बहुपद: Difference between revisions

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3) त्रिघात बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम त्रिघात बहुपद कहते हैं । हम त्रिघात बहुपद को <math>ax^3+bx^2+cx+d</math> रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ।
3) त्रिघात बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम त्रिघात बहुपद कहते हैं । हम त्रिघात बहुपद को <math>ax^3+bx^2+cx+d</math> रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ।


उदाहरण : <math>2-x^3, 9x^3-4x^2+3x+1 </math>  
उदाहरण : <math>2-x^3, 9x^3-4x^2+3x+1 </math>
 
== बहुपद के शून्यक ==
किसी बहुपद <math>p(x)</math> में यदि  <math>p(k)=0</math> तो <math>k</math> को बहुपद <math>p(x)</math> का शून्यक कहा जाता है , जहां <math>k</math> एक वास्तविक संख्या होगी । बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए हम उस बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं और उसमें चर का मान ज्ञात करते हैं। चर का मान बहुपद का शून्यक या मूल कहलाता हैं जो बहुपद की घात पर निर्भर करता है। यदि बहुपद की घात <math>1</math> है तो एक शून्यक होगा और यदि घात <math>2</math> है तो दो शून्यक होंगे । हम दिए गए बहुपद में प्रत्येक शून्यक का मान रखकर उत्तर की जांच कर सकते हैं क्योंकि शून्यक के प्रत्येक मान पर बहुपद का मान <math>0</math> होता है ।
 
=== उदाहरण ===
बहुपद <math>p(x)=4x+8</math> का शून्यक ज्ञात कीजिए।
 
हल
 
बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए माना ,  <math>p(x) = 0</math>
 
<math>4x+8=0</math>
 
<math>4x=-8</math>
 
<math>x=\frac{-8}{4}</math>
 
<math>x=-2</math>
 
अतः ,  <math>x=-2</math>  बहुपद <math>p(x)=4x+8</math> का शून्यक है ।




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Revision as of 19:21, 22 September 2023

बहुपद चर, अचर और घातांक (केवल पूर्ण संख्याएँ) की संयुक्त अभिव्यक्ति है , जिसमें अंकगणितीय व्यंजक जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग सम्मिलित होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, बीजगणित में धन और ऋण चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं।

, , , आदि बहुपद के कुछ उदाहरण हैं ।

बहुपद का मानक रूप

जहाँ को का गुणांक कहा जाता है तथा बहुपद हैं ।

बहुपद की पहचान

यदि किसी व्यंजक के सभी पदों की घात एक धनात्मक पूर्णाक होती हो , तो वह बहुपद कहलाता हैं। यदि किसी व्यंजक की घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होती है , तो वह बहुपद नहीं कहलाता हैं।

उदाहरण

एक बहुपद है , क्योकि की घात धनात्मक हैं ।

एक बहुपद नहीं है , क्योकि की घात परिमेय संख्या हैं ।

एक बहुपद नही है , क्योंकि की घात ऋणात्मक हैं ।

बहुपद का निरूपण

बहुपद फलन को द्वारा निरूपित किया जाता है , जहाँ चर का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए

यदि चर को द्वारा निरूपित किया जाता है , तो बहुपद का निरूपण द्वारा होगा ।

बहुपद की घात

यदि एक बहुपद  है, तो चर की उच्चतम घात बहुपद की घात  कहलाती है ।

उदाहरण

बहुपद की घात ज्ञात कीजिए ।

उपर्युक्त दिए गए बहुपद में चर की उच्चतम घात है , अतः बहुपद की घात 45 होगी ।

घात के आधार पर बहुपदों का विभाजन

घात के आधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है :

1) रैखिक बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम रैखिक बहुपद कहते हैं । हम रैखिक बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।

उदाहरण :

2) द्विघात बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम द्विघात बहुपद कहते हैं । हम द्विघात बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।

उदाहरण :

3) त्रिघात बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम त्रिघात बहुपद कहते हैं । हम त्रिघात बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।

उदाहरण :

बहुपद के शून्यक

किसी बहुपद में यदि तो को बहुपद का शून्यक कहा जाता है , जहां एक वास्तविक संख्या होगी । बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए हम उस बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं और उसमें चर का मान ज्ञात करते हैं। चर का मान बहुपद का शून्यक या मूल कहलाता हैं जो बहुपद की घात पर निर्भर करता है। यदि बहुपद की घात है तो एक शून्यक होगा और यदि घात है तो दो शून्यक होंगे । हम दिए गए बहुपद में प्रत्येक शून्यक का मान रखकर उत्तर की जांच कर सकते हैं क्योंकि शून्यक के प्रत्येक मान पर बहुपद का मान होता है ।

उदाहरण

बहुपद का शून्यक ज्ञात कीजिए।

हल

बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए माना ,

अतः , बहुपद का शून्यक है ।