डाइसैकेराइड्: Difference between revisions
m (added Category:कक्षा-12 using HotCat) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
[[Category:रसायन विज्ञान]] | [[Category:रसायन विज्ञान]] | ||
[[Category:कक्षा-12]] | [[Category:कक्षा-12]] | ||
डाइसैकेराइड् (C<sub>12</sub>H<sub>22</sub>O<sub>11</sub>)एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो एक ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा एक साथ जुड़ी दो मोनोसैकेराइड इकाइयों से बना होता है। कार्बोहाइड्रेट् वह कार्बनिक पदार्थ हैं जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन व आक्सीजन उपस्थित होते है। इसमें हाइड्रोजन व आक्सीजन का अनुपात जल के समान होता है। कुछ कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए यह वसा की भांति कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट का वसा की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पाचन होता है। | |||
जैसे - मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन | |||
रासायनिक रुप से कार्बोहाइड्रेट पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन होते हैं इनके जल अपघटन से पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन प्राप्त होता है। | |||
== परिभाषा == | |||
डाइसैकेराइड् ऐसे अणु होते हैं जो दो मोनोसैकेराइड के बीच संघनन अभि क्रिया (निर्जलीकरण संश्लेषण) से बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जल का एक अणु समाप्त हो जाता है। | |||
===डाइसैकेराइड्=== | |||
डाइसैकेराइड् 2 मोनोसैकराइड के आपस में संगठित होने से बनते हैं। इनका जलीय अपघटन आसान होता है। जिनसे सबसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होते हैं। | |||
<chem>C12H22O11(l) + H2O(l) ->[invertase] C6H12O6(l) + C6H12O6(l)</chem> | |||
जैसे - सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि। | |||
=== उदाहरण === | |||
'''सुक्रोज:''' ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से बना है। यह सामान्यतः गन्ने और चुकंदर में पाया जाता है। सुक्रोज वह टेबल शुगर है जिसका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। | |||
'''लैक्टोज:''' ग्लूकोज और गैलेक्टोज से बना है। यह दूध और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। कुछ व्यक्तियों को लैक्टोज को पचाने में कठिनाई होती है। | |||
'''माल्टोज़:''' दो ग्लूकोज अणुओं से बना है। यह स्टार्च के पाचन के दौरान बनता है और अंकुरित बीजों में पाया जाता है। माल्टोज़ का उपयोग बीयर के उत्पादन में भी किया जाता है। | |||
'''ग्लाइकोसिडिक बंधन:''' डाइसैकेराइड् में दो मोनोसैकेराइड इकाइयों के बीच के संबंध को ग्लाइकोसिडिक बंधन कहा जाता है। ग्लाइकोसिडिक बंधन का प्रकार विशिष्ट डाइसैकेराइड् के आधार पर भिन्न होता है। | |||
'''हाइड्रोलिसिस:''' हाइड्रोलिसिस के माध्यम से डाइसैकेराइड् को उनके घटक मोनोसैकेराइड में तोड़ा जा सकता है, एक प्रतिक्रिया जिसमें जल सम्मिलित होता है। यह संघनन अभिक्रिया के विपरीत है जो डाइसैकेराइड् बनाती है। | |||
'''पाचन और अवशोषण:''' इससे पहले कि शरीर ऊर्जा के लिए मोनोसैकेराइड का उपयोग कर सके, एंजाइमी पाचन के माध्यम से डाइसैकेराइड् को उनके घटक मोनोसैकेराइड में विभाजित करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एंजाइम सुक्रेज़ सुक्रोज़ को ग्लूकोज और फ्रुक्टोज़ में तोड़ देता है। | |||
'''पोषण में भूमिका:''' डाइसैकेराइड् मानव आहार में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। पाचन के दौरान वे मोनोसैकेराइड में टूट जाते हैं, और ये मोनोसैकेराइड फिर कोशिकाओं द्वारा उपयोग के लिए रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं। | |||
==डाइसैकेराइड् के मुख्य कार्य== | |||
*डाइसैकेराइड् का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना होता है। | |||
*यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है। | |||
*यह जन्तुओं तथा मनुष्यों में ग्लूकोज और ग्लायकोजन के रूप में ऊर्जा का भंडार करते हैं। | |||
*जंतुओं तथा पौधों में भोजन ग्लाइकोजन तथा स्टार्च के रूप में संग्रहित करते हैं। | |||
*यह शरीर को ऊष्मा प्रदान करता है। |
Revision as of 21:35, 26 December 2023
डाइसैकेराइड् (C12H22O11)एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो एक ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा एक साथ जुड़ी दो मोनोसैकेराइड इकाइयों से बना होता है। कार्बोहाइड्रेट् वह कार्बनिक पदार्थ हैं जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन व आक्सीजन उपस्थित होते है। इसमें हाइड्रोजन व आक्सीजन का अनुपात जल के समान होता है। कुछ कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है। शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करने के लिए यह वसा की भांति कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट का वसा की अपेक्षा शरीर मे जल्दी पाचन होता है।
जैसे - मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन
रासायनिक रुप से कार्बोहाइड्रेट पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन होते हैं इनके जल अपघटन से पालिहाइड्राक्सी एल्डिहाइड या पालिहाइड्राक्सी कीटोन प्राप्त होता है।
परिभाषा
डाइसैकेराइड् ऐसे अणु होते हैं जो दो मोनोसैकेराइड के बीच संघनन अभि क्रिया (निर्जलीकरण संश्लेषण) से बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जल का एक अणु समाप्त हो जाता है।
डाइसैकेराइड्
डाइसैकेराइड् 2 मोनोसैकराइड के आपस में संगठित होने से बनते हैं। इनका जलीय अपघटन आसान होता है। जिनसे सबसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होते हैं।
जैसे - सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि।
उदाहरण
सुक्रोज: ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से बना है। यह सामान्यतः गन्ने और चुकंदर में पाया जाता है। सुक्रोज वह टेबल शुगर है जिसका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं।
लैक्टोज: ग्लूकोज और गैलेक्टोज से बना है। यह दूध और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। कुछ व्यक्तियों को लैक्टोज को पचाने में कठिनाई होती है।
माल्टोज़: दो ग्लूकोज अणुओं से बना है। यह स्टार्च के पाचन के दौरान बनता है और अंकुरित बीजों में पाया जाता है। माल्टोज़ का उपयोग बीयर के उत्पादन में भी किया जाता है।
ग्लाइकोसिडिक बंधन: डाइसैकेराइड् में दो मोनोसैकेराइड इकाइयों के बीच के संबंध को ग्लाइकोसिडिक बंधन कहा जाता है। ग्लाइकोसिडिक बंधन का प्रकार विशिष्ट डाइसैकेराइड् के आधार पर भिन्न होता है।
हाइड्रोलिसिस: हाइड्रोलिसिस के माध्यम से डाइसैकेराइड् को उनके घटक मोनोसैकेराइड में तोड़ा जा सकता है, एक प्रतिक्रिया जिसमें जल सम्मिलित होता है। यह संघनन अभिक्रिया के विपरीत है जो डाइसैकेराइड् बनाती है।
पाचन और अवशोषण: इससे पहले कि शरीर ऊर्जा के लिए मोनोसैकेराइड का उपयोग कर सके, एंजाइमी पाचन के माध्यम से डाइसैकेराइड् को उनके घटक मोनोसैकेराइड में विभाजित करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एंजाइम सुक्रेज़ सुक्रोज़ को ग्लूकोज और फ्रुक्टोज़ में तोड़ देता है।
पोषण में भूमिका: डाइसैकेराइड् मानव आहार में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। पाचन के दौरान वे मोनोसैकेराइड में टूट जाते हैं, और ये मोनोसैकेराइड फिर कोशिकाओं द्वारा उपयोग के लिए रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं।
डाइसैकेराइड् के मुख्य कार्य
- डाइसैकेराइड् का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना होता है।
- यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
- यह जन्तुओं तथा मनुष्यों में ग्लूकोज और ग्लायकोजन के रूप में ऊर्जा का भंडार करते हैं।
- जंतुओं तथा पौधों में भोजन ग्लाइकोजन तथा स्टार्च के रूप में संग्रहित करते हैं।
- यह शरीर को ऊष्मा प्रदान करता है।