वंशागति: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:आनुवंशिकता एवं जैव विकास]][[Category:जीव विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]][[Category:जंतु विज्ञान]]
[[Category:आनुवंशिकता एवं जैव विकास]][[Category:जीव विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]][[Category:जंतु विज्ञान]]
वंशानुक्रम वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गुण या जीन माता-पिता से संतान में अवतरित होते हैं।यह वंशानुक्रम के कारण है कि एक ही परिवार के सदस्यों में समान विशेषताएं होती हैं।जीन में आनुवंशिक जानकारी होती है जो वंशानुक्रम की प्रक्रिया द्वारा संतान को अवतरित होती है।समान लक्षणों का पीढ़ी दर पीढ़ी संतानों में पहुंचना, वंशागति है। लैंगिक प्रजनन ही वंशानुक्रम का कारण है।वंशानुक्रम का अध्ययन ग्रेगर मेंडल नामक वैज्ञानिक द्वारा संभव हुआ, जिन्होंने वंशानुक्रम को समझने के लिए कुछ नियम बनाए जिन्हें मेंडल के वंशानुक्रम के नियम के रूप में जाना जाता है।वंशानुक्रम वास्तव में बताता है कि आनुवंशिकता माता-पिता से बच्चे तक कैसे अवतरित होती है।
वंशानुक्रम वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गुण या जीन माता-पिता से संतान में अवतरित होते हैं।यह वंशानुक्रम के कारण है कि एक ही परिवार के सदस्यों में समान विशेषताएं होती हैं।जीन में आनुवंशिक जानकारी होती है जो वंशानुक्रम की प्रक्रिया द्वारा संतान को अवतरित होती है।समान लक्षणों का पीढ़ी दर पीढ़ी संतानों में पहुंचना, वंशागति है। लैंगिक प्रजनन ही वंशानुक्रम का कारण है।वंशानुक्रम का अध्ययन ग्रेगर मेंडल नामक वैज्ञानिक द्वारा संभव हुआ, जिन्होंने वंशानुक्रम को समझने के लिए कुछ नियम बनाए जिन्हें मेंडल के वंशानुक्रम के नियम के रूप में जाना जाता है।वंशानुक्रम वास्तव में बताता है कि आनुवंशिकता माता-पिता से बच्चे तक कैसे अवतरित होती है।
== मेंडल के वंशानुक्रम के नियम ==
1856-1863 के बीच मेंडल ने बगीचे की मटर पर संकरण प्रयोग किये।मेंडल ने विशिष्ट विशेषताओं वाले पौधों को पार-परागण किया और उन लक्षणों की एक तालिका बनाई जो संतान पौधों द्वारा दिखाए गए थे।

Revision as of 17:43, 20 September 2023

वंशानुक्रम वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गुण या जीन माता-पिता से संतान में अवतरित होते हैं।यह वंशानुक्रम के कारण है कि एक ही परिवार के सदस्यों में समान विशेषताएं होती हैं।जीन में आनुवंशिक जानकारी होती है जो वंशानुक्रम की प्रक्रिया द्वारा संतान को अवतरित होती है।समान लक्षणों का पीढ़ी दर पीढ़ी संतानों में पहुंचना, वंशागति है। लैंगिक प्रजनन ही वंशानुक्रम का कारण है।वंशानुक्रम का अध्ययन ग्रेगर मेंडल नामक वैज्ञानिक द्वारा संभव हुआ, जिन्होंने वंशानुक्रम को समझने के लिए कुछ नियम बनाए जिन्हें मेंडल के वंशानुक्रम के नियम के रूप में जाना जाता है।वंशानुक्रम वास्तव में बताता है कि आनुवंशिकता माता-पिता से बच्चे तक कैसे अवतरित होती है।

मेंडल के वंशानुक्रम के नियम

1856-1863 के बीच मेंडल ने बगीचे की मटर पर संकरण प्रयोग किये।मेंडल ने विशिष्ट विशेषताओं वाले पौधों को पार-परागण किया और उन लक्षणों की एक तालिका बनाई जो संतान पौधों द्वारा दिखाए गए थे।