| |आदर्श विलयन
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| |अनादर्श विलयन
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| |-
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| |अणुसंख्य गुणधर्म और आण्विक द्रव्यमान की गणना
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| |वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन
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| |क्वथनांक का उन्नयन
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| |-
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| |हिमांक का अवनमन
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| |-
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| |परासरण एवं परासरण दाब
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| |-
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| |समपरासरी विलयन
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| |-
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| |प्रतिलोम परासरण एवं जल शोधन
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| |-
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| |असामान्य मोलर द्रव्यमान
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| |वैद्युतरसायन
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| |-
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| |वैधुत रासायनिक सेल
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| |-
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| |गैल्वैनी सेल
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| |-
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| |इलेक्ट्रोड विभव का मापन
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| |-
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| |विद्युत रासायनिक श्रेणी
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| |नर्नस्ट समीकरण
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| |नर्नस्ट समीकरण से साम्य समीकरण
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| |-
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| |वैधुत रासायनिक सेल अभिक्रिया की गिब्ज़ ऊर्जा
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| |-
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| |वैधुत अपघटनी विलयनों का चालकत्व
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| |-
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| |प्रतिरोधकता
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| |चालकत्व
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| |विशिष्ट चालकत्व
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| |-
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| |आयनिक विलयनों की चालकता का मापन
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| |-
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| |सांद्रता के साथ चालकता एवं मोलर चालकता में परिवर्तन
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| |-
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| |प्रबल विद्युत अपघट्य
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| |-
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| |दुर्बल विद्युत अपघट्य
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| |-
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| |कोलराउश नियम
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| |-
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| |वैधुत अपघटनी सेल एवं वैधुतअपघटन
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| |-
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| |बैटरियां
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| |-
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| |प्राथमिक बैटरी
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| |-
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| |संचायक बैटरी
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| |-
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| |ईंधन सेल
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| |-
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| |संक्षारण
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| |-
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| |रासायनिक बलगतिकी
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| |-
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| |रासायनिक अभिक्रिया वेग
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| |-
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| |अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले कारक
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| |-
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| |अभिक्रिया वेग की सांद्रता पर निर्भरता
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| |-
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| |वेग स्थिरांक
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| |-
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| |अभिक्रिया की कोटि
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| |-
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| |अभिक्रिया की आण्विकता
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| |-
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| |समाकलित वेग समीकरण
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| |-
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| |शून्य कोटि की अभिक्रिया
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| |-
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| |प्रथम कोटि की अभिक्रिया
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| |-
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| |अभिक्रिया की अर्ध आयु
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| |-
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| |अभिक्रिया वेग की ताप पर निर्भरता
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| |-
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| |सक्रियण ऊर्जा
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| |उत्प्रेरक का प्रभाव
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| |ले-शातैलिए का नियम
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| |-
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| |रासायनिक अभिक्रिया का संघट्ट सिद्धांत
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| |-
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| |पृष्ठ रसायन
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| |-
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| |अधिशोषण
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| |-
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| |अधिशोषण एवं अवशोषण में विभेद
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| |-
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| |अधिशोषण की क्रियाविधि
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| |-
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| |अधिशोषण के प्रकार
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| |भौतिक अधिशोषण एवं रासायनिक अधिशोषण की तुलना
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| |-
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| |अधिशोषण समतापी
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| |-
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| |विलयन प्रावस्था से अधिशोषण
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| |-
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| |अधिशोषण के अनुप्रयोग
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| |-
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| |उत्प्रेरण
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| |-
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| |एंजाइम उत्प्रेरण
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| |-
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| |कोलाइड
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| |-
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| |कोलॉइडों का वर्गीकरण
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| |-
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| |द्रव स्नेही कोलॉइड और द्रव विरोधी कोलॉइड
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| |-
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| |कोलॉइड बनाना
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| |-
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| |कोलॉइडी विलयनों के शुद्धिकरण
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| |-
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| |कोलॉइडी विलयनों के गुण
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| |-
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| |टिंडल प्रभाव
