प्रत्यास्थलक: Difference between revisions
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[[File:Polymer picture.svg|thumb|'''(A)''' - अपनी सामान्य स्थिति में किसी '''प्रत्यास्थलक''' (पॉलीमर) का चित्रण '''(B)''' - तनाव की स्थिति में वही '''प्रत्यास्थलक पदार्थ''' । जब तनाव हटा लिया जाता है तो ये पॉलीमर A स्थिति में आ जाते हैं, (बिन्दु, क्रॉस-लिंक को निरूपित कर रहे हैं।)]] | |||
ऐसी सामग्री,जो अणुओं की लंबी शृंखलाबद्ध कड़ी (जिसे सामान्य रूप से आंग्ल भाषा में "पॉलिमर" के नामकरण से जाना जाता है ) से बनी हुए हो और जो लघुतम रूप में भी रबर जैसा भास दे व जो अत्याधिक खिंचाव के उपरांत भी अपने मूल आकार को पुनः प्राप्त करने में सक्षम रहे, प्रत्यास्थलक पदार्थों की श्रेणी के पदार्थों में आती है । | |||
प्रायः इस श्रेणी के पदार्थों में जिनमें श्यानता के साथ-साथ प्रत्यास्थता भी पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इनमें बहुत अल्प मात्रा का अन्तरा-अणुक बल पाया जाता है ऐवम इनका यंग प्रत्यास्थता गुणांक बहुत कम होता है तथा ये बहुत अधिक विकृति के बाद ही टूटते हैं। 'प्रत्यास्थलक' और 'रबर' इन दो शब्दों को प्रायः एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है किन्तु वल्कनीकरण के सन्दर्भ में रबर का प्रयोग अधिक होता है। | |||
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Revision as of 21:46, 17 April 2024
Elastomers
ऐसी सामग्री,जो अणुओं की लंबी शृंखलाबद्ध कड़ी (जिसे सामान्य रूप से आंग्ल भाषा में "पॉलिमर" के नामकरण से जाना जाता है ) से बनी हुए हो और जो लघुतम रूप में भी रबर जैसा भास दे व जो अत्याधिक खिंचाव के उपरांत भी अपने मूल आकार को पुनः प्राप्त करने में सक्षम रहे, प्रत्यास्थलक पदार्थों की श्रेणी के पदार्थों में आती है ।
प्रायः इस श्रेणी के पदार्थों में जिनमें श्यानता के साथ-साथ प्रत्यास्थता भी पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इनमें बहुत अल्प मात्रा का अन्तरा-अणुक बल पाया जाता है ऐवम इनका यंग प्रत्यास्थता गुणांक बहुत कम होता है तथा ये बहुत अधिक विकृति के बाद ही टूटते हैं। 'प्रत्यास्थलक' और 'रबर' इन दो शब्दों को प्रायः एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है किन्तु वल्कनीकरण के सन्दर्भ में रबर का प्रयोग अधिक होता है।