बीज प्रसुप्ति: Difference between revisions
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बीज प्रसुप्ति वह अवस्था है जिसमें तापमान, जल, प्रकाश, बीज आवरण और अन्य यांत्रिक प्रतिबंधों जैसी आदर्श बढ़ती परिस्थितियों में भी बीज अंकुरित नहीं हो पाता है। | |||
बीज प्रसुप्ति को उस अवस्था या स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी बीजों को अंकुरित होने से रोका जाता है। | |||
बीज प्रसुप्ति एक बीज का आंतरिक गुण है, जिसमें बीज ही बीज के अंकुरण के लिए पर्यावरणीय परिस्थितियों को निर्धारित करता है।यह बीज का विश्राम चरण है क्योंकि सुप्तावस्था अंकुरण में देरी करती है, इसलिए जीवित रहने के तंत्र के रूप में इसका बहुत महत्व है। |
Revision as of 18:57, 25 December 2023
बीज प्रसुप्ति वह अवस्था है जिसमें तापमान, जल, प्रकाश, बीज आवरण और अन्य यांत्रिक प्रतिबंधों जैसी आदर्श बढ़ती परिस्थितियों में भी बीज अंकुरित नहीं हो पाता है।
बीज प्रसुप्ति को उस अवस्था या स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी बीजों को अंकुरित होने से रोका जाता है।
बीज प्रसुप्ति एक बीज का आंतरिक गुण है, जिसमें बीज ही बीज के अंकुरण के लिए पर्यावरणीय परिस्थितियों को निर्धारित करता है।यह बीज का विश्राम चरण है क्योंकि सुप्तावस्था अंकुरण में देरी करती है, इसलिए जीवित रहने के तंत्र के रूप में इसका बहुत महत्व है।