कार्बन मोनोऑक्साइड: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 4: Line 4:
* कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
* कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
* कार्बन डाइऑक्साइड (CO<sub>2</sub>)
* कार्बन डाइऑक्साइड (CO<sub>2</sub>)
== कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) बनाने की विधियां ==
=== ऑक्सीकरण ===
कार्बन की ऑक्सीजन अथवा वायु की सीमित मात्रा में ऑक्सीकरण करने पर कार्बन मोनोऑक्साइड प्राप्त होता है।
<chem>2C(s) + O2(g) -> 2 CO(g)</chem>
=== फार्मिक अम्ल के निर्जलीकरण द्वारा ===
सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा फार्मिक अम्ल का 373 K पर निर्जलीकरण करने पर अल्प मात्रा में शुद्ध कार्बन मोनोऑक्साइड प्राप्त होता है।
<chem>HCCOOH -> H2O + CO</chem>
=== कोक पर भाप की अभिक्रिया द्वारा ===
कोक पर भाप प्रवाहित करने पर '''"वाटर गैस"''' अथवा '''"संश्लेषण गैस"''' प्राप्त होती है।
<chem>C(s) + H2O(g) ->  CO(g) + H2(g)</chem>
=== प्रोड्यूसर गैस ===
जब भाप के स्थान पर वायु का प्रयोग किया जाता है, तब CO तथा N<sub>2</sub> का मिश्रण प्राप्त होता है।
<chem>2C(s) + O2(g) + 4N2(g) -> 2CO(g) + 4N2(g)</chem>
== कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के गुण ==
वाटर गैस, प्रोड्यूसर गैस एक महत्वपूर्ण ईधन है इनमे उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड के अधिक दहन पर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस प्राप्त होती है तथा ऊष्मा बाहर निकलती है।
* यह जल में अविलेय है।
* यह रंगहीन तथा गंधहीन गैस है।
* यह एक प्रबल अपचायक का कार्य करता है।
* यह कुछ संक्रमण तत्वों के ऑक्साइड के अतिरिक्त अन्य तत्वों के ऑक्साइड को अपचयित कर देता है।
== कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के उपयोग ==
* कार्बन परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रान युग्म की उपस्थित के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड दाता के समान व्यव्हार करता है।
* कई धातुओं के साथ गर्म किये जाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड धातु कार्बोनिल बनाता है।
* यह हीमोग्लोबिन से मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनती है।

Revision as of 16:45, 27 September 2023

कार्बन के दो महत्वपूर्ण यौगिक ज्ञात हैं:

  • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
  • कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) बनाने की विधियां

ऑक्सीकरण

कार्बन की ऑक्सीजन अथवा वायु की सीमित मात्रा में ऑक्सीकरण करने पर कार्बन मोनोऑक्साइड प्राप्त होता है।

फार्मिक अम्ल के निर्जलीकरण द्वारा

सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा फार्मिक अम्ल का 373 K पर निर्जलीकरण करने पर अल्प मात्रा में शुद्ध कार्बन मोनोऑक्साइड प्राप्त होता है।

कोक पर भाप की अभिक्रिया द्वारा

कोक पर भाप प्रवाहित करने पर "वाटर गैस" अथवा "संश्लेषण गैस" प्राप्त होती है।

प्रोड्यूसर गैस

जब भाप के स्थान पर वायु का प्रयोग किया जाता है, तब CO तथा N2 का मिश्रण प्राप्त होता है।

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के गुण

वाटर गैस, प्रोड्यूसर गैस एक महत्वपूर्ण ईधन है इनमे उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड के अधिक दहन पर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस प्राप्त होती है तथा ऊष्मा बाहर निकलती है।

  • यह जल में अविलेय है।
  • यह रंगहीन तथा गंधहीन गैस है।
  • यह एक प्रबल अपचायक का कार्य करता है।
  • यह कुछ संक्रमण तत्वों के ऑक्साइड के अतिरिक्त अन्य तत्वों के ऑक्साइड को अपचयित कर देता है।

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के उपयोग

  • कार्बन परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रान युग्म की उपस्थित के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड दाता के समान व्यव्हार करता है।
  • कई धातुओं के साथ गर्म किये जाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड धातु कार्बोनिल बनाता है।
  • यह हीमोग्लोबिन से मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनती है।