जिओलाइट: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:P ब्लॉक तत्व]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:P ब्लॉक तत्व]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
यदि सिलिकन डाइऑक्साइड के त्रिविमिक जलक में से कुछ सिलिकन परमाणु एलुयमेनियम परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित होते हैं, इस प्रकार प्राप्त संरचना को ऐलुमिनोसिलिकेट कहते हैं , इस पर एक ऋणावेश भी होता है। कुछ धनायन जैसे Na<sup>+</sup>, K<sup>+</sup>, Ca<sup>+2</sup>, आदि इस ऋणावेश को संतुलित कर देते हैं। धातुओं के एल्युमिनों सिलिकेट को ही जिओलाइट कहा जाता है
यदि सिलिकन डाइऑक्साइड के त्रिविमिक जलक में से कुछ सिलिकन परमाणु एलुयमेनियम परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित होते हैं, इस प्रकार प्राप्त संरचना को ऐलुमिनोसिलिकेट कहते हैं , इस पर एक ऋणावेश भी होता है। कुछ धनायन जैसे Na<sup>+</sup>, K<sup>+</sup>, Ca<sup>+2</sup>, आदि इस ऋणावेश को संतुलित कर देते हैं। धातुओं के एल्युमिनों सिलिकेट को ही जिओलाइट कहा जाता है। जिसमे Si-O-Al लिंकेज  होती है। जिओलाइट्स सूक्ष्म छिद्र वाले एल्युमिनोसिलिकेट खनिज हैं जिनका व्यापक रूप से उद्योग में अधिशोषक और उत्प्रेरक के रूप में उपयोग किया जाता है। स्वीडिश खनिज विज्ञानी एक्सल फ्रेड्रिक क्रोनस्टेड ने 1756 में जिओलाइट शब्द दिया था, जब उन्होंने पाया कि किसी सामग्री को तेजी से गर्म करने पर, जिसे स्टिलबाइट माना जाता है, सामग्री द्वारा सोखे गए पानी से बड़ी मात्रा में भाप उत्पन्न होती है ।


इसके उदाहरण हैं:
इसके उदाहरण हैं:
Line 6: Line 6:
* फेल्डस्पार
* फेल्डस्पार
* जिओलाइट
* जिओलाइट
=== जिओलाइट संरचना ===
जिओलाइट खनिज एक क्रिस्टलीय पदार्थ है जिसकी संरचना जुड़े हुए टेट्राहेड्रा से होती है, जिनमें से प्रत्येक में एक धनायन के आसपास चार O परमाणु होते हैं।
# जिओलाइट की संरचना मधुमक्खी के छत्ते के समान होती है जिसमे असंख्य छिद्र होते है।
# जिओलाइट को आकार वर्णात्मक उत्प्रेरक कहते है क्योंकि इसके छिद्रो में क्रियाकारक के वे अणु ही प्रवेश कर सकते है जिनका आकार इन छिद्रों के अनुरूप होता है।


== जिओलाइट के उपयोग ==
== जिओलाइट के उपयोग ==
Line 12: Line 18:
* ZSM-5 नामक जिओलाइट एथिल एल्कोहल का निर्जलीकरण कर उसे पेट्रोल (गैसोलीन) में बदलता है।
* ZSM-5 नामक जिओलाइट एथिल एल्कोहल का निर्जलीकरण कर उसे पेट्रोल (गैसोलीन) में बदलता है।
* जिओलाइट कठोर जल को मृदु जल में बदलता है।
* जिओलाइट कठोर जल को मृदु जल में बदलता है।
* उच्च गुणवत्ता वाले पेयजल की बढ़ती मांग के कारण प्राकृतिक, वाणिज्यिक, कृषि और नगरपालिका अपशिष्ट जल सहित विभिन्न स्रोतों से पानी के शुद्धिकरण की आवश्यकता हो गई है। परिणामस्वरूप, अपशिष्ट जल प्रदूषकों को हटाने में एजेंटों के रूप में प्राकृतिक जिओलाइट्स के उपयोग ने बहुत रुचि पैदा की है, जिससे बहुत सारे शोध हुए हैं।
* जिओलाइट्स का उपयोग शर्बत और उत्प्रेरक के रूप में भी किया जाता है।

Revision as of 12:13, 29 September 2023

यदि सिलिकन डाइऑक्साइड के त्रिविमिक जलक में से कुछ सिलिकन परमाणु एलुयमेनियम परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित होते हैं, इस प्रकार प्राप्त संरचना को ऐलुमिनोसिलिकेट कहते हैं , इस पर एक ऋणावेश भी होता है। कुछ धनायन जैसे Na+, K+, Ca+2, आदि इस ऋणावेश को संतुलित कर देते हैं। धातुओं के एल्युमिनों सिलिकेट को ही जिओलाइट कहा जाता है। जिसमे Si-O-Al लिंकेज  होती है। जिओलाइट्स सूक्ष्म छिद्र वाले एल्युमिनोसिलिकेट खनिज हैं जिनका व्यापक रूप से उद्योग में अधिशोषक और उत्प्रेरक के रूप में उपयोग किया जाता है। स्वीडिश खनिज विज्ञानी एक्सल फ्रेड्रिक क्रोनस्टेड ने 1756 में जिओलाइट शब्द दिया था, जब उन्होंने पाया कि किसी सामग्री को तेजी से गर्म करने पर, जिसे स्टिलबाइट माना जाता है, सामग्री द्वारा सोखे गए पानी से बड़ी मात्रा में भाप उत्पन्न होती है ।

इसके उदाहरण हैं:

  • फेल्डस्पार
  • जिओलाइट

जिओलाइट संरचना

जिओलाइट खनिज एक क्रिस्टलीय पदार्थ है जिसकी संरचना जुड़े हुए टेट्राहेड्रा से होती है, जिनमें से प्रत्येक में एक धनायन के आसपास चार O परमाणु होते हैं।

  1. जिओलाइट की संरचना मधुमक्खी के छत्ते के समान होती है जिसमे असंख्य छिद्र होते है।
  2. जिओलाइट को आकार वर्णात्मक उत्प्रेरक कहते है क्योंकि इसके छिद्रो में क्रियाकारक के वे अणु ही प्रवेश कर सकते है जिनका आकार इन छिद्रों के अनुरूप होता है।

जिओलाइट के उपयोग

  • पेट्रो रसायन उद्योग में जिओलाइट हाइड्रोकार्बन का भंजन तथा समावयवी करण करते है।
  • ZSM-5 नामक जिओलाइट एथिल एल्कोहल का निर्जलीकरण कर उसे पेट्रोल (गैसोलीन) में बदलता है।
  • जिओलाइट कठोर जल को मृदु जल में बदलता है।
  • उच्च गुणवत्ता वाले पेयजल की बढ़ती मांग के कारण प्राकृतिक, वाणिज्यिक, कृषि और नगरपालिका अपशिष्ट जल सहित विभिन्न स्रोतों से पानी के शुद्धिकरण की आवश्यकता हो गई है। परिणामस्वरूप, अपशिष्ट जल प्रदूषकों को हटाने में एजेंटों के रूप में प्राकृतिक जिओलाइट्स के उपयोग ने बहुत रुचि पैदा की है, जिससे बहुत सारे शोध हुए हैं।
  • जिओलाइट्स का उपयोग शर्बत और उत्प्रेरक के रूप में भी किया जाता है।