गुरत्व तरंगें: Difference between revisions
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भौतिकी में, गुरुत्वीय तरंगें (गुरुत्वाकर्षण तरंगें नहीं) समष्टि काल (स्पेस-टाइम अथवा अंतरिक्ष-समय) के ताने-बाने में तरंगें होती हैं जो बदलते द्रव्यमान वितरण के साथ स्रोतों से बाहर की ओर फैलती हैं। इनकी खोज की कहानी आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत की एक मौलिक भविष्यवाणी से हुई । | भौतिकी में, गुरुत्वीय तरंगें (गुरुत्वाकर्षण तरंगें नहीं) समष्टि काल (स्पेस-टाइम अथवा अंतरिक्ष-समय) के ताने-बाने में तरंगें होती हैं जो बदलते द्रव्यमान वितरण के साथ स्रोतों से बाहर की ओर फैलती हैं। इनकी खोज की कहानी आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत की एक मौलिक भविष्यवाणी से हुई । | ||
== सरोवर दृष्टांत रूप में == | |||
गुरुत्वाकर्षण तरंगें के व्यवहार ज्ञात करने के लीए उस एक सरोवर की सतह पर उठने वाली लहरों के आचरण को परिकल्पित करना पड़ता है, जिसमे एक पत्थर फेंका गया हो । इस दृष्टांत में सरोवर की सतह से विलग, उस ब्रह्मांड की कल्पना निहित है जिसके ताने-बाने में इस प्रकार के घटना क्रम होते रहते हैं। | गुरुत्वाकर्षण तरंगें के व्यवहार ज्ञात करने के लीए उस एक सरोवर की सतह पर उठने वाली लहरों के आचरण को परिकल्पित करना पड़ता है, जिसमे एक पत्थर फेंका गया हो । इस दृष्टांत में सरोवर की सतह से विलग, उस ब्रह्मांड की कल्पना निहित है जिसके ताने-बाने में इस प्रकार के घटना क्रम होते रहते हैं। | ||
Revision as of 14:52, 22 March 2024
Gravity waves
भौतिकी में, गुरुत्वीय तरंगें (गुरुत्वाकर्षण तरंगें नहीं) समष्टि काल (स्पेस-टाइम अथवा अंतरिक्ष-समय) के ताने-बाने में तरंगें होती हैं जो बदलते द्रव्यमान वितरण के साथ स्रोतों से बाहर की ओर फैलती हैं। इनकी खोज की कहानी आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत की एक मौलिक भविष्यवाणी से हुई ।
सरोवर दृष्टांत रूप में
गुरुत्वाकर्षण तरंगें के व्यवहार ज्ञात करने के लीए उस एक सरोवर की सतह पर उठने वाली लहरों के आचरण को परिकल्पित करना पड़ता है, जिसमे एक पत्थर फेंका गया हो । इस दृष्टांत में सरोवर की सतह से विलग, उस ब्रह्मांड की कल्पना निहित है जिसके ताने-बाने में इस प्रकार के घटना क्रम होते रहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें बड़े स्तर पर वस्तुओं को त्वरता प्रदान करने पर उत्पन्न होती हैं, जैसे कि न्यूट्रॉन सितारों की बाइनरी सिस्टम या एक दूसरे की परिक्रमा करने वाले ब्लैक होल। जब ये विशाल वस्तुएँ एक-दूसरे के चारों ओर घूमती हैं, तो वे अपने चारों ओर के अंतरिक्ष-समय में गड़बड़ी पैदा करती हैं, जिससे तरंगें पैदा होती हैं जो प्रकाश की गति से बाहर की ओर फैलती हैं। इन्हीं तरंगों को हम गुरुत्वीय तरंगें कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें अविश्वसनीय रूप से फीकी और मायावी होती हैं। वे ब्रह्मांड के माध्यम से विशाल दूरी की यात्रा कर सकते हैं, वस्तुतः हस्तक्षेप करने वाले पदार्थ से अप्रभावित। हालाँकि, जैसे ही वे स्पेसटाइम से गुजरते हैं, वे वस्तुओं के बीच की दूरी में छोटे उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। ये उतार-चढ़ाव हैं जो वैज्ञानिकों का पता लगाने और मापने का लक्ष्य रखते हैं।
गुरुत्वाकर्षण तरंगों का प्रत्यक्ष पता लगाना 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक थी। 2015 में, लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO) ने दो ब्लैक होल के विलय से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पहला प्रत्यक्ष अवलोकन किया। इस ज़बरदस्त खोज ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों के अस्तित्व की पुष्टि की और ब्रह्मांड का पता लगाने के लिए एक नया रास्ता खोल दिया।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें खगोल भौतिकी और मौलिक भौतिकी में अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। गुरुत्वाकर्षण तरंग संकेतों का अवलोकन और विश्लेषण करके, वैज्ञानिक ब्लैक होल, न्यूट्रॉन सितारों और अन्य विदेशी वस्तुओं के गुणों का अध्ययन कर सकते हैं। वे गुरुत्वाकर्षण की प्रकृति की भी जांच कर सकते हैं और चरम स्थितियों में आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत का परीक्षण कर सकते हैं।
गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिए अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों और परिष्कृत तकनीकों की आवश्यकता होती है।