प्रतिअम्ल: Difference between revisions
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मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम सिमेटिडीन व रैनिटिडीन। | मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम सिमेटिडीन व रैनिटिडीन। | ||
पेट में अम्ल के अधिक उत्पादन से जलन और दर्द होता है। गंभीर मामलों में, पेट में अल्सर भी विकसित हो सकते हैं। 1970 तक, अम्लता का उपचार केवल सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट या एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम का मिश्रण जैसे एंटासिड का प्रयोग था। हालाँकि, अत्यधिक हाइड्रोजनकार्बोनेट पेट को खराब कर सकता है। | पेट में अम्ल के अधिक उत्पादन से जलन और दर्द होता है। गंभीर मामलों में, पेट में अल्सर भी विकसित हो सकते हैं। 1970 तक, अम्लता का उपचार केवल सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट या एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम का मिश्रण जैसे एंटासिड का प्रयोग था। हालाँकि, अत्यधिक हाइड्रोजनकार्बोनेट पेट को खराब कर सकता है। कई बार ज्यादा चाय, कॉफी, आचार या एलोपैथिक दवाइयों या कुछ उल्टा सीधा खाने से हमारे पेट मे आमाश्य ज्यादा मात्रा मे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल स्रावित होने लगता है यही पेट के ph का ज्यादा कम हो जाता है तो पेट मे अल्सर बनने लग जाता है जो की जानलेवा होता है। |
Revision as of 11:39, 28 March 2024
वे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग आमाशय की अम्लीयता को कम करने के लिए किया जाता है प्रतिअम्ल औषधियाँ कहते हैं। प्रत्यम्ल (= प्रति+अम्ल / antacid) वे पदार्थ हैं जो आमाशय की अम्लता को उदासीन (न्यूट्रलाइज) करने का काम करते हैं जिससे आमाशय की जलन, अपच आदि से छुटकारा मिलता है। इनका मुख्य उद्देश्य अमाशय की म्यूकोसा की सीट तथा पेप्सिन से रक्षा करना होता है।
उदहारण
मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम सिमेटिडीन व रैनिटिडीन।
पेट में अम्ल के अधिक उत्पादन से जलन और दर्द होता है। गंभीर मामलों में, पेट में अल्सर भी विकसित हो सकते हैं। 1970 तक, अम्लता का उपचार केवल सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट या एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम का मिश्रण जैसे एंटासिड का प्रयोग था। हालाँकि, अत्यधिक हाइड्रोजनकार्बोनेट पेट को खराब कर सकता है। कई बार ज्यादा चाय, कॉफी, आचार या एलोपैथिक दवाइयों या कुछ उल्टा सीधा खाने से हमारे पेट मे आमाश्य ज्यादा मात्रा मे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल स्रावित होने लगता है यही पेट के ph का ज्यादा कम हो जाता है तो पेट मे अल्सर बनने लग जाता है जो की जानलेवा होता है।