पीढ़ी एकान्तरण: Difference between revisions
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=== बीजाणुद्भिद् पीढ़ी === | === बीजाणुद्भिद् पीढ़ी === | ||
* दो अगुणित युग्मक मिलकर एक द्विगुणित युग्मनज बनाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप बीजाणुद्भिद् बनता है। | |||
* बीजाणुद्भिद् बहुकोशिकीय होता है। | |||
* परिपक्वता पर, बीजाणुद्भिद् में जनन अंग विकसित हो जाते हैं जिन्हें बीजाणुधानी कहा जाता है। | |||
* बीजाणुधानी, अगुणित बीजाणु बनाता है। | |||
* बीजाणु हवा और पानी द्वारा परागित होते हैं और अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर वह युग्मकोद्भिद में विकसित हो जाते हैं। | |||
=== युग्मकोद्भिद पीढ़ी === | === युग्मकोद्भिद पीढ़ी === | ||
* पीढ़ियों के प्रत्यावर्तन में यह अगली पीढ़ी है। | |||
* बीजाणु अगुणित होता है। युग्मकोद्भिद बनाने के लिए यह बीजाणु कई बार समसूत्री विभाजन करता है। | |||
* युग्मकोद्भिद पीढ़ी, युग्मक बनाती है। | |||
* ये युग्मक जनन अंग द्वारा निर्मित होते हैं। | |||
* मादा जनन अंग को स्त्रीधानी अथवा आर्कगोनियम कहा जाता है और नर जनन अंग को पुंधानी अथवा एन्थीरीडियम कहा जाता है। | |||
* युग्मक पौधों के बीच स्थानांतरित हो जाते हैं। अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर वह बीजाणुद्भिद् में विकसित हो जाते हैं। | |||
* जब एक नर युग्मक, मादा युग्मक को निषेचित करता है, तो एक युग्मज बनाता है जो अंततः बीजाणुद्भिद् बन जाता है। | |||
== पीढ़ी प्रत्यावर्तन के प्रकार == | == पीढ़ी प्रत्यावर्तन के प्रकार == | ||
=== हैप्लॉन्टिक (अगुणित) जीवन चक्र === | === हैप्लॉन्टिक (अगुणित) जीवन चक्र === | ||
* हैप्लॉन्टिक (अगुणित) जीवन चक्र में प्रमुख, प्रकाश संश्लेषक मुक्त-जीवि युग्मकोद्भिद चरण होता है। | |||
* एककोशिकीय युग्मनज, बीजाणुद्भिद् पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है। | |||
अगुणित बीजाणुओं का निर्माण | * युग्मनज में अर्धसूत्रीविभाजन द्वारा का अगुणित बीजाणुओं का निर्माण होता है। | ||
समसूत्री | * अगुणित बीजाणु समसूत्री विभाजन करते हैं और युग्मकोद्भिद बनाते हैं। | ||
* कई शैवाल जैसे '''''वोल्वॉक्स''''', '''''स्पाइरोगाइरा''''' और '''''क्लैमाइडोमोनस''''' की कुछ प्रजातियाँ इस जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व करती है। | |||
स्पाइरोगाइरा और क्लैमाइडोमोनस की कुछ प्रजातियाँ | |||
इस | |||
=== डिप्लॉन्टिक (द्विगुणित) जीवन चक्र === | === डिप्लॉन्टिक (द्विगुणित) जीवन चक्र === | ||
* डिप्लॉन्टिक (द्विगुणित) जीवन चक्र में प्रमुख, प्रकाश संश्लेषक मुक्त-जीवि बीजाणुद्भिद् चरण होता है। | |||
* युग्मकोद्भिद चरण को एकल से बहुकोशिकीय, अगुणित युग्मकोद्भिद द्वारा दर्शाया जाता है। | |||
चरण को एकल से | * शैवाल, '''''फ़्यूकस''''' सहित अनावृतबीजी और आवृतबीजी इस जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व करती है। | ||
=== हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र === | === हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र === | ||
* हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र में अगुणित युग्मकोद्भिद और द्विगुणित बीजाणुद्भिद् के बीच पीढ़ियों का प्रत्यावर्तन होता है। | |||
चरण बहुकोशिकीय होते हैं। | * दोनों चरण बहुकोशिकीय होते हैं। | ||
* इस चक्र में निषेचन एक बहुकोशिकीय द्विगुणित बीजाणुद्भिद् को जन्म देता है, जो अर्धसूत्रीविभाजन के माध्यम से अगुणित बीजाणु पैदा करता है। | |||
* ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स, हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र का प्रदर्शन करते हैं। |
Revision as of 23:09, 16 October 2023
जीवन चक्र, उन बदलावों का क्रम है जिसमें कोई जीव अपना जीवन पूरा करने के बाद अंततः अपनी आरम्भिक रूप व स्थिति में लौट जाता है। जीव का जन्म होता है और आयु के साथ विकसित होता है और अपनी आगे आने वाली पीड़ी की निरंतरता के हेतु जनन करता है। अपना जीवन चक्र पूरा करने के पश्च्यात जीव, मृत्यु को प्राप्त होता है। जन्म और मृत्यु का चक्र गतिशील रहता है। पौधों में भी ऐसा ही देखा जाता है। लेकिन पौधों के जीवन चक्र में एक बहुत ही दिलचस्प घटना घटती है जिसे पीढ़ी प्रत्यावर्तन के रूप में जाना जाता है। हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
परिचय