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| |-
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| |ब्राउनी गति
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| |-
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| |वैधुत कण संचलन
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| |-
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| |स्कंदन या अवक्षेपण
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| |-
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| |अपोहन
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| |-
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| |इमल्शन (पायस)
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| |-
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| |कोलॉइडों के अनुप्रयोग
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| |-
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| |तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम
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| |-
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| |धातुओं की उपलब्धता
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| |-
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| |अयस्कों का सांद्रण
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| |-
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| |द्रवीय धावन
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| |-
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| |चुंबकीय पृथक्करण
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| |-
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| |फेन प्लवन विधि
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| |-
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| |निक्षालन
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| |-
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| |सांद्रित अयस्कों से अशोधित धातुओं का निष्कर्षण
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| |-
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| |निस्तापन एवं भर्जन
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| |-
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| |वात्या भट्टी(प्रगलन)
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| |-
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| |धातुकर्म का वैधुत रसायन सिद्धांत
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| |-
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| |ऑक्सीकरण अपचयन
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| |-
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| |शोधन
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| |-
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| |वैधुत अपघटनी शोधन
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| |-
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| |मंडल परिष्करण
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| |-
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| |वाष्प प्रावस्था परिष्करण
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| |-
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| |एलुमिनियम, कॉपर, जिंक तथा लोहे के उपयोग
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| |-
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| |P ब्लॉक के तत्व
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| |-
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| |P ब्लॉक तत्वों के भौतिक गुण
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| |-
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| |P ब्लॉक तत्वों के रासायनिक गुण
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| |-
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| |डाइ नाइट्रोजन
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| |-
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| |
| |अमोनिया
| |
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| |-
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| |नाइट्रोजन के ऑक्साइड
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| |-
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| |नाइट्रिक अम्ल
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| |-
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| |
| |फॉस्फोरस के अपरूप
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| |फास्फीन
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| |फास्फोरस के हैलाइड
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| |फास्फोरस के ऑक्सो अम्ल
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| |होम्ज सिग्नल
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| |वर्ग 16 के तत्वों के रासायनिक गुण
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| |डाई ऑक्सीजन
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| |ओजोन
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| |सल्फर के अपरूप
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| |सल्फर डाइऑक्साइड
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| |सल्फर के ऑक्सोएसिड
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| |सल्फ्यूरिकअम्ल
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| |वर्ग 17 के तत्वों के रासायनिक गुण
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| |वर्ग 17 के तत्वों के भौतिक गुण
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| |क्लोरीन
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| |हाइड्रोजन क्लोराइड
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| |हैलोजनों के ऑक्सी अम्ल
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| |अन्तरा हैलोजन यौगिक
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| |वर्ग 18 के तत्वों के भौतिक गुण
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| |वर्ग 18 के तत्वों के रासायनिक गुण
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| |d एवं f ब्लॉक के तत्व
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| |संक्रमण तत्व(d ब्लॉक)
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| |संक्रमण तत्वों के भौतिक गुण
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| |संक्रमण तत्वों के रासायनिक गुण
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| |संक्रमण तत्वों के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक
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| |पोटेशियम डाइक्रोमेट
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| |पोटेशियम परमैंगनेट
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| |आंतर संक्रमण तत्व (f ब्लॉक)
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| |f ब्लॉक तत्वों (लैंथेनाइड) के भौतिक गुण
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| |f ब्लॉक तत्वों (लैंथेनाइड) के रासायनिक गुण
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| |एक्टिनाइड के भौतिक गुण
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| |एक्टिनाइड के रासायनिक गुण
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| |लैंथेनाइड आकुंचन
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| |एक्टिनाइड आकुंचन
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| |उपसहसंयोजन यौगिक
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| |वर्नर का सिद्धांत
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों से संबंधित कुछ प्रमुख पारिभाषिक शब्द
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों का नामकरण
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| |ज्यामितीय समावयवता
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| |ध्रुवण समावयवता
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| |बंधनी समावयवता
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| |आयनन समावयवता
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| |उपसहसंयोजन समावयवता
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| |विलायकयोजन समावयवता
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों में समावयवता
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों में आबंधन
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| |संयोजकता आबंध सिद्धांत
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| |क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धांत
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| |अष्टफलकीय उपसहसंयोजन समूहों में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन
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| |चतुष्फलकीय उपसहसंयोजन समूहों में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों में रंग
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| |धातु कार्बोनिलों में आबंधन
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| |उपसहसंयोजन यौगिकों का महत्व तथा अनुप्रयोग
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