न्यूटन का गति का पहला नियम: Difference between revisions
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न्यूटन का गति का प्रथम नियम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाहरी बलों की अनुपस्थिति में वस्तुओं के व्यवहार को समझने में | न्यूटन का गति का प्रथम नियम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाहरी बलों की अनुपस्थिति में वस्तुओं के व्यवहार को समझने में सुविधा करता है। यह गतिशीलता की समझ के लिए आधार बनाता है और प्रायः इसे भौतिकी, इंजीनियरिंग और यहां तक कि दैनिक-जीवन की स्थितियों,जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाता है। | ||
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Revision as of 14:26, 14 February 2024
Netwon's First law of motion
न्यूटन का गति का पहला नियम, जिसे जड़त्व के नियम के रूप में भी जाना जाता है, यह इंगित करता है की साधारणतः कोई भी वस्तु या तो स्थिर अवस्था में अथवा एक गतिमान अवस्था में (जहां उस वस्तु की वेग-अवस्था के गति व दिशा,दोनों ही कारक,एकमेव अथवा द्वमेव, स्वतंत्र-रूप से) रहने की प्रवृत्ति रखती है, जब तक कि उस पर कोई बह्य-बल (बाहरी बल) कार्य न कर रहे हों।
सरल शब्दों में
इसका अर्थ है कि वस्तुएँ स्वाभाविक रूप से अपनी गति में परिवर्तन का विरोध करती हैं। यदि कोई वस्तु गतिमान नहीं है, तो वह तब तक स्थिर रहेगी जब तक कि कोई वस्तु उसे धकेलती या खींचती नहीं है। इसी तरह, यदि कोई वस्तु पहले से ही चल रही है, तो वह एक स्थिर गति से एक सीधी रेखा में तब तक चलती रहेगी,जब तक कि कोई वस्तु उसे रोकने या उसकी गति को बदलने का कारण नहीं बनती।
(यहाँ ध्यान देने योग्य,यह भी है की वक्रीय (पूर्णतः अथवा अर्ध-पूर्ण वर्तुल एवं वक्रीय पथ पर चलायमान वस्तु ) गति-पथ पर भी यह नियम इस लीये लागू माना जा सकता है,क्योंकी यह विचार की वक्रीय पथ पर किसी वस्तु की गति की क्रीयशीलअवस्था,रेखीय गति के लघु- सादिश रूप से ही संबंधित होती है,इस संशय को, की गतिमान अवस्था में न्यूटन के नियम केवल रेखीय पथ पर चलायमान वस्तुओं पर ही लागू होते हैं, व्यवस्था देता है।
यह नियम जड़त्व की अवधारणा पर आधारित है, जो किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति है। किसी वस्तु की जड़ता की मात्रा उसके द्रव्यमान पर निर्भर करती है। अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं में अधिक जड़ता होती है और वे अपनी गति में परिवर्तन के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं।
उदाहरण के लिए
टेबल पर पुस्तक
एक काल्पनिक उदाहरण में टेबल पर एक पुस्तक रखी है। यदि इस पुस्तक को हल्का सा धक्का लग जाए , तो वह उस ही टेबल पर सरक जाएगी और अंततः पुस्तक और टेबल की सतह के बीच घर्षण के कारण रुक जाएगी। इस संदर्भ में, घर्षण बाहरी बल है जो पुस्तक की गति का विरोध करता है और इसे रोकने का कारण बनता है।
साइकिल की सवारी
इसी तरह, यदि एक साइकिल की सवारी कर रहा व्यक्ति अचानक ब्रेक लगा ले, तो अग्र-दिशा में (आगे की ओर फेकने वाले) बल का अनुभव करेगा , जो साइकिल की चल को असंतुलित कर देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साइकिल चालक का शरीर अपनी जड़ता के कारण आगे बढ़ना जारी रखता है, जबकि उस चालक-व्यक्ति को चलाने वाली साइकिल धीमी हो जाती है। ऐसी स्थिती में बिना साइकिल सवार ,ब्रेक/अवरुद्धन होने पर भी ,उसी गति से अग्रिम दिशा से आगे बढ़ता रहेगा।
फुटबॉल का स्थिर अथवा चलायमान अवस्था में प्रवृत रहना
न्यूटन की गति का पहला नियम एक फुटबॉल के स्थिर अवस्था अथवा चलायमान अवस्था में प्रवृत रहने की चेष्टा जैसी सामान्य घटना की अवधि में दिखाया गया है। पहले नियम में, गेंद हवा से प्रभावित होती है, एक असंतुलित बल, जिसके कारण वह लुढ़कती है।
संक्षेप में
न्यूटन का गति का प्रथम नियम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाहरी बलों की अनुपस्थिति में वस्तुओं के व्यवहार को समझने में सुविधा करता है। यह गतिशीलता की समझ के लिए आधार बनाता है और प्रायः इसे भौतिकी, इंजीनियरिंग और यहां तक कि दैनिक-जीवन की स्थितियों,जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाता है।