पौधों में, अगुणित और द्विगुणित दोनों कोशिकाएँ समसूत्री विभाजन द्वारा विभाजित हो सकती हैं I यही क्षमता पौधों के शरीर में विभिन्नता लाती है जैसे - पौधों में अगुणित और द्विगुणित अंगो का होना। अगुणित पौधा, समसूत्री विभाजन द्वारा युग्मकों का निर्माण करता है। यह युग्मकोद्भिद का प्रतिनिधित्व करता है। निषेचन के बाद युग्मनज भी समसूत्रण द्वारा विभाजित होकर द्विगुणित बनता है और बीजाणुद्भिद् का प्रतिनिधित्व करता है।
पादप शरीर द्वारा, अर्धसूत्रीविभाजन द्वारा, अगुणित बीजाणु उत्पन्न होते हैं । ये अगुणित बीजाणु समसूत्री विभाजन द्वारा विभाजित होते हैं और एक बार फिर अगुणित पौधे का निर्माण करते है। इस प्रकार, किसी भी लैंगिक जनन करने वाले पौधे के जीवन चक्र में, युग्मक उत्पादन करने वाले अगुणित युग्मकोद्भिद और बीजाणु का उत्पादन करने वाले द्विगुणित बीजाणुद्भिद् के बीच पीढ़ियों का एक प्रत्यावर्तन होता है।
पीढ़ी प्रत्यावर्तन की विशेषताएँ
- पौधे द्विगुणित बीजाणुद्भिद् और अगुणित युग्मकोद्भिद के बीच और अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रत्यावर्तन करते हैं।
- पीढ़ियों का परिवर्तन पौधे के प्रकार पर निर्भर करता है। ब्रायोफाइट्स में, प्रमुख पीढ़ी अगुणित होती है और युग्मकोद्भिद पीढ़ी मुख्य होती है। वही टेरिडोफाइट्स में, प्रमुख पीढ़ी द्विगुणित होती है और बीजाणुद्भिद् पीढ़ी मुख्य होती है।
- दो पीढ़ियों में से एक प्रमुख पीढ़ी होती है और अन्य गैर प्रमुख होती है।
- प्रमुख पीढ़ी के पौधे बड़े होते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं। गैर-प्रमुख पीढ़ियों में पौधे सूक्ष्म होते हैं।
पीढ़ी प्रत्यावर्तन के चरण
बीजाणुद्भिद् पीढ़ी
- दो अगुणित युग्मक मिलकर एक द्विगुणित युग्मनज बनाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप बीजाणुद्भिद् बनता है।
- बीजाणुद्भिद् बहुकोशिकीय होता है।
- परिपक्वता पर, बीजाणुद्भिद् में जनन अंग विकसित हो जाते हैं जिन्हें बीजाणुधानी कहा जाता है।
- बीजाणुधानी, अगुणित बीजाणु बनाता है।
- बीजाणु हवा और पानी द्वारा परागित होते हैं और अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर वह युग्मकोद्भिद में विकसित हो जाते हैं।
युग्मकोद्भिद पीढ़ी
- पीढ़ियों के प्रत्यावर्तन में यह अगली पीढ़ी है।
- बीजाणु अगुणित होता है। युग्मकोद्भिद बनाने के लिए यह बीजाणु कई बार समसूत्री विभाजन करता है।
- युग्मकोद्भिद पीढ़ी, युग्मक बनाती है।
- ये युग्मक जनन अंग द्वारा निर्मित होते हैं।
- मादा जनन अंग को स्त्रीधानी अथवा आर्कगोनियम कहा जाता है और नर जनन अंग को पुंधानी अथवा एन्थीरीडियम कहा जाता है।
- युग्मक पौधों के बीच स्थानांतरित हो जाते हैं। अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर वह बीजाणुद्भिद् में विकसित हो जाते हैं।
- जब एक नर युग्मक, मादा युग्मक को निषेचित करता है, तो एक युग्मज बनाता है जो अंततः बीजाणुद्भिद् बन जाता है।
पीढ़ी प्रत्यावर्तन के प्रकार
हैप्लॉन्टिक (अगुणित) जीवन चक्र
- हैप्लॉन्टिक (अगुणित) जीवन चक्र में प्रमुख, प्रकाश संश्लेषक मुक्त-जीवि युग्मकोद्भिद चरण होता है।
- एककोशिकीय युग्मनज, बीजाणुद्भिद् पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है।
- युग्मनज में अर्धसूत्रीविभाजन द्वारा का अगुणित बीजाणुओं का निर्माण होता है।
- अगुणित बीजाणु समसूत्री विभाजन करते हैं और युग्मकोद्भिद बनाते हैं।
- कई शैवाल जैसे वोल्वॉक्स, स्पाइरोगाइरा और क्लैमाइडोमोनस की कुछ प्रजातियाँ इस जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व करती है।
डिप्लॉन्टिक (द्विगुणित) जीवन चक्र
- डिप्लॉन्टिक (द्विगुणित) जीवन चक्र में प्रमुख, प्रकाश संश्लेषक मुक्त-जीवि बीजाणुद्भिद् चरण होता है।
- युग्मकोद्भिद चरण को एकल से बहुकोशिकीय, अगुणित युग्मकोद्भिद द्वारा दर्शाया जाता है।
- शैवाल, फ़्यूकस सहित अनावृतबीजी और आवृतबीजी इस जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व करती है।
हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र
- हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र में अगुणित युग्मकोद्भिद और द्विगुणित बीजाणुद्भिद् के बीच पीढ़ियों का प्रत्यावर्तन होता है।
- दोनों चरण बहुकोशिकीय होते हैं।
- इस चक्र में निषेचन एक बहुकोशिकीय द्विगुणित बीजाणुद्भिद् को जन्म देता है, जो अर्धसूत्रीविभाजन के माध्यम से अगुणित बीजाणु पैदा करता है।
- ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स, हैप्लो-डिप्लॉन्टिक जीवन चक्र का प्रदर्शन करते हैं।