गुरुत्वीय स्थितज ऊर्जा: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

Line 1: Line 1:
Gravitational potential energy
Gravitational potential energy


गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में किसी वस्तु की स्थिति से जुड़ी ऊर्जा का एक रूप है। यह वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में भूमि या किसी संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) (अथवा स्तर) से ऊंचाई के कारण पाई जाती है।
गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में किसी वस्तु की स्थिति से जुड़ी ऊर्जा का एक रूप है। यह वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में भूमि या किसी संदर्भ बिंदु (अथवा स्तर) से उच्च स्तर के कारण पाई जाती है।


== साधारण परिदृश्य का उदाहरण ==
== साधारण परिदृश्य का उदाहरण ==
एक गेंद को धरा से ऊपर उठाए जाने पर जैसे ही गेंद को ऊंचे स्थान पर उठाया जाता है, यह गुरुत्वाकर्षण के कारण स्थितिज ऊर्जा प्राप्त कर लेती है। गेंद में स्थितज ऊर्जा की मात्रा उसके द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण और संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) से ऊपर उसकी ऊंचाई पर निर्भर करती है।  
एक गेंद को धरा से ऊपर उठाए जाने पर जैसे ही गेंद को ऊंचे स्थान पर उठाया जाता है, यह गुरुत्वाकर्षण के कारण स्थितिज ऊर्जा प्राप्त कर लेती है। गेंद में स्थितज ऊर्जा की मात्रा उसके द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण और संदर्भ बिंदु (अथवा स्तर) से ऊपर उसकी उच्च स्तर पर निर्भर करती है।  


===== गणना-सूत्र =====
===== गणना-सूत्र =====
Line 18: Line 18:
*    <math>m</math> वस्तु का द्रव्यमान है
*    <math>m</math> वस्तु का द्रव्यमान है
*    <math>g</math> गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है (पृथ्वी पर लगभग <math>9.8 </math> मीटर प्रति सेकंड वर्ग)
*    <math>g</math> गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है (पृथ्वी पर लगभग <math>9.8 </math> मीटर प्रति सेकंड वर्ग)
*   <math>h</math> संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) के ऊपर वस्तु की ऊंचाई है
*   <math>h</math> संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) के ऊपर वस्तु की उच्च स्तर  है


यह सूत्र यह इंगित करता है कि किसी वस्तु का द्रव्यमान, ऊँचाई या दोनों बढ़ने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा क्यों बढ़ती है।
यह सूत्र यह इंगित करता है कि किसी वस्तु का द्रव्यमान, ऊँचाई या दोनों बढ़ने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा क्यों बढ़ती है।
Line 25: Line 25:


===== उदाहरण के लिए =====
===== उदाहरण के लिए =====
यदि दो वस्तुओं की स्थितिज ऊर्जा की तुलना करनी हो तो, एक ही संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) (अथवा स्तर) से उनकी ऊंचाई मापी जानी  चाहिए।
यदि दो वस्तुओं की स्थितिज ऊर्जा की तुलना करनी हो तो, एक ही संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) (अथवा स्तर) से उनकी उच्च स्तर  मापी जानी  चाहिए।


== संकलन व संरक्षण नियम ==
== संकलन व संरक्षण नियम ==

Revision as of 13:03, 22 March 2024

Gravitational potential energy

गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में किसी वस्तु की स्थिति से जुड़ी ऊर्जा का एक रूप है। यह वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में भूमि या किसी संदर्भ बिंदु (अथवा स्तर) से उच्च स्तर के कारण पाई जाती है।

साधारण परिदृश्य का उदाहरण

एक गेंद को धरा से ऊपर उठाए जाने पर जैसे ही गेंद को ऊंचे स्थान पर उठाया जाता है, यह गुरुत्वाकर्षण के कारण स्थितिज ऊर्जा प्राप्त कर लेती है। गेंद में स्थितज ऊर्जा की मात्रा उसके द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण और संदर्भ बिंदु (अथवा स्तर) से ऊपर उसकी उच्च स्तर पर निर्भर करती है।

गणना-सूत्र

गुरुत्वाकर्षण स्थितज ऊर्जा की गणना करने का सूत्र:

है।

जहाँ:

  •    गुरुत्वाकर्षण स्थितज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है
  •    वस्तु का द्रव्यमान है
  •    गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है (पृथ्वी पर लगभग मीटर प्रति सेकंड वर्ग)
  •    संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) के ऊपर वस्तु की उच्च स्तर है

यह सूत्र यह इंगित करता है कि किसी वस्तु का द्रव्यमान, ऊँचाई या दोनों बढ़ने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा क्यों बढ़ती है।

प्रायः संदर्भबिंदु (अथवा स्तर), मनमाने ढंग से चुना जाता है, लेकिन विभिन्न वस्तुओं या स्थितियों के बीच स्थितज ऊर्जा की तुलना करते समय सुसंगत होना महत्वपूर्ण है।

उदाहरण के लिए

यदि दो वस्तुओं की स्थितिज ऊर्जा की तुलना करनी हो तो, एक ही संदर्भबिंदु (अथवा स्तर) (अथवा स्तर) से उनकी उच्च स्तर मापी जानी चाहिए।

संकलन व संरक्षण नियम

जब गेंद को ऊंचे स्थान से छोड़ा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा,ऊर्जा के दूसरे रूप, जैसे गतिज ऊर्जा (गति की ऊर्जा) में परिवर्तित हो जाती है। जैसे ही गेंद गिरती है, इसकी स्थितिज ऊर्जा क्षीण हो जाती है,जबकि इसकी गतिज ऊर्जा जाती है। यह ऊर्जा के संरक्षण के नियम के कारण है, जो यह बताता है कि ऊर्जा का निर्माण अथवा नष्ट नहीं किया जा सकता है, आगे किसी वस्तु अथवा प्रणाली की कुल-ऊर्जा के एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तिन में ऊर्जा के विभिन्न रूपों का संकलन व संरक्षण नियम ,गणितीय सूत्रों से निर्धारित कीये जा सकते हैं।

संक्षेप में

गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में वस्तुओं के व्यवहार को समझने के लिए गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा एक आवश्यक अवधारणा है। यह वस्तुओं के गिरने, सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति और यहां तक ​​कि तारों और आकाशगंगाओं के निर्माण जैसी घटनाओं को समझाने में सुविधा करता है।