एल्केन: Difference between revisions
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<chem>CH2=CH2 + H2->[Ni]CH3-CH3 </chem> | <chem>CH2=CH2 + H2->[Ni]CH3-CH3 </chem> | ||
=== ऐल्किल हैलाइडों से === | |||
ऐल्किल हैलाइडों का ज़िंक तथा तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा अपचयन करने पर एल्केन प्राप्त होती है। | |||
<chem>CH3-Cl + H2 ->[Zn, H+] CH4 + Zn++</chem> | |||
=== वुर्ट्ज अभिक्रिया === | |||
शुष्क ईथरीय विलयन में एल्किल हैलाइड की सोडियम धातु के साथ अभिक्रिया करने पर एल्केन प्राप्त होती है इसे वुर्ट्ज अभिक्रिया कहते हैं। |
Revision as of 15:40, 4 October 2023
एल्केन कार्बन कार्बन एकल आबंध युक्त संतृप्त विवृत श्रंखला वाले हाइड्रोकार्बन हैं।
एल्केन का सामान्य सूत्र
एल्केन का सामान्य CnH2n+2 सूत्र है, जहां n एक पूर्णांक है।
यदि n = 1 तो
C1H21+2
CH4
एल्केन परिवार का प्रथम मुख्य सदस्य मेथेन है। मेथेन एक गैस है, जो कोयले की खानों एवं दलदली स्थानों पर पाया जाता है।
एल्केन का संकरण
एल्केन में sp3 संकरण होता है।
एथेन दूसरा सदस्य है। यह हाइड्रोकार्बन सामान्य अवस्था में निष्क्रिय होते हैं। क्योकी यह अम्ल और क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। अतः इन्हे पैराफिन भी कहा जाता है।
एल्केन बनाने की विधि
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन से
हाइड्रोजन गैस निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एल्कीन के साथ अभिक्रिया करके एल्केन बनाती है इस क्रिया को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।
ऐल्किल हैलाइडों से
ऐल्किल हैलाइडों का ज़िंक तथा तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा अपचयन करने पर एल्केन प्राप्त होती है।
वुर्ट्ज अभिक्रिया
शुष्क ईथरीय विलयन में एल्किल हैलाइड की सोडियम धातु के साथ अभिक्रिया करने पर एल्केन प्राप्त होती है इसे वुर्ट्ज अभिक्रिया कहते हैं।