बोरोन की प्रवृत्ति तथा असंगत व्यवहार: Difference between revisions
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* संयोजी कोश में d उपकोश की अनुपस्थित के कारण। | * संयोजी कोश में d उपकोश की अनुपस्थित के कारण। | ||
'''प्रश्न''' सिद्ध कीजिये कि बोरॉन BF<sub>6</sub><sup>-3</sup> आयन नहीं बना सकता है। | '''प्रश्न:''' सिद्ध कीजिये कि बोरॉन BF<sub>6</sub><sup>-3</sup> आयन नहीं बना सकता है। | ||
बोरॉन में d कक्षक अनुपस्थित होता है इस d की अनुपस्थित के कारण यह अपने अष्टक का प्रसार नहीं कर पाता है। अतः इसकी अधिकतम संयोजकता 4 से अधिक नहीं हो सकती। | '''उत्तर:''' बोरॉन में d कक्षक अनुपस्थित होता है इस d की अनुपस्थित के कारण यह अपने अष्टक का प्रसार नहीं कर पाता है। अतः इसकी अधिकतम संयोजकता 4 से अधिक नहीं हो सकती। |
Revision as of 11:58, 26 September 2023
बोरॉन समूह -13 में उपस्थित बाकी तत्वों से अलग व्यवहार करता है जिसे बोरॉन का असंगत व्यवहार कहते हैं। जिसके निम्न लिखित कारण हैं।
- इसका छोटा आकार।
- इसकी आयनीकरण एन्थालपय बहुत अधिक होती है।
- इसके छोटे आकार के कारण इसकी विद्युत ऋणात्मकता अत्यधिक उच्च होती है।
- संयोजी कोश में d उपकोश की अनुपस्थित के कारण।
प्रश्न: सिद्ध कीजिये कि बोरॉन BF6-3 आयन नहीं बना सकता है।
उत्तर: बोरॉन में d कक्षक अनुपस्थित होता है इस d की अनुपस्थित के कारण यह अपने अष्टक का प्रसार नहीं कर पाता है। अतः इसकी अधिकतम संयोजकता 4 से अधिक नहीं हो सकती।