एल्काइन: Difference between revisions

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एल्कीन के समान ही एल्काइन भी एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है इनमे दो कार्बन परमाणुओं के मध्य एक त्रिआबन्ध होता है।  
एल्कीन के समान ही एल्काइन भी एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है, इनमे दो कार्बन परमाणुओं के मध्य एक त्रिआबन्ध होता है। एल्केन तथा एल्कीन की तुलना में एल्काइन में हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।  


एल्केन तथा एल्कीन की तुलना में एल्काइन में हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।  
इनका सामान्य सूत्र CnH2n-2 है।  


इनका सामान्य सूत्र है।  
एल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन है, जो असतेलीने नाम से प्रचलित है। यह एल्काइन श्रेणी का सरलतम अणु है। एथाइन के प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ दो संकरित कार्बन कार्बन बंध बनता है।  H आबंध 180<sup>०</sup> का होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास C-C आबंध तथा तल के लंबवत असंकरित p कक्षक होता है। H-C-C आबंध 180<sup>०</sup> का होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास C-C आबंध तथा तल के लंबवत △p कक्षक होता है। एथाइन अणु में एक सिग्मा आबंध और दो पाई आबंध होते हैं। C = C की आबंध सामर्थ्य बंध एन्थैल्पी 823 KJ/मोल है, यह C=C द्विआबन्ध सामर्थ्य बंध असंकरित (681 KJ/ मोल) और C-C एकल आबंध बंध असंकरित 348 KJ /मोल से अधिक होती है।  


अल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन है, जो असतेलीने नाम से प्रचलित है। यह अल्काइन श्रेणी का सरलतम अणु है। एथाइन के प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ दो संकरित कार्बन कार्बन बंध बनता है।
== विरचन ==


H आबंध 180 ० का होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास स-स आबंध तथा तल के लंबवत असंकृत p कक्षक होता है।
=== कैल्सियम कार्बाइड से ===
जल के साथ कैल्सियम कार्बाइड की अभिक्रिया कराने पर एथाइन बनाई जाती है। इसके लिए कोक तथा बिना बुझा चूने को गर्म करके कैल्सियम कार्बाइड बनाया जाता है। चूना पत्थर से निम्न -लिखित अभिक्रिया द्वारा बिना बुझा चूना प्राप्त होता है।  
 
<chem>CaCO3 ->[△] CaO + CO2</chem>

Revision as of 13:01, 17 October 2023

एल्कीन के समान ही एल्काइन भी एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है, इनमे दो कार्बन परमाणुओं के मध्य एक त्रिआबन्ध होता है। एल्केन तथा एल्कीन की तुलना में एल्काइन में हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है।

इनका सामान्य सूत्र CnH2n-2 है।

एल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन है, जो असतेलीने नाम से प्रचलित है। यह एल्काइन श्रेणी का सरलतम अणु है। एथाइन के प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ दो संकरित कार्बन कार्बन बंध बनता है। H आबंध 180 का होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास C-C आबंध तथा तल के लंबवत असंकरित p कक्षक होता है। H-C-C आबंध 180 का होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास C-C आबंध तथा तल के लंबवत △p कक्षक होता है। एथाइन अणु में एक सिग्मा आबंध और दो पाई आबंध होते हैं। C = C की आबंध सामर्थ्य बंध एन्थैल्पी 823 KJ/मोल है, यह C=C द्विआबन्ध सामर्थ्य बंध असंकरित (681 KJ/ मोल) और C-C एकल आबंध बंध असंकरित 348 KJ /मोल से अधिक होती है।

विरचन

कैल्सियम कार्बाइड से

जल के साथ कैल्सियम कार्बाइड की अभिक्रिया कराने पर एथाइन बनाई जाती है। इसके लिए कोक तथा बिना बुझा चूने को गर्म करके कैल्सियम कार्बाइड बनाया जाता है। चूना पत्थर से निम्न -लिखित अभिक्रिया द्वारा बिना बुझा चूना प्राप्त होता है।

Failed to parse (Conversion error. Server ("cli") reported: "SyntaxError: Expected " ", "-", "[", "\\", "\\\\", "\\begin", "\\begin{", "\\{", "\\}", "]", "^", "_", "{", "}", [ \t\n\r], [%$], [().], [+-=#().,;/*<>|@&'[\]], [,:;?!'], [/|], [0-9], [><~], [\-+*=], or [a-zA-Z] but "△" found.in 1:29"): {\displaystyle \ce{CaCO3 ->[△] CaO + CO2}}