क्रिया प्रतिक्रीया: Difference between revisions
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प्रत्येक आर्थिक लेन-देन में एक क्रिया (कोई वस्तु या सेवा प्रदान करना) और एक प्रतिक्रिया (भुगतान प्राप्त करना) | प्रत्येक आर्थिक लेन-देन में एक क्रिया (कोई वस्तु या सेवा प्रदान करना) और एक प्रतिक्रिया (भुगतान प्राप्त करना) निहित है। | ||
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Revision as of 05:52, 8 February 2024
Action reaction
यह कल्पना की किसी गेंद के खेल में एक चलायमान गेंद का किसी दूसरी स्थिर अथवा चलायमान गेंद से टकराना, भौतिकी में क्रीया-प्रतिक्रीया को दर्शाता है। उदाहरण के लीये कंचों के खेल में ,दो कंचों की टक्कर में एक कंचा आगे बढ़त लेता है (क्रिया की दिशा), जबकि दूसरा कंचा , विपरीत दिशा (प्रतिक्रिया की दिशा) में चलायमान हो जाता है। इस प्रकार का पारस्परिक व्यवहार, न्यूटन के गति के तीसरे नियम को पूरी तरह से दर्शाता है:
प्रत्येक क्रिया की समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
यूटन के गति के तीसरे नियम
यहां इसस नियम के बारे में अधिक जानकारी दी गई है:
प्रमुख बिंदु
सहभागिता महत्वपूर्ण है
इस प्रकार के बलओं का एकल (इकाई) असतीतिव नहीं होता है। वे सर्वथा,द्वय रूप से प्रकट होते हैं, एक दूसरे के साथ व्यवहार करने वाली दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं।
परिमाण
क्रिया बल की क्षमता, प्रतिक्रिया बल की क्षमता के बराबर होती है। यह रस्साकशी की तरह है; दोनों पक्ष समान तीव्रता से खींचते हैं।
दिशा
बलों की दिशाएँ विपरीत हैं। सर्कस के उस जाल जिस पर ,जोकर अथवा कलाकार कूदते हैं के बारे में सोचने पर नीचे के ओर के बल (क्रिया) धकेलते हैं, जबकि वही जाल उस नीचे के ओर के बल को प्रतिक्रीया के रूप में ऊपर की ओर (प्रतिक्रिया) धकेलता है।
बल रद्द नहीं करते
प्रत्येक बल एक अलग वस्तु पर कार्य करता है, इसलिए वे एक दूसरे को रद्द नहीं करते हैं। इन दोनों का स्वतंत्र प्रभाव है।
क्रीय प्रतिक्रीया के उदाहरण
रॉकेट प्रक्षेपण
रॉकेट से निकलने वाली गर्म गैसें (क्रिया) इसे आगे बढ़ाती हैं (प्रतिक्रिया)।
चलना
चलने के प्रक्रीया में जैसे ही कोई व्यक्ति धरा पर पाँव नीच के ओर रखता है (क्रिया), धरा उसको आगे की ओर धकेलती है (प्रतिक्रिया)।
तैरना
तैरने की प्रक्रीया में ,तैराक,जल को पीछे की ओर धकेलते हैं (क्रिया), तो जल उसको आगे की ओर धकेलता है (प्रतिक्रिया)।
स्मरण रहे
क्रिया और प्रतिक्रिया बल विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करते हैं। ये क्षमता एक साथ विद्यमान हैं,यानि ऐसा नहीं है की एक के होने के उपरांत,दूसरे क्षमता ,प्रकट होगी ।
संक्षेप में
क्रिया-प्रतिक्रिया सिद्धांत भौतिकी से परे लागू होता है। पर कहीं कहीं ,इस सिद्धांत को भौतिकी से परे रख कर भी ,अन्य क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है जैसे:
रसायन विज्ञान
प्रत्येक रासायनिक प्रतिक्रिया में, अभिकारक एक-दूसरे पर बल लगाते हैं, जिससे उत्पादों का निर्माण होता है।
अर्थशास्त्र
प्रत्येक आर्थिक लेन-देन में एक क्रिया (कोई वस्तु या सेवा प्रदान करना) और एक प्रतिक्रिया (भुगतान प्राप्त करना) निहित है।