अम्ल वर्षा: Difference between revisions
Listen
Robin singh (talk | contribs) (Added some content) |
Robin singh (talk | contribs) (Added some content) |
||
Line 11: | Line 11: | ||
== '''अम्लीय वर्षा प्रदूषको''' == | == '''अम्लीय वर्षा प्रदूषको''' == | ||
पेट्रोलियम उत्पादों को जलाने पर उच्च हाइड्रोकार्बन छोटे हाइड्रोकार्बन में टूट जाता है और फिर भारी मात्रा में कार्बन ऑक्साइड बनता है। नाइट्रोजन और सल्फर जैसे अन्य गैर धातुओं के उपोत्पाद ऑक्साइड बनते हैं। | |||
इनरियां, इत्र और पॉलिमर उद्योग इन जहरीली गैसों को हवा में छोड़ते हैं। | इनरियां, इत्र और पॉलिमर उद्योग इन जहरीली गैसों को हवा में छोड़ते हैं। | ||
विद्युत ऊर्जा जनरेटर बिजली उत्पन्न करने के लिए जीवाश्म ईंधन के जलने से वातावरण में दो तिहाई SO<sub>2</sub> और एक चौथाई NO, NO<sub>2</sub> का उत्पादन करता है। | |||
अम्लीय वर्षा के लिए जिम्मेदार गैसें प्राकृतिक स्रोतों से भी वायुमंडल में आ सकती हैं, जैसे ज्वालामुखी विस्फोट से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें बनती हैं। इसके अलावा सल्फर यौगिकों का प्रमुख जैविक स्रोत डाइमिथाइल सल्फाइड है। नाइट्रिक ऑक्साइड वायुमंडल में विद्युत गतिविधि जैसे बादलों से बिजली गिरने से भी उत्पन्न होता है। और अम्लीय गैसें भूमि के साथ-साथ समुद्र में होने वाली जैविक प्रक्रियाओं द्वारा भी प्राप्त की जाती हैं। | |||
== '''अम्लीय वर्षा के परिणाम''' == | == '''अम्लीय वर्षा के परिणाम''' == |
Revision as of 09:43, 19 September 2023
जब हवा में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे यौगिक अत्यधिक मात्रा में होते हैं। वायुमंडल में ये पदार्थ पानी, ऑक्सीजन के साथ मिलकर प्रतिक्रिया करते हैं और अम्लीय प्रदूषक, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाते हैं।
ये अम्ल जब वर्षा के जल के साथ पृथ्वी पर गिरते हैं तो अम्लीय वर्षा कहलाते हैं। ये अम्ल वर्षा जल की हाइड्रोजन आयन सांद्रता को बढ़ाते हैं।
सामान्य वर्षा जल का pH मान 5.0 और 5.5 के बीच होता है।
और अम्लीय वर्षा का pH मान 4.0 होता है।
अम्लीय वर्षा का निर्माण
अम्लीय वर्षा प्रदूषको
पेट्रोलियम उत्पादों को जलाने पर उच्च हाइड्रोकार्बन छोटे हाइड्रोकार्बन में टूट जाता है और फिर भारी मात्रा में कार्बन ऑक्साइड बनता है। नाइट्रोजन और सल्फर जैसे अन्य गैर धातुओं के उपोत्पाद ऑक्साइड बनते हैं।
इनरियां, इत्र और पॉलिमर उद्योग इन जहरीली गैसों को हवा में छोड़ते हैं।
विद्युत ऊर्जा जनरेटर बिजली उत्पन्न करने के लिए जीवाश्म ईंधन के जलने से वातावरण में दो तिहाई SO2 और एक चौथाई NO, NO2 का उत्पादन करता है।
अम्लीय वर्षा के लिए जिम्मेदार गैसें प्राकृतिक स्रोतों से भी वायुमंडल में आ सकती हैं, जैसे ज्वालामुखी विस्फोट से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें बनती हैं। इसके अलावा सल्फर यौगिकों का प्रमुख जैविक स्रोत डाइमिथाइल सल्फाइड है। नाइट्रिक ऑक्साइड वायुमंडल में विद्युत गतिविधि जैसे बादलों से बिजली गिरने से भी उत्पन्न होता है। और अम्लीय गैसें भूमि के साथ-साथ समुद्र में होने वाली जैविक प्रक्रियाओं द्वारा भी प्राप्त की जाती हैं।
अम्लीय वर्षा के परिणाम
• अम्लीय वर्षा पेड़ों, पौधों और कृषि फसलों के लिए हानिकारक है, क्योंकि वर्षा में विषाक्त संरचनाएँ होती हैं।
• यह इमारत और ऐतिहासिक स्मारकों को धूमिल करता है।
अम्लीय वर्षा के कारण ताजमहल का सफेद संगमरमर धूमिल हो रहा है। क्योंकि यमुना के किनारे अनेक कारखाने स्थापित हो गये हैं। अब सरकार ने ताज की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए।
• अम्लीय वर्षा पानी के पाइपों को संक्षारित कर देती है जिसके परिणामस्वरूप लोहा, सीसा और तांबा जैसी भारी धातुएं पीने के पानी में मिल जाती हैं।