न्यूटन का गति का तीसरा नियम: Difference between revisions

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== संक्षेप में ==
== संक्षेप में ==
इस नियम को समझने से यह समझने में सुविधा मिलती है कि वस्तुएं क्यों चलती हैं और जिस तरह से वे चलती हैं, उससे उनके पारस्परिक व्यवहार में क्या बदलाव आता है। यह कई वस्तुओं और उनकी अंतःक्रियाओं को सम्मलित करने वाली प्रणालियों की गतिशीलता का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है।
इस नियम को समझने से यह सुविधा मिलती है कि वस्तुएं क्यों चलती हैं और जिस तरह से वे चलती हैं, उससे उनके पारस्परिक व्यवहार में क्या बदलाव आता है। यह कई वस्तुओं और उनकी अंतःक्रियाओं को सम्मलित करने वाली प्रणालियों की गतिशीलता का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है।


याद रखें, न्यूटन के तीसरे नियम का मुख्य विचार यह है कि बल द्विज में कार्यशील रहते हैं जहां उनकी ताकत में बराबर रहती है यह द्विज विपरीत दिशा में कार्य करता है।
याद रखें, न्यूटन के तीसरे नियम का मुख्य विचार यह है कि बल द्विज में कार्यशील रहते हैं जहां उनकी ताकत में बराबर रहती है यह द्विज विपरीत दिशा में कार्य करता है।
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Revision as of 17:49, 15 February 2024

Newton's third law of motion

न्यूटन का गति का तीसरा नियम भौतिकी का एक अन्य महत्वपूर्ण सिद्धांत है।

विधिवत उद्धरण

विधिवत रूप से इसस नियम को प्रायः इस प्रकार उद्धृत कीया जाता है:

"हर क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।"

यहाँ इस उद्धरण को इस प्रकार समझ जा सकता है :

   क्रिया

एक क्रिया किसी वस्तु पर लगाए गए बल को संदर्भित करती है। जब किसी वस्तु को धक्का दीया जाता है,अथवा खींचव उत्पन्न कीया जाता है या उसके साथ परस्पर व्यवहार कीया जाता है, तब उस पर एक क्रिया या बल लगा रहा होता है।

   प्रतिक्रिया

प्रतिक्रिया वह बल है जो वस्तु द्वारा, किसी अन्य वस्तु पर तब लगाता है,जब वह किसी क्रिया का अनुभव करती है। यह परिमाण (शक्ति) में समान है और क्रिया बल की दिशा में विपरीत है।

   समान और विपरीत

इसका अर्थ है कि प्रतिक्रिया बल क्रिया बल के समान आकार (परिमाण) का होता है लेकिन विपरीत दिशा में कार्य करता है। इसलिए, यदि आप किसी वस्तु को एक निश्चित बल के साथ दाईं ओर धकेलते हैं, तो वह वस्तु आपको बाईं ओर समान बल के साथ वापस धकेलती है।

बल युग्म

यदि आंतरिक बल समान और विपरीत नहीं हैं , तो न्यूटन का दूसरा नियम शुद्ध द्रव्यमान (m1 + m2) पर लगाए गए शुद्ध वास्तविक बल के लिए लागू नहीं होगा।

न्यूटन के गति के तीसरे नियम में कहा गया है कि बल हमेशा जोड़े में होते हैं। जब भी कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी उतनी ही विपरीत दिशा में पहली वस्तु पर बल लगाती है।

दैनिक जीवन में उदाहरण

इसे स्पष्ट करने के लिए, एक दैनिक उदाहरण पर विचार करने पर :

इस काल्पनिक उदाहरण में एक चिकनी सतह पर एक स्केटबोर्ड पर खड़ा व्यक्ति ,यदि हाथ से दीवार पर धक्का देता है तो , तो दीवार पर एक क्रिया बल लगता है। धक्के की प्रतिक्रिया के रूप में, दीवार विपरीत दिशा में समान बल लगाती है। यह बल विपरीत दिशा में दीवार से दूर ले जाने का कारण बनता है, जिससे स्केटबोर्ड विपरीत दिशा में लुढ़कता है।

इस उदाहरण में, दीवार पर धक्का क्रिया बल है, और पर दीवार का धक्का (और स्केटबोर्ड) प्रतिक्रिया बल है। दोनों बल समान हैं,लेकिन विपरीत दिशाओं में कार्य करते हैं।

न्यूटन का तीसरा नियम न केवल स्थिर वस्तुओं पर बल्कि गतिमान वस्तुओं पर भी लागू होता है। यह बताता है कि कैसे बल वस्तुओं के बीच परस्पर क्रिया करते हैं और ये परस्पर क्रियाएं उनकी गति को कैसे प्रभावित करती हैं।

संक्षेप में

इस नियम को समझने से यह सुविधा मिलती है कि वस्तुएं क्यों चलती हैं और जिस तरह से वे चलती हैं, उससे उनके पारस्परिक व्यवहार में क्या बदलाव आता है। यह कई वस्तुओं और उनकी अंतःक्रियाओं को सम्मलित करने वाली प्रणालियों की गतिशीलता का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है।

याद रखें, न्यूटन के तीसरे नियम का मुख्य विचार यह है कि बल द्विज में कार्यशील रहते हैं जहां उनकी ताकत में बराबर रहती है यह द्विज विपरीत दिशा में कार्य करता है।