अस्थायी कठोरता: Difference between revisions
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यह जल में उपस्थित कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट लवणों के कारण होती हैं। इस प्रकार की कठोरता जल को उबालने या चूना डालने या, Na₂CO₃ (सोडियम कार्बोनेट) मिलाकर उबालने से खत्म हो जाती है क्योंकि ऐसा करने से केल्सियम तथा मैग्नीशियम आयन कार्बोनेट के रूप में अलग हो जाते हैं। '''कठोर जल''' यदि किसी जल में साबुन घिसने पर झाग पैदा नहीं होती है। साबुन से दहीं जैसा सफेद पदार्थ बन जाता है तो उसे कठोर जल कहते हैं। साबुन के साथ आसानी से झाग देने वाला जल मृदु एवं कठिनाई से झाग देने वाला जल कठोर होता है। कठोर जल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। वास्तव में, यह कुछ लाभ प्रदान कर सकता है क्योंकि यह खनिजों में समृद्ध है और संभावित Toxic धातु आयनों जैसे- लेड और तांबे की घुलनशीलता को कम करता है। हालांकि, कठोर जल बॉयलर में उपयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि उसे उबालने पर बॉयलर में लवणों (Salts) की पपड़ी जम जाने के कारण अधिक ऊष्मा व्यय होती हैं। यह कपड़े धोने तथा खाना पकाने के लिए भी योग्य नहीं होता। ऐसे मामलों में, जल मृदु करने के तरीकों का उपयोग किया जाता है। | |||
Ca(HCO<sub>3</sub>)<sub>2</sub>(aq) → CO<sub>2</sub>(g) + H<sub>2</sub>O(l) + CaCO<sub>3</sub>(s) | |||
Ca(HCO<sub>3</sub>)<sub>2</sub> + Ca(OH)<sub>2</sub> → 2CaCO<sub>3</sub> + 2H<sub>2</sub>O | |||
==जल की कठोरता का कारण== | |||
द्विसंयोजी या बहु संयोजी आयनों की उच्च सांद्रता जल की कठोरता का कारण है। जल की कठोरता मुख्य रुप से उसमें घुले हुए कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के बाई कार्बोनेट, क्लोराइड, सल्फेट एवं नाइट्रेट लवणों लवणों के कारण होती है। जल के बहाव के दौरान ये लवण जमीन से जल में एकत्रित हो जाते हैं। | |||
===कठोर जल का स्वास्थ्य पर प्रभाव=== | |||
*अपच संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। | |||
*कठोर जल से बाल धोने पर वह रूखे तथा बेजान बेजान हो जाते हैं। | |||
*कठोर जल से कपड़े धोने पर कपड़े चमक खो देते हैं। | |||
*पत्तों पर यदि यह पानी पड़ जाता है तो उनके छिद्र बंद हो जाते हैं। |
Revision as of 16:34, 25 October 2023
यह जल में उपस्थित कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट लवणों के कारण होती हैं। इस प्रकार की कठोरता जल को उबालने या चूना डालने या, Na₂CO₃ (सोडियम कार्बोनेट) मिलाकर उबालने से खत्म हो जाती है क्योंकि ऐसा करने से केल्सियम तथा मैग्नीशियम आयन कार्बोनेट के रूप में अलग हो जाते हैं। कठोर जल यदि किसी जल में साबुन घिसने पर झाग पैदा नहीं होती है। साबुन से दहीं जैसा सफेद पदार्थ बन जाता है तो उसे कठोर जल कहते हैं। साबुन के साथ आसानी से झाग देने वाला जल मृदु एवं कठिनाई से झाग देने वाला जल कठोर होता है। कठोर जल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। वास्तव में, यह कुछ लाभ प्रदान कर सकता है क्योंकि यह खनिजों में समृद्ध है और संभावित Toxic धातु आयनों जैसे- लेड और तांबे की घुलनशीलता को कम करता है। हालांकि, कठोर जल बॉयलर में उपयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि उसे उबालने पर बॉयलर में लवणों (Salts) की पपड़ी जम जाने के कारण अधिक ऊष्मा व्यय होती हैं। यह कपड़े धोने तथा खाना पकाने के लिए भी योग्य नहीं होता। ऐसे मामलों में, जल मृदु करने के तरीकों का उपयोग किया जाता है।
Ca(HCO3)2(aq) → CO2(g) + H2O(l) + CaCO3(s)
Ca(HCO3)2 + Ca(OH)2 → 2CaCO3 + 2H2O
जल की कठोरता का कारण
द्विसंयोजी या बहु संयोजी आयनों की उच्च सांद्रता जल की कठोरता का कारण है। जल की कठोरता मुख्य रुप से उसमें घुले हुए कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के बाई कार्बोनेट, क्लोराइड, सल्फेट एवं नाइट्रेट लवणों लवणों के कारण होती है। जल के बहाव के दौरान ये लवण जमीन से जल में एकत्रित हो जाते हैं।
कठोर जल का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- अपच संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- कठोर जल से बाल धोने पर वह रूखे तथा बेजान बेजान हो जाते हैं।
- कठोर जल से कपड़े धोने पर कपड़े चमक खो देते हैं।
- पत्तों पर यदि यह पानी पड़ जाता है तो उनके छिद्र बंद हो जाते हैं